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किसानों को लोन के नाम पर बैंक में करोड़ों का फर्जीवाड़ा, DM ने दिए जांच के आदेश - कोऑपरेटिव बैंक में करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़ा

किसानों ने डीएम को दिए आवेदन में पैक्स अध्यक्ष और तत्कालीन कोऑपरेटिव बैंक के बैंक मैनेजर पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन दोनों की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा हुआ है.

कोऑपरेटिव बैंक का फर्जीवाड़ा
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Published : Oct 16, 2019, 7:47 PM IST

कैमूर: जिले के दुर्गावती प्रखंड के कर्णपुरा स्थित कोऑपरेटिव बैंक में करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़ा का मामले सामने आया है. जहां किसानों को लोन देने के नाम पर बैंक की ओर से फर्जीवाड़ा किया गया है. किसानों ने इसकी जानकारी डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी को दी. जिसके बाद डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं.


क्या है मामला?
दुर्गावती प्रखंड के कर्णपुरा गांव में बैंक ने वर्ष 2009 से 2012 के बीच करीब 74 किसानों को बिना सूचित किए उनका लोन एकाउंट खोल कर लोन पास कर दिया. जहां किसानों ने कभी बैंक में लोन के लिए अप्लाई भी नहीं किया था. साथ ही, बैंक में उनका पहले से एकाउंट भी नहीं था. इसके अलावा बैंक ने किसानों को लोन का एक भी पैसा नहीं दिया. जबकि सरकार की ओर से लोन के नाम पर करीब 40 लाख रुपये की निकासी हुई थी. यही नहीं किसानों के लिए सरकार की ओर से भेजे गए करोड़ों रुपये लापता भी हो गए.

बैंक फर्जीवाड़ा मामले में डीएम ने दिए जांच के आदेश


डीएम ने दिए जांच के आदेश
किसानों ने डीएम को दिए आवेदन में पैक्स अध्यक्ष और तत्कालीन बैंक मैनेजर पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन दोनों की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा हुआ है. वहीं, डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही, जांच के बाद गड़बड़ी में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

कैमूर: जिले के दुर्गावती प्रखंड के कर्णपुरा स्थित कोऑपरेटिव बैंक में करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़ा का मामले सामने आया है. जहां किसानों को लोन देने के नाम पर बैंक की ओर से फर्जीवाड़ा किया गया है. किसानों ने इसकी जानकारी डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी को दी. जिसके बाद डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं.


क्या है मामला?
दुर्गावती प्रखंड के कर्णपुरा गांव में बैंक ने वर्ष 2009 से 2012 के बीच करीब 74 किसानों को बिना सूचित किए उनका लोन एकाउंट खोल कर लोन पास कर दिया. जहां किसानों ने कभी बैंक में लोन के लिए अप्लाई भी नहीं किया था. साथ ही, बैंक में उनका पहले से एकाउंट भी नहीं था. इसके अलावा बैंक ने किसानों को लोन का एक भी पैसा नहीं दिया. जबकि सरकार की ओर से लोन के नाम पर करीब 40 लाख रुपये की निकासी हुई थी. यही नहीं किसानों के लिए सरकार की ओर से भेजे गए करोड़ों रुपये लापता भी हो गए.

बैंक फर्जीवाड़ा मामले में डीएम ने दिए जांच के आदेश


डीएम ने दिए जांच के आदेश
किसानों ने डीएम को दिए आवेदन में पैक्स अध्यक्ष और तत्कालीन बैंक मैनेजर पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन दोनों की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा हुआ है. वहीं, डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही, जांच के बाद गड़बड़ी में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Intro:कैमूर।

जिले के दुर्गावती प्रखंड के कर्णपुरा स्तिथ कोऑपरेटिव बैंक में करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़ा का मामले प्रकाश में आया हैं। किसानों को लोन देनें के नाम पर बैंक ने फर्जीवाड़ा किया हैं।


Body:आपकों बतादें कि मामला प्रकाश में तब आया जब किसान डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी को फर्जीवाड़े की जानकारी दी। जिसके बाद डीएम ने तत्काल जांच का आदेश जारी कर दिया हैं।


क्या हैं मामला

दुर्गावती प्रखंड के कर्णपुरा गांव के करीब 74 किसानों को बिना सूचना दिए वर्ष 2009 से 2012 के बीच बैंक द्वारा लोन पास किया गया। जबकि सोचने वाली बात यह हैं कि किसानों ने कभी बैंक में लोन के लिए अप्लाई ही नही किया था यहां तक बैंक में उनका एकाउंट भी पहले से नही था। फिर भी बैंक द्वारा उनका लोन एकाउंट बिना सूचना के खोला गया और लोन पास किया गया। बैंक ने एकाउंट भी खोला लोन भी पास किया लेकिन किसानों को लोन का एक भी पैसा नही मिला। जबकि लोन के नाम पर करीब 40 लाख की निकासी हुई यही नही किसानों के लिए सरकार द्वारा भेजे गए करोड़ों रुपये भी लापता हो गए।


किस पर लगे हैं आरोप

किसानों ने डीएम को दिए आवेदन में आरोप में कहां हैं कि पैक्स अध्यक्ष और उस वक़्त के तत्कालीन बैंक मैनेजर की मिलीभगत से यह कारनामा किया गया हैं।


क्या कहां डीएम ने

डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने बताया कि उनके द्वारा जांच का आदेश दे दिया गया हैं। उन्होंने बताया कि इस विषय मे एलडीएम से संपर्क किया तो प्रथम दृष्टि से एलडीएम ने बताया कि कुछ गड़बड़ी हैं। जांच की पूरी रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी और गड़बड़ी में शामिल लोगों पर एफआईआर भी दर्ज करवाया जाएगा।

डीएम ने कहां की लोगों का आरोप हैं कि पैक्स अध्यक्ष और कुछ लोगों और बैंक मैनेजर की मिलीभगत से लोन निकलवाया गया हैं। डीएम ने बताया कि लोगों का कहना हैं कि पैक्स अध्यक्ष और कुछ लोगों द्वारा ग्रामीणों की जमीन के कागजात को बैंक में जमाकर लोन एकाउंट खुलवाया गया हैं और बैंक मैनेजर की मिलीभगत से लोन पास करवाया गया हैं।

डीएम ने बताया कि प्रथम दृष्टि से मामला कुछ लोगों का सही हैं। जांच की विस्तृत रिपोर्ट के बाद कार्रवाई होंगी। डीएम ने बताया कि जब कोई आदमी बैंक गया ही नही तो उसका एकाउंट कैसे खुल गया। या तो कागजात पैक्स से लिये गए होंगे या किसी आदमी द्वारा बैंक को कागजात उपलब्ध करवाई गई हैं। डीएम ने सख्त आदेशों में कहां की विस्तृत रिपोर्ट के बाद चाहे पैक्स अध्यक्ष या कोई भी इस मामला में संलिप्त होगा। सभी के ऊपर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।



Conclusion:
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