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जहानाबाद: जमुना-दरधा संगम से मिट्टी और जल भेजा गया अयोध्या

बिहार के कई जिलों के पवित्र स्थानों से राम मंदिर की नींव रखने के लिए मिट्टी और गंगा जल मंगवाई जा रही है. इससे बिहारवासियों में काफी खुशी देखी जा रही है.

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Published : Jul 27, 2020, 6:35 PM IST

जहानाबाद: यूपी के अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का भव्य समारोह रखा गया है. इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं. भूमि पूजन के लिए नक्षत्र और तमाम मान्यताओं का विशेष ध्यान रखा गया है. मंदिर की नींव में जहानाबाद से जल और मिट्टी मंगाई गई है.

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मिट्टी लेने जाते लोग

भेजी जा रही प्रमुख धामों की मिट्टी
जानकारी के अनुसार राम मंदिर के निर्माण में सात समुद्रों का पानी, देश की सभी धार्मिक नदियों का पानी, प्रमुख धामों की मिट्टी और गया जी से फल्गु नदी के रेत का उपयोग किया जाना है. इसी क्रम में जिले के जमुना दरधा संगम से मिट्टी और जल भेजा गया है.

देखें रिपोर्ट

पार्सल की गयी मिट्टी
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद ने जिले के मोहनदास के ठाकुर बारी, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर और 400 साल पुराने गुरुद्वारा से मिट्टी लेकर पार्सल से अयोध्या भेजी है. विश्व हिंदू परिषद के सदस्य रवीश कुमार ने कहा कि भारत वासियों के धार्मिक आस्था के प्रतीक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है.

रामलला की स्थापना
रवीश कुमार ने कहा कि कई सालों के संघर्ष के बाद 5 तारीख को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर निर्माण की आधारशिला रखेंगे. उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद व स्वयंसेवक संघ के संघर्ष का परिणाम ही है कि अयोध्या में रामलला की स्थापना की जा रही है. इस निर्माण से जिले के साधु महात्मा की काफी खुश नजर आ रहे हैं.

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मोहन दास

'आस्था कर रहे समर्पित'
ठाकुर बारी के महंत मोहन दास ने कहा कि लॉकडाउन होने के कारण हम लोग अयोध्या नहीं जा रहे हैं. लेकिन मिट्टी और जल मंदिर निर्माण हेतु भेज कर अपनी आस्था को समर्पित कर रहे हैं.

जहानाबाद: यूपी के अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का भव्य समारोह रखा गया है. इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं. भूमि पूजन के लिए नक्षत्र और तमाम मान्यताओं का विशेष ध्यान रखा गया है. मंदिर की नींव में जहानाबाद से जल और मिट्टी मंगाई गई है.

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मिट्टी लेने जाते लोग

भेजी जा रही प्रमुख धामों की मिट्टी
जानकारी के अनुसार राम मंदिर के निर्माण में सात समुद्रों का पानी, देश की सभी धार्मिक नदियों का पानी, प्रमुख धामों की मिट्टी और गया जी से फल्गु नदी के रेत का उपयोग किया जाना है. इसी क्रम में जिले के जमुना दरधा संगम से मिट्टी और जल भेजा गया है.

देखें रिपोर्ट

पार्सल की गयी मिट्टी
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद ने जिले के मोहनदास के ठाकुर बारी, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर और 400 साल पुराने गुरुद्वारा से मिट्टी लेकर पार्सल से अयोध्या भेजी है. विश्व हिंदू परिषद के सदस्य रवीश कुमार ने कहा कि भारत वासियों के धार्मिक आस्था के प्रतीक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है.

रामलला की स्थापना
रवीश कुमार ने कहा कि कई सालों के संघर्ष के बाद 5 तारीख को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर निर्माण की आधारशिला रखेंगे. उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद व स्वयंसेवक संघ के संघर्ष का परिणाम ही है कि अयोध्या में रामलला की स्थापना की जा रही है. इस निर्माण से जिले के साधु महात्मा की काफी खुश नजर आ रहे हैं.

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मोहन दास

'आस्था कर रहे समर्पित'
ठाकुर बारी के महंत मोहन दास ने कहा कि लॉकडाउन होने के कारण हम लोग अयोध्या नहीं जा रहे हैं. लेकिन मिट्टी और जल मंदिर निर्माण हेतु भेज कर अपनी आस्था को समर्पित कर रहे हैं.

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