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आप अपने मां से प्यार करते हैं तो जरूर सुनिए इसे, दिल छू जाएगा - मां के लिए कविता

मदर्स डे के मौके पर जहानाबाद के छात्र ने एक प्यारी कविता लिखकर ईटीवी भारत के माध्यम से देश की सभी माताओं को धन्यवाद दिया है.

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Published : May 10, 2020, 5:49 PM IST

Updated : May 10, 2020, 6:06 PM IST

जहानाबाद: यूं तो मां के बिना कोई दिन नहीं होता. लेकिन, एक मां के बलिदान, त्याग और निस्वार्थ प्रेम की प्रशंसा और धन्यवाद के लिए हर साल मई महीने के दूसरा रविवार को मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस साल मातृ दिवस 10 मई यानी आज रविवार को है. पूरी दुनिया अपनी-अपनी मां को थैंक्यू कहती नहीं थक रही है.

सुनें मां पर लिखी कविता

मां के लिए जितना भी लिखा जाए कम ही होगा. एक मां के लिए उसका बच्चा उसकी दुनिया होता है. जहानाबाद के छात्र निशांत गौरव ने ईटीवी भारत के जरिए मां की महानता को दर्शाने की कोशिश की हैं. उन्होंने एक खूबसूरत कविता के जरिए मां को धन्यवाद कहा है:

  • जब आंख खुली तो अम्‍मा की गोदी का एक सहारा था,
  • उसका नन्‍हा-सा आंचल मुझको भूमण्‍डल से प्‍यारा था,
  • उसके चेहरे की झलक देख चेहरा फूलों-सा खिलता था,
  • उसके स्‍तन की एक बूंद से मुझको जीवन मिलता था.
  • हाथों से बालों को नोचा, पैरों से खूब प्रहार किया,
  • फिर भी उस मां ने पुचकारा हमको जी भर के प्‍यार किया,
  • मैं उसका राजा बेटा था वो आँख का तारा कहती थी,
  • मैं बनूँ बुढ़ापे में उसका बस एक सहारा कहती थी,
  • उंगली को पकड़ चलाया था पढ़ने विद्यालय भेजा था,
  • मेरी नादानी को भी निज अन्‍तर में सदा सहेजा था.
  • मेरे सारे प्रश्‍नों का वो फौरन जवाब बन जाती थी,
  • मेरी राहों के काँटे चुन वो ख़ुद ग़ुलाब बन जाती थी,
  • मैं बड़ा हुआ तो कॉलेज से इक रोग प्‍यार का ले आया,
  • जिस दिल में मां की मूरत थी वो रामकली को दे आया,
  • शादी की, पति से बाप बना, अपने रिश्‍तों में झूल गया,
  • अब करवाचौथ मनाता हूं मां की ममता को भूल गया.
  • हम भूल गए उसकी ममता, मेरे जीवन की थाती थी,
  • हम भूल गए अपना जीवन, वो अमृत वाली छाती थी,
  • हम भूल गए वो ख़ुद भूखी रह करके हमें खिलाती थी,
  • हमको सूखा बिस्‍तर देकर ख़ुद गीले में सो जाती थी,
  • हम भूल गए उसने ही होठों को भाषा सिखलाई थी.

- निशांत गौरव

ईटीवी भारत की ओर से सभी माताओं को मदर्स डे की हार्दिक शुभकामनाएं और धन्यवाद.

जहानाबाद: यूं तो मां के बिना कोई दिन नहीं होता. लेकिन, एक मां के बलिदान, त्याग और निस्वार्थ प्रेम की प्रशंसा और धन्यवाद के लिए हर साल मई महीने के दूसरा रविवार को मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस साल मातृ दिवस 10 मई यानी आज रविवार को है. पूरी दुनिया अपनी-अपनी मां को थैंक्यू कहती नहीं थक रही है.

सुनें मां पर लिखी कविता

मां के लिए जितना भी लिखा जाए कम ही होगा. एक मां के लिए उसका बच्चा उसकी दुनिया होता है. जहानाबाद के छात्र निशांत गौरव ने ईटीवी भारत के जरिए मां की महानता को दर्शाने की कोशिश की हैं. उन्होंने एक खूबसूरत कविता के जरिए मां को धन्यवाद कहा है:

  • जब आंख खुली तो अम्‍मा की गोदी का एक सहारा था,
  • उसका नन्‍हा-सा आंचल मुझको भूमण्‍डल से प्‍यारा था,
  • उसके चेहरे की झलक देख चेहरा फूलों-सा खिलता था,
  • उसके स्‍तन की एक बूंद से मुझको जीवन मिलता था.
  • हाथों से बालों को नोचा, पैरों से खूब प्रहार किया,
  • फिर भी उस मां ने पुचकारा हमको जी भर के प्‍यार किया,
  • मैं उसका राजा बेटा था वो आँख का तारा कहती थी,
  • मैं बनूँ बुढ़ापे में उसका बस एक सहारा कहती थी,
  • उंगली को पकड़ चलाया था पढ़ने विद्यालय भेजा था,
  • मेरी नादानी को भी निज अन्‍तर में सदा सहेजा था.
  • मेरे सारे प्रश्‍नों का वो फौरन जवाब बन जाती थी,
  • मेरी राहों के काँटे चुन वो ख़ुद ग़ुलाब बन जाती थी,
  • मैं बड़ा हुआ तो कॉलेज से इक रोग प्‍यार का ले आया,
  • जिस दिल में मां की मूरत थी वो रामकली को दे आया,
  • शादी की, पति से बाप बना, अपने रिश्‍तों में झूल गया,
  • अब करवाचौथ मनाता हूं मां की ममता को भूल गया.
  • हम भूल गए उसकी ममता, मेरे जीवन की थाती थी,
  • हम भूल गए अपना जीवन, वो अमृत वाली छाती थी,
  • हम भूल गए वो ख़ुद भूखी रह करके हमें खिलाती थी,
  • हमको सूखा बिस्‍तर देकर ख़ुद गीले में सो जाती थी,
  • हम भूल गए उसने ही होठों को भाषा सिखलाई थी.

- निशांत गौरव

ईटीवी भारत की ओर से सभी माताओं को मदर्स डे की हार्दिक शुभकामनाएं और धन्यवाद.

Last Updated : May 10, 2020, 6:06 PM IST
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