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कैमूर: आफत की बारिश ने किसानों के मंसूबे पर फेरा पानी, 80 प्रतिशत फसलें बर्बाद

किसानों की मानें तो बारिश के कारण लगभग 80 प्रतिशत धान की फसलें खराब हो चुकी हैं. ऐसे में यदि मौसम साफ नहीं होता है तो धान पूरी तरह से खराब हो जाएगा. इनका कहना है कि इसके लिये सबसे ज्यादा जिम्मेदार जिला प्रशासन है.

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80 प्रतिशत फसलें बर्बाद
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Published : Dec 14, 2019, 9:32 AM IST

कैमूर: जिले में गुरुवार की रात से हो रही लगातार बारिश ने किसान के अरमानों पर पानी फेर दिया है. बेमौसम हुई बारिश से सैकड़ों एकड़ जमीन में लगी धान की फसलें बर्बाद हो गई हैं. किसानों को इससे लाखों का नुकसान हुआ है. अब उन्हें यह चिंता सता रही है कि यदि मौसम साफ न हुआ तो उनके सामने भूखमरी की नौबत आ जाएगी.

किसानों की मानें तो बारिश के कारण लगभग 80 प्रतिशत धान की फसलें खराब हो चुकी है. ऐसे में यदि मौसम साफ नहीं होता हैं तो धान पूरी तरह से खराब हो जाएगा. बेमौसम हुई इस बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को ही हुआ है. इनका कहना है कि इसके लिये सबसे ज्यादा जिम्मेदार जिला प्रशासन है.

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फसल बचाने की जद्दोजहद से जुटे किसान

जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
दरअसल, सरकार ने 15 नवंबर से धान खरीद की तिथि घोषित की थी. लेकिन तिथि घोषित होने के 1 माह बाद भी खरीदारी नहीं शुरू हुई. यदि जिला प्रशासन ने सरकार के आदेश को माना होता तो खरीदारी शुरू हुई होती और धान पैक्स के गोदाम में होता. ऐसे में नुकसान भी कम होता. लेकिन खरीदारी नहीं होने से धान खलियान में रखा रह गया और बारिश में भीगकर खराब हो गया.

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बारिश के कारण खेतों में लगी फसलें बर्बाद

किसानों को लाखों का नुकसान
किसानों का कहना है कि अब तो उनका धान न पैक्स लेगा और न ही बाजार में कोई व्यापारी खरीदेगा. यदि मौसम साफ होता है और धान दोबारा नहीं भीगता है तो उसको सुखाने की कोशिश की जाएगी जिसमें शायद कुछ धान बच जाए. लेकिन बाजार में उसकी कीमत ज्यादा नहीं मिलेगी. ऐसे में सरकार को किसानों को आर्थिक मदद पहुंचानी चाहिए.

जानकारी देते किसान

80 प्रतिशत फसल बर्बाद
मोकरी पंचायत के मुखिया जय शंकर बिहारी ने बताया कि सिर्फ उनके पंचायत में 2000 एकड़ में धान की खेती हुई है जिसमें बारिश की वजह 80 प्रतिशत फसल डैमेज हो चुका है. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में लगातार हुई बारिश से किसानों को कितना नुकसान हुआ है. मुखिया ने बताया कि अयोध्या रामलला के राम रसोई में जानेवाला मोकरी का प्रशिद्ध गोविन्द भोग चावल भी पानी में डूब गया है.

कैमूर: जिले में गुरुवार की रात से हो रही लगातार बारिश ने किसान के अरमानों पर पानी फेर दिया है. बेमौसम हुई बारिश से सैकड़ों एकड़ जमीन में लगी धान की फसलें बर्बाद हो गई हैं. किसानों को इससे लाखों का नुकसान हुआ है. अब उन्हें यह चिंता सता रही है कि यदि मौसम साफ न हुआ तो उनके सामने भूखमरी की नौबत आ जाएगी.

किसानों की मानें तो बारिश के कारण लगभग 80 प्रतिशत धान की फसलें खराब हो चुकी है. ऐसे में यदि मौसम साफ नहीं होता हैं तो धान पूरी तरह से खराब हो जाएगा. बेमौसम हुई इस बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को ही हुआ है. इनका कहना है कि इसके लिये सबसे ज्यादा जिम्मेदार जिला प्रशासन है.

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फसल बचाने की जद्दोजहद से जुटे किसान

जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
दरअसल, सरकार ने 15 नवंबर से धान खरीद की तिथि घोषित की थी. लेकिन तिथि घोषित होने के 1 माह बाद भी खरीदारी नहीं शुरू हुई. यदि जिला प्रशासन ने सरकार के आदेश को माना होता तो खरीदारी शुरू हुई होती और धान पैक्स के गोदाम में होता. ऐसे में नुकसान भी कम होता. लेकिन खरीदारी नहीं होने से धान खलियान में रखा रह गया और बारिश में भीगकर खराब हो गया.

