जहानाबाद: जिले के घोसी थाना क्षेत्र के सर्थुआ कि 5 मजदूर छपरा से पैदल चलकर जहानाबाद पहुंचे. पैदल घर वापस आ रहे मजदूरों ने बताया कि 4 महीने पहले हमलोग छपरा के एक निजी कंपनी में काम करने के लिए गए थे. लॉकडाउन में काम बंद हो गया. जिस वजह से उन्हें सैलरी मिलनी बंद हो गई. लोगों ने बताया कि छपरा प्रशासन से उन्हें कोई मदद नहीं मिली.
'मजबूरी में पैदल नाप रहे रास्ता'
पैदल वापस आ रहे मजदूर अभिषेक रंजन ने बताया कि भोजन पर आफत आने पर वे लोग पैदल जहानाबाद तक के लिए यात्रा करने को मजबूर हो गए. मजदूरों ने बताया कि जब हमें छपरा प्रशासन ने कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराया, तो हमलोग वहां से पैदल ही अपने घर के लिए चल दिए. रास्ते में प्रशासन ने उनकी कोई मदद नहीं की. स्वास्थ्य विभाग ने उनकी सेहत की जांच भी नहीं की. मजदूरों ने बताया कि हमलोगों ने 3 दिन से भूखे प्यासे पैदल चलकर यहां तक की यात्रा की है.
'3 दिन से भूखे-प्यासे पैदल चल रहे हैं'
मजदूरों ने बताया कि मंगलवार की रात 10 बजे वे लोग घोसी इस्लामपुर मोड़ के पास पहुंचे. जहां जिला प्रशासन की टीम ने उनको रोककर पास के हाई स्कूल के मैदान में बने राहत केंद्र में लाकर बैठा दिया. इसको लेकर राहत केंद्र पर तैनात मजिस्ट्रेट ने बताया कि सभी मजदूर हुलासगंज थाना क्षेत्र के सार्थुआ गांव के निवासी हैं. इसलिए सभी लोगों को हुलासगंज प्रखंड में बने क्वारंटीन सेंटर में भेजा जा रहा है. इसकी सूचना हुलासगंज प्रशासन को दे दी गई है.