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लॉकडाउन के कारण मुश्किल में कुम्हार, सरकारी से लगाई आर्थिक मदद की गुहार

कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन में मिट्टी के बर्तन बनाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसकी वजह से उनके सामने भुखमरी जैसे हालात हो गए हैं.

मिट्टी के बर्तन
मिट्टी के बर्तन
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Published : Jun 10, 2020, 8:51 PM IST

Updated : Jun 11, 2020, 10:59 PM IST

जहानाबाद: वैश्विक महामारी को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया. जिस वजह से तमाम तरह के कारोबार पर असर पड़ा. मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों की मुश्किलें तो और अधिक बढ़ गई हैं. बर्तन नहीं बिकने से इनके सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है. इनकी मानें तो माली हालत बेहत खराब है, लिहाजा सरकार उनकी आर्थिक तौर पर मदद करे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कुम्हारों की बढ़ी परेशानी

इनके मुताबिक गर्मी होने की वजह से लोग सुराही खरीदते थे और शादियों में भी मिट्टी के बर्तन का बहुत महत्व होता है, लेकिन इस साल लॉकडाउन की वजह से सब कुछ खत्म हो गया. उन्होंने बताया कि हम बाहर से ट्रैक्टर से मिट्टी लाकर बर्तन बनाने का काम करते हैं. लेकिन इस समय में न तो ट्रैक्टर का किराया दे पा रहे हैं और न ही कुछ काम कर पा रहे हैं. वहीं, जो बर्तन पहले से बने थे, वो भी नहीं बिके. जिस वजह से रखे-रखे खराब हो रहे हैं. साथ ही बरसात का मौसम आने की वजह से सारे बने-बनाए बर्तन टूट जाएंगे. ऐसे में हम भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं.

jehanabad
मिट्टी के बर्तन

सरकार से मदद की गुहार
कुम्हारों ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि हमारी मदद की जाए. जिससे हम दोबारा से खड़े हो सकें. उन्होंने कहा कि अगर सरकार की ओर से हमारी कोई मदद नहीं की गई तो हम भूखे पेट मरने के लिए मजबूर हो जाएंगे या दूसरे राज्यों में काम करने के लिए पलायन करेंगे.

जहानाबाद: वैश्विक महामारी को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया. जिस वजह से तमाम तरह के कारोबार पर असर पड़ा. मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों की मुश्किलें तो और अधिक बढ़ गई हैं. बर्तन नहीं बिकने से इनके सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है. इनकी मानें तो माली हालत बेहत खराब है, लिहाजा सरकार उनकी आर्थिक तौर पर मदद करे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कुम्हारों की बढ़ी परेशानी

इनके मुताबिक गर्मी होने की वजह से लोग सुराही खरीदते थे और शादियों में भी मिट्टी के बर्तन का बहुत महत्व होता है, लेकिन इस साल लॉकडाउन की वजह से सब कुछ खत्म हो गया. उन्होंने बताया कि हम बाहर से ट्रैक्टर से मिट्टी लाकर बर्तन बनाने का काम करते हैं. लेकिन इस समय में न तो ट्रैक्टर का किराया दे पा रहे हैं और न ही कुछ काम कर पा रहे हैं. वहीं, जो बर्तन पहले से बने थे, वो भी नहीं बिके. जिस वजह से रखे-रखे खराब हो रहे हैं. साथ ही बरसात का मौसम आने की वजह से सारे बने-बनाए बर्तन टूट जाएंगे. ऐसे में हम भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं.

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मिट्टी के बर्तन

सरकार से मदद की गुहार
कुम्हारों ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि हमारी मदद की जाए. जिससे हम दोबारा से खड़े हो सकें. उन्होंने कहा कि अगर सरकार की ओर से हमारी कोई मदद नहीं की गई तो हम भूखे पेट मरने के लिए मजबूर हो जाएंगे या दूसरे राज्यों में काम करने के लिए पलायन करेंगे.

Last Updated : Jun 11, 2020, 10:59 PM IST
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