ETV Bharat / state

जिया हो बिहार के लाला: धान की भूसी से अमरीश ने बनाई रंगोली, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में मिली जगह

पेंटिंग आर्टिस्ट अमरीश पुरी के धान की भूसी से बनाए गए 900 वर्ग फीट की रंगोली (rangoli made from paddy husk) को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली है. अमरीश की यह रंगोली 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर हवाई अड्डा के मैदान में प्रदर्शित किया गया था. पढ़ें पूरी खबर

बिहार के कैमूर जिले के आर्टिस्ट अमरीश
बिहार के कैमूर जिले के आर्टिस्ट अमरीश
author img

By

Published : Nov 4, 2022, 2:19 PM IST

Updated : Nov 5, 2022, 5:34 PM IST

कैमूर: अगर आप नई सोच और सकारात्‍मक रवैये के साथ कुछ करने की ठानते हैं तो रास्‍ते खुद व खुद मिल जाते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है बिहार के कैमूर जिले के आर्टिस्ट अमरीश (Kaimur Artist Amrish Rangoli) की. उन्होंने गणतंत्र दिवस पर धान की भूसी से तिरंगे की 900 फीट की गोलाकार रंगोली (Amrish Made 900 Feet Rangoli) बनाई. जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह मिली है. इसी के साथ, कैमूर के अमरीश का नाम भी इस रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है.

ये भी पढ़ें- 12वीं छात्रा ने पांच पुस्तकें लिखीं, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज

भूसी से अमरीश ने बनाई रंगोली: कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड क्षेत्र के रहने वाले अमरीश पुरी ने एक अलग ही रिकॉर्ड बनाकर जिले के साथ-साथ अपने प्रदेश का भी नाम रोशन किया है. बता दें कि बीते 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर बनायी गयी गोलाकार धान के भूसी से रंगोली को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अमरीश का नाम दर्ज हुआ है. भगवानपुर प्रखंड के मझियांव निवासी अमरीश कला एवं शिल्प महाविद्यालय पटना के मूर्ति कला विभाग में अध्यनरत हैं.

''रंगोली को अबीर-ग़ुलाल से नहीं बल्कि धान की भूसी से बनाया गया है. कैमूर के निवासी होने के नाते, कैमूर से संबंधित विषय कैमूर कृषि प्रधान क्षेत्र है और इसी को देखते हुए रंगोली को तैयार किया गया था. रंगोली मे विशेष प्रकार से जो रंग भरा गया, वो नेचुरल रंग था. जिस स्थल पर इसे प्रदर्शित किया गया वह जगह गणतंत्र दिवस के दिन सेल्फी प्वाइंट बन गई थी. रंगोली का आकार 900 वर्ग फिट है.'' - अमरीश पुरी, कलाकार

रंगोली इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज : अमरीश ने बताया कि नौ सौ वर्गफिट की रंगोली ने काफी लोगों के मन को लुभाया. ये सेल्फी प्वाइंट के साथ ही देशभक्ति के जज्बे को बढ़ाते हुए लोगों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिला. उन्होंने बताया कि इस रंगोली को बनाने में काफी दिक्कत भी आई. धान की भूसी एक राइस मिल वाले से मांगा, आधी रात तक भूसी लाया. इसके बाद भूसी को तिरंगे रंग में रंग कर पूरी रात काफी मेहनत के बाद आखिर में रंगोली को तिरंगे का रूप दिया. 26 जनवरी 2022 को सुबह 8 बजे राष्ट्रीय ध्वज प्रतीत हुआ और सभी शहर वासियों को देखने के लिए रंगोली को सार्वजनिक कर दिया गया.

26 जनवरी को हवाई अड्डा मैदान में प्रदर्शित किया: अमरीश ने आगे बताया कि 26 जनवरी को रंगोली को सार्वजनिक करने के बाद इसे इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स व अन्य रिकार्ड में शामिल करने के लिए 28 जनवरी को अप्लाई किया. लेकिन, नौ महीने बाद ई-मेल और कॉल के माध्यम से इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड टीम की तरफ से 30 सितंबर को मैसेज प्राप्त हुआ. जिसमें लिखा था 'बधाई हो अमरीश कुमार तिवारी'. इससे प्रेरित होकर अमरीश अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए काम कर रहे हैं. रंगोली को रिकार्ड में दर्ज करने के बाद अमरीश के दोस्तों, परिजनों व रिश्तेदारों में खुशी है.

