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कैमूर: चौकीदार-दफादार का बड़ा आरोप- SP के अंतर्गत नहीं हैं सुरक्षित - चौकीदारों और दफादारों को एसपी के अंतर्गत

कैमूर में 25 मार्च 2019 को गृह विभाग ने कंडिका 8 और 9 के तहत प्रदेश के सभी चौकीदारों और दफादारों को एसपी के अंतर्गत कर दिया है. जबकि पहले यह लोग डीएम के अधीन कार्य करते थे.

चौकीदार और दफादार ने दिया धरना
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Published : Nov 19, 2019, 9:58 PM IST

कैमूर: जिला मुख्यालय भभुआ में चौकीदार और दफादारों ने गृह विभाग के फैसले के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. चौकीदारों ने कहा कि एसपी के अंदर काम करना न उन लोगों के लिए सुरक्षित है, न ही गांव के ग्रामीणों के लिए सुरक्षित होगा. यह प्रदर्शन बिहार राज्य चौकीदार दफादार संघ के तत्वावधान में किया गया.

चौकीदार और दफादार एसपी के अंतर्गत

बता दें कि 25 मार्च 2019 को गृह विभाग ने कंडिका 8 और 9 के तहत प्रदेश के सभी चौकीदारों और दफादारों को एसपी के अंतर्गत कर दिया है. जबकि पहले यह लोग डीएम के अधीन कार्य करते थे. संघ जिलाध्यक्ष सह राज्य कोषाध्यक्ष गुलाब पासवान ने बताया कि अंग्रेजों के जमाने से चौकीदार और दफादार डीएम के अधीन कार्य करते आ रहो हैं. लेकिन ऐसा अब नहीं रह गया है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एसपी के अंतर्गत न वो लोग सुरक्षित हैं न ही ग्रामीण जनता सुरक्षित है.

चौकीदार और दफादार ने दिया धरना

'थानाध्यक्ष की तरफ से बनाया जा रहा दबाव'

दुर्गावती थाना के चौकीदार मुन्ना पासवान ने कहा कि गृह विभाग के आदेश के बाद अभी से ही थानाध्यक्ष की तरफ से दबाव बनाया जाने लगा है. पावर मिलने के बाद तुरंत ससपेंड किये जाने की बात सामने आने लगी है. जबकि पहले ऐसा नहीं था पहले जांच होती थी और अंतिम फैसला डीएम लेते थे. उन्होंने कहा चौकीदारों से एसपी आवास में घास कटवाया जा रहा हैं तो कही जनरेटर चलवाया जा रहा है. जबकि चौकीदारों का यह काम नहीं है. ऐसे में यदि सरकार फैसला वापस नहीं लेती है तो जल्द ही राज्यस्तरीय धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा.

कैमूर: जिला मुख्यालय भभुआ में चौकीदार और दफादारों ने गृह विभाग के फैसले के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. चौकीदारों ने कहा कि एसपी के अंदर काम करना न उन लोगों के लिए सुरक्षित है, न ही गांव के ग्रामीणों के लिए सुरक्षित होगा. यह प्रदर्शन बिहार राज्य चौकीदार दफादार संघ के तत्वावधान में किया गया.

चौकीदार और दफादार एसपी के अंतर्गत

बता दें कि 25 मार्च 2019 को गृह विभाग ने कंडिका 8 और 9 के तहत प्रदेश के सभी चौकीदारों और दफादारों को एसपी के अंतर्गत कर दिया है. जबकि पहले यह लोग डीएम के अधीन कार्य करते थे. संघ जिलाध्यक्ष सह राज्य कोषाध्यक्ष गुलाब पासवान ने बताया कि अंग्रेजों के जमाने से चौकीदार और दफादार डीएम के अधीन कार्य करते आ रहो हैं. लेकिन ऐसा अब नहीं रह गया है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एसपी के अंतर्गत न वो लोग सुरक्षित हैं न ही ग्रामीण जनता सुरक्षित है.

चौकीदार और दफादार ने दिया धरना

'थानाध्यक्ष की तरफ से बनाया जा रहा दबाव'

दुर्गावती थाना के चौकीदार मुन्ना पासवान ने कहा कि गृह विभाग के आदेश के बाद अभी से ही थानाध्यक्ष की तरफ से दबाव बनाया जाने लगा है. पावर मिलने के बाद तुरंत ससपेंड किये जाने की बात सामने आने लगी है. जबकि पहले ऐसा नहीं था पहले जांच होती थी और अंतिम फैसला डीएम लेते थे. उन्होंने कहा चौकीदारों से एसपी आवास में घास कटवाया जा रहा हैं तो कही जनरेटर चलवाया जा रहा है. जबकि चौकीदारों का यह काम नहीं है. ऐसे में यदि सरकार फैसला वापस नहीं लेती है तो जल्द ही राज्यस्तरीय धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा.

Intro:कैमूर।

जिला मुख्यालय भभुआ में बिहार राज्य चौकीदार दफादार संघ के तत्वावधान में चौकीदार और दफ़ादारों ने गृह विभाग के फैसले के खिलाफ धरना प्रदर्शन दिया। चौकीदारों ने कहा कि एसपी के अंदर काम करना न उनलोगों के लिए सुरक्षित हैं न ही गांव के ग्रामीणों के लिए।


Body:आपकों बतादें कि 25 मार्च 2019 को गृह विभाग ने कंडिका 8 और 9 के तहत प्रदेश के सभी चौकीदार और दफ़ादारों को एसपी के अंतर्गत कर दिया। जबकि पहले यह लोग डीएम के अधीन कार्य करते थे।

संघ जिलाध्यक्ष सह राज्य कोषाध्यक्ष गुलाब पासवान ने बताया कि अंग्रेजों के जमाने से चौकीदार और दफादार डीएम के अधीन कार्य करते हैं और गांव के गुप्तचर कहलाते हैं लेकिन ऐसा अब नहीं रह गया हैं। उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि एसपी के अंतर्गत न वो लोग सुरक्षित हैं न ग्रामीण जनता सुरक्षित हैं।

दुर्गावति थाना के चौकीदार मुन्ना पासवान ने कहां की गृह विभाग के आदेश के बाद अभी से ही थानाध्यक्ष द्वारा दबाव बनाया जाने लगा हैं। पावर मिलने के बाद तुरंत ससपेंड तक किया जाने की बात सामने आने लगी हैं। पहले ऐसा नहीं था पहले जांच होती थी और अंतिम फैसला डीएम लेते थे। उन्होंने कहा चौकीदारों से एसपी आवास में घास कटवाया जा रहा हैं तो कही जनरेटर चलवाया जा रहा हैं जबकि चौकीदारों का यह काम नहीं हैं। ऐसे में यदि सरकार फैसल वापस नहीं लेते तो राज्यस्तरीय धरना प्रदर्शन जल्द ही शुरू किया जाएगा ।


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