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बारिश के कारण खेतों में लगी फसलें बर्बाद

किसानों को लाखों का नुकसान
किसानों का कहना है कि अब तो उनका धान न पैक्स लेगा और न ही बाजार में कोई व्यापारी खरीदेगा. यदि मौसम साफ होता है और धान दोबारा नहीं भीगता है तो उसको सुखाने की कोशिश की जाएगी जिसमें शायद कुछ धान बच जाए. लेकिन बाजार में उसकी कीमत ज्यादा नहीं मिलेगी. ऐसे में सरकार को किसानों को आर्थिक मदद पहुंचानी चाहिए.

जानकारी देते किसान

80 प्रतिशत फसल बर्बाद
मोकरी पंचायत के मुखिया जय शंकर बिहारी ने बताया कि सिर्फ उनके पंचायत में 2000 एकड़ में धान की खेती हुई है जिसमें बारिश की वजह 80 प्रतिशत फसल डैमेज हो चुका है. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में लगातार हुई बारिश से किसानों को कितना नुकसान हुआ है. मुखिया ने बताया कि अयोध्या रामलला के राम रसोई में जानेवाला मोकरी का प्रशिद्ध गोविन्द भोग चावल भी पानी में डूब गया है.

Intro:कैमूर। जिलें में गुरुवार की रात से लगातार बारिश नें किसानों के अरमान पर पानी फेर दिया हैं। बेमौसम इस बारिश से किसानों की धान की फसल को बर्बाद कर दिया हैं। अब किसानों को यह चिंता सता रहीं हैं कि मौसम साफ न हुआ तो भुखमरी की स्तिथ में उनका परिवार आ जायेगा।


Body:आपकों बतादें कि लगातार बारिश से लगभग 80 प्रतिशत धान का फसल खराब हो चुका हैं। ऐसे में यदि मौसम साफ नही होता हैं तो धान पूरी तरह से खराब हो जाएगा। ईटीवी भारत की टीम नें जिलें के विभिन्न इलाकों के किसानों से बात किया तो पता चला कि बारिश से सबसे अधिक नुकसान किसानों को हुआ हैं। लेकिन बारिश के साथ भी अगर कोई किसानों की बर्बर्दी के लिए जिम्मेदार हैं तो वो कैमूर जिला प्रशासन का उदासीन रवैया हैं। आपकों बतादें की सरकार ने 15 नवंबर से धान खरीद की तिथि घोषित की थी। लेकिन तिथि घोषित होनें के 1 माह बाद भी खरीदारी नहीं शुरू हुई। ऐसे में यदि जिला प्रशासन द्वारा सरकार आदेश को माना जाता तो खरीदारी शुरू गई होती धान पैक्स के गोदाम में रहते। किसानों ने बताया कि बारिश से धान की फसल लगभग 80 प्रतिशत खराब हो चुकी हैं। ऐसे में उन्हें यह चिंता हैं कि यदि मौसम साफ नहीं होता हैं तो फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा। किसानों ने बताया कि यदि पैक्स द्वारा खरीदारी शुरू हुई होती तो नुकसान कम होता लेकिन खरीदारी न होनें से धान खलियान में रखा रह गया और बारिश में भीगकर खराब हो गया। किसानों नें बताया कि अब तो उनका धान न पैक्स लेगा न ही बाजार में कोई व्यपारियों द्वारा खरीदारी की जायेगा। यदि मौसम साफ होता हैं और धान दोबारा नहीं भीगता हैं तो उसको सुखाने की कोशिश की जाएगी जिसमें शायद कुछ धान बच जाए लेकिन बाजार में कीमत नहीं मिलेगा। ऐसे में बारिश से नुकसान सिर्फ एयर सिर्फ किसानों को हुआ हैं। सरकार को आर्थिक मदद करने की जरूरत हैं। मोकरी पंचायत के मुखिया जय शंकर बिहारी ने बताया कि सिर्फ उनके पंचायत में 2000 एकड़ में धान की खेती हुई हैं जिसमें बारिश की वजह 80 प्रतिशत फैसल डैमेज हो चुका हैं। जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि जिलें में लगातार हुई बारिश से किसानों को कितना नुकसान हुआ हैं। मुखिया ने बताया कि अयोध्या रामलला के राम रसोई में जानेवाला मोकरी का प्रशिद्ध गोविन्द भोग चावल भी पानी में डूब गया हैं। यदि पैक्स द्वारा सरकार की निर्धारित तिथि पर खरीदारी शुरू की गई होती तो किसानों को कम नुकसान होता । आपकों बतादें की जिले में पैक्स चुनाव चल रहा हैं। तीन चरणों का पैक्स चुनाव भी समाप्त हो चुका हैं। किसानों का कहना हैं यदु चुनाव पहले खत्म हो गया रहता तो खरीदारी शुरू हो गई होती।


Conclusion:
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