कैमूर: अगर आप नई सोच और सकारात्‍मक रवैये के साथ कुछ करने की ठानते हैं तो रास्‍ते खुद व खुद मिल जाते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है बिहार के कैमूर जिले के आर्टिस्ट अमरीश (Kaimur Artist Amrish Rangoli) की. उन्होंने गणतंत्र दिवस पर धान की भूसी से तिरंगे की 900 फीट की गोलाकार रंगोली (Amrish Made 900 Feet Rangoli) बनाई. जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह मिली है. इसी के साथ, कैमूर के अमरीश का नाम भी इस रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है.

ये भी पढ़ें- 12वीं छात्रा ने पांच पुस्तकें लिखीं, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज

भूसी से अमरीश ने बनाई रंगोली: कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड क्षेत्र के रहने वाले अमरीश पुरी ने एक अलग ही रिकॉर्ड बनाकर जिले के साथ-साथ अपने प्रदेश का भी नाम रोशन किया है. बता दें कि बीते 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर बनायी गयी गोलाकार धान के भूसी से रंगोली को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अमरीश का नाम दर्ज हुआ है. भगवानपुर प्रखंड के मझियांव निवासी अमरीश कला एवं शिल्प महाविद्यालय पटना के मूर्ति कला विभाग में अध्यनरत हैं.

''रंगोली को अबीर-ग़ुलाल से नहीं बल्कि धान की भूसी से बनाया गया है. कैमूर के निवासी होने के नाते, कैमूर से संबंधित विषय कैमूर कृषि प्रधान क्षेत्र है और इसी को देखते हुए रंगोली को तैयार किया गया था. रंगोली मे विशेष प्रकार से जो रंग भरा गया, वो नेचुरल रंग था. जिस स्थल पर इसे प्रदर्शित किया गया वह जगह गणतंत्र दिवस के दिन सेल्फी प्वाइंट बन गई थी. रंगोली का आकार 900 वर्ग फिट है.'' - अमरीश पुरी, कलाकार

रंगोली इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज : अमरीश ने बताया कि नौ सौ वर्गफिट की रंगोली ने काफी लोगों के मन को लुभाया. ये सेल्फी प्वाइंट के साथ ही देशभक्ति के जज्बे को बढ़ाते हुए लोगों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिला. उन्होंने बताया कि इस रंगोली को बनाने में काफी दिक्कत भी आई. धान की भूसी एक राइस मिल वाले से मांगा, आधी रात तक भूसी लाया. इसके बाद भूसी को तिरंगे रंग में रंग कर पूरी रात काफी मेहनत के बाद आखिर में रंगोली को तिरंगे का रूप दिया. 26 जनवरी 2022 को सुबह 8 बजे राष्ट्रीय ध्वज प्रतीत हुआ और सभी शहर वासियों को देखने के लिए रंगोली को सार्वजनिक कर दिया गया.

26 जनवरी को हवाई अड्डा मैदान में प्रदर्शित किया: अमरीश ने आगे बताया कि 26 जनवरी को रंगोली को सार्वजनिक करने के बाद इसे इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स व अन्य रिकार्ड में शामिल करने के लिए 28 जनवरी को अप्लाई किया. लेकिन, नौ महीने बाद ई-मेल और कॉल के माध्यम से इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड टीम की तरफ से 30 सितंबर को मैसेज प्राप्त हुआ. जिसमें लिखा था 'बधाई हो अमरीश कुमार तिवारी'. इससे प्रेरित होकर अमरीश अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए काम कर रहे हैं. रंगोली को रिकार्ड में दर्ज करने के बाद अमरीश के दोस्तों, परिजनों व रिश्तेदारों में खुशी है.

Last Updated : Nov 5, 2022, 5:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.