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2011 में हुए होमगार्ड की परीक्षा में सफल युवकों की अब तक नहीं हुई बहाली, दर-दर भटकने को हैं मजबूर - jehanabad

2011 में गृह रक्षा वाहिनी होमगार्ड में भर्ती के लिए विज्ञापन निकला था, जिसमें जहानाबाद के सफल युवकों को अब तक बहाल नहीं किया गया है. वहीं, राज्य के अन्य जिलों में नौजवानों की बहाली की प्रक्रिया पूरी हो गई है

होमगार्ड परीक्षा में सफल अभ्यर्थी
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Published : Jun 1, 2019, 12:50 PM IST

जहानाबादः देश में बेरोजगारी की दर काफी तेजी से बढ़ती जा रही है. हाल ही में आई NSSO की रिपोर्ट के अनुसार साल 2017-18 में बेरोजगारी दर सबसे अधिक थी. रोजगार के लिए युवाओं को दर-दर भटकना पड़ रहा है. ऐसा ही हाल है जहानाबाद जिले का, जहां गृह रक्षा वाहिनी के 2011 बैच के युवकों की अब तक बहाली नहीं हुई और वह अब तक रोजगार के लिए भटक रहे हैं.

अब तक नहीं हुई बहाली
दरअसल, 2011 में गृह रक्षा वाहिनी होमगार्ड में भर्ती के लिए विज्ञापन निकला था, जिसमें कई नौजवानों ने फॉर्म भरा था और वह परीक्षा में सफल भी हुए थे. लेकिन अभी तक जहानाबाद के युवकों को इसमें बहाल नहीं किया गया है. राज्य के अन्य जिलों में नौजवानों की बहाली की प्रक्रिया पूरी हो गई है, लेकिन जहानाबाद में प्रशासन की उदासीनता के कारण युवक दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

बयान देते निराश अभ्यर्थी

अभ्यर्थियों में निराशा
इन युवकों में से एक कुंवर पासवान बताते हैं कि पिछले 8 सालों से वह अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं. ताकि किसी तरह उन्हें बहाल कर लिया जाए. लेकिन इन 8 सालों से उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहा है. इसके कारण यह सभी युवक काफी परेशान हैं. लगभग 20 लोग पिछले कई सालों से इसी तरह दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें केवल निराशा ही हाथ लगती है.

नौकरी की आस में निराश युवा
प्रशासन और सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है. गरीब घर के युवक काफी परेशानी झेल कर और काफी मेहनत करने के बाद परीक्षा में सफल हुए हैं. नौकरी की आस लगाए बैठे हैं. लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण वे दर-दर भटकने को मजबूर हो जाते हैं.

जहानाबादः देश में बेरोजगारी की दर काफी तेजी से बढ़ती जा रही है. हाल ही में आई NSSO की रिपोर्ट के अनुसार साल 2017-18 में बेरोजगारी दर सबसे अधिक थी. रोजगार के लिए युवाओं को दर-दर भटकना पड़ रहा है. ऐसा ही हाल है जहानाबाद जिले का, जहां गृह रक्षा वाहिनी के 2011 बैच के युवकों की अब तक बहाली नहीं हुई और वह अब तक रोजगार के लिए भटक रहे हैं.

अब तक नहीं हुई बहाली
दरअसल, 2011 में गृह रक्षा वाहिनी होमगार्ड में भर्ती के लिए विज्ञापन निकला था, जिसमें कई नौजवानों ने फॉर्म भरा था और वह परीक्षा में सफल भी हुए थे. लेकिन अभी तक जहानाबाद के युवकों को इसमें बहाल नहीं किया गया है. राज्य के अन्य जिलों में नौजवानों की बहाली की प्रक्रिया पूरी हो गई है, लेकिन जहानाबाद में प्रशासन की उदासीनता के कारण युवक दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

बयान देते निराश अभ्यर्थी

अभ्यर्थियों में निराशा
इन युवकों में से एक कुंवर पासवान बताते हैं कि पिछले 8 सालों से वह अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं. ताकि किसी तरह उन्हें बहाल कर लिया जाए. लेकिन इन 8 सालों से उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहा है. इसके कारण यह सभी युवक काफी परेशान हैं. लगभग 20 लोग पिछले कई सालों से इसी तरह दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें केवल निराशा ही हाथ लगती है.

नौकरी की आस में निराश युवा
प्रशासन और सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है. गरीब घर के युवक काफी परेशानी झेल कर और काफी मेहनत करने के बाद परीक्षा में सफल हुए हैं. नौकरी की आस लगाए बैठे हैं. लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण वे दर-दर भटकने को मजबूर हो जाते हैं.

Intro:देश में बेरोजगारी की दर काफी तेजी से बढ़ते जा रही है. हाल ही में आई NSSO की रिपोर्ट के अनुसार साल 2017-18 में बेरोजगारी दर सबसे अधिक थी. रोजगार के लिए युवाओं को दर-दर भटकना पड़ रहा है. ऐसा जहानाबाद में भी देखने को मिला जहां ग्रीन रक्षा वाहिनी के 2011 बैच के युवकों का अब तक बहाली नहीं हुआ है.


Body:2011 में गृह रक्षा वाहिनी होमगार्ड का विज्ञापन संख्या निकला था, जिसमें कई नौजवानों ने फॉर्म भरा था और परीक्षा में सफल हुए थे. लेकिन अभी तक जहानाबाद के युवकों को इसमें बहाल नहीं किया गया है. राज्य के अन्य जिलों में नौजवानों की बहाली की प्रक्रिया पूरी हो गई है, लेकिन जहानाबाद में प्रशासन की उदासीनता के कारण यह युवक दर-दर भटकने को मजबूर हैं. उन युवकों में से एक कुंवर पासवान बताते हैं कि पिछले 8 सालों से वह अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं ताकि किसी तरह उन्हें बहाल कर लिया जाए. लेकिन इन 8 सालों से उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहा है. इसके कारण यह सभी युवक काफी परेशान हैं.


Conclusion:लगभग 20 लोग पिछले कई सालों से इसी तरह दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उन्हें केवल निराशा ही हाथ लगती है. प्रशासन को और सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. गरीब घर के युवक काफी परेशानी झेल कर और काफी मेहनत करने के बाद परीक्षा में सफल होकर फोर्स लेकिन प्रशासन की लापरवाही और अव्याकृत रवैया के कारण वे दर-दर भटकने को मजबूर हो जाते हैं.
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