कैमूर: जिले के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं ने 6 अगस्त से 9 अगस्त तक चार दिवसीय हड़ताल किया है. कार्यकर्ताओं ने सत्याग्रह पर जाने का निर्णय लेते हुए कार्य का बहिष्कार कर दिया गया है. सभी आशा कार्यकर्ताओं प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य द्वार पर बैठकर राज्य सरकार के नीतियों की आलोचना की. कार्यकर्ताओं ने बताया कि जनवरी 2019 में अनिश्चितकालीन हड़ताल के समापन वार्ता में राज्य सरकार ने अनेक बिंदुओं पर सहमति जताई थी. लेकिन सहमति के अधिकांश बिंदुओं को आज तक लागू नहीं किया गया.
आशा कार्यकर्ताओं का हड़ताल
कार्यकर्ताओं ने कहा कि एक तरफ राज्य से लेकर केंद्र सरकार आशाओं को कोरोना योद्धा कहती है. वहीं, दूसरी ओर उनकी जायज मांगों को पूरा करने में उदासीनता दिखायी जा रही है. राज्य सरकार की ओर से सहमति के बिंदुओं को अभी तक लागू नहीं किया जाना इसका उदाहरण है. राज्य सरकार की नीतियों से परेशान होकर आशा संयुक्त संघर्ष मंच के तत्वधान में बैठक कर अहम निर्णय लिया गया है. जिसमें आशा और फैसिलिटेटर के राज्य स्तरीय लंबित सभी मुद्दों को लेकर चार दिवसीय हड़ताल करेंगी.
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अगर इस अवधि में उनकी मांगों को पूरा कर दिया जाएगा तो हड़ताल तोड़ दिया जाएगा. लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक हड़ताल जारी रहेगा. कार्यकर्ता ने कहा कि इसकी सूचना प्रखंड चिकित्सा अधिकारी चैनपुर भगवान चौबे को पत्र के माध्यम से दे दी गई है.
पत्र के माध्यम से मिली हड़ताल की सूचना
प्रखंड प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. भगवान चौबे ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के हड़ताल पर चले जाने की सूचना पत्र के माध्यम से मिली है. जिसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को भी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि इस मामले में डीएम से सख्त निर्देश प्राप्त है कि आशा कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को रखें. अगर कार्य में बाधा उत्पन्न किया जाता है तो उक्त आशा कार्यकर्तां को निलंबित कर दिया जाएगा. मौके पर आशा कार्यकर्ता कमलेश देवी, आरती देवी, मीरा देवी, फूला देवी, मुन्नी देवी, सुनीता देवी, संजू देवी और कंचन देवी सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रही.