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जहानाबाद: सदर अस्पताल के जर्जर भवन में चल रहा है मरीजों का इलाज, 2017 में हो गया था अयोग्यत घोषित

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Published : Nov 28, 2019, 12:31 PM IST

सदर अस्पताल के जर्जर भवन में मरीजों की जान जोखिम में डालकर इसे संचालित किया जा रहा है. इसमें अल्ट्रासाउंड, एक्सरे मलेरिया विभाग सहित कई विभाग इस भवन की नीचे चलता है. यहां मरीज अपना इलाज करवाने के लिए दूरदराज से आते हैं. लेकिन यहां के भवन की व्यवस्था बहुत ही खराब है.

jehanabad sadar hospital
सदर अस्पताल

जहानाबाद: स्वास्थ्य विभाग लाख दावे कर ले, लेकिन इनकी जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बंया करती है. जिले के सदर अस्पताल में कुछ ऐसा ही है. यहां की इमारते जर्जर हो चुकी है. लेकिन फिर भी मरीजों की यहां भीड़ लगी रहती. हो भी क्यों ना जब बेचारे मरीजों के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है. वहीं अस्पताल के डीएस का कहना है कि भवन के बारे में पदाधिकारियों को सूचित किया गया है. जल्द ही कोई नयी व्यवस्था की जाएगी.

jehanabad sadar hospital
2017 में हो गया था अयोग्यत घोषित

जर्जर भवन में संचालित है मरीजों का इलाज
जिले के सदर अस्पताल के जर्जर भवन में मरीजों की जान जोखिम में डालकर इसे संचालित किया जा रहा है. इसमें अल्ट्रासाउंड, एक्सरे मलेरिया विभाग सहित कई विभाग इस भवन की नीचे चलता है. यहां मरीज अपना इलाज करवाने के लिए दूरदराज से आते हैं. लेकिन यहां के भवन की व्यवस्था बहुत ही खराब है. मरीज भी मानते हैं कि भवन काफी जर्जर हो चुका है. जिससे हम सभी को एक डर सा लगा रहता है. लोगों के साथ कोई अनहोनी घट जाए.

छत गिरने का रहता है यहां डर
स्थानीय मुन्ना कुमार ने बताया कि अपनी पत्नी को लेकर यहां पर अल्ट्रासाउंड करवाने लाया हूं. लेकिन भवन को देखकर ऐसा लग रहा है कि कभी भी गिर सकता है. जिससे एक बड़ी घटना घट सकती है. वहीं 70 वर्षीय पारस कुमार ने कहा कि भवन काफी जर्जर हो चुकी है और छत में से पानी भी टपक रहा है. जिससे छत और कमजोर होता जा रहा है. कहीं ना कहीं यह एक बहुत बड़ी चूक हो सकती है. जिला प्रशासन को जल्द ही इसे बदल कर कहीं और तब्दील कर देना चाहिए.

सदर अस्पताल के जर्जर भवन में चल रहा है मरीजों का इलाज

'जल्द ही की जाएगी दूसरी व्यवस्था'
स्वास्थ विभाग के डीएस बीके झा ने बताया कि भवन की सूचना वरीय पदाधिकारियों को दे दी गई है. जल्द से जल्द कोई नयी व्यवस्था कर दी जाएगी. उन्होंने कहा सभी विभागों को इस भवन से वहां तबादला किया जाएगा, जहां मरीजों को कोई परेशानी ना हो.

jehanabad sadar hospital
लगा दिया था खतरे का बोर्ड, लेकिन कोई फायदा नहीं

पहले भी गिर चुकी है भवन की छत
बता दें कि 23 सितंबर को अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर बरामदे के छज्जे का एक हिस्सा गिरने से तीन मरीज घायल हो गए थे. इनमें से 2 मरीज का सर फट गया था, जबकि एक अन्य बच्चे को चोटें आई थी. वहीं जुलाई 2017 में सदर अस्पताल के भवन का अयोग्य घोषित कर दिया गया था और वहां पर बैनर भी लगा दिया गया है कि भवन से दूर रहे. लेकिन फिर भी इस भवन में अभी भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

जहानाबाद: स्वास्थ्य विभाग लाख दावे कर ले, लेकिन इनकी जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बंया करती है. जिले के सदर अस्पताल में कुछ ऐसा ही है. यहां की इमारते जर्जर हो चुकी है. लेकिन फिर भी मरीजों की यहां भीड़ लगी रहती. हो भी क्यों ना जब बेचारे मरीजों के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है. वहीं अस्पताल के डीएस का कहना है कि भवन के बारे में पदाधिकारियों को सूचित किया गया है. जल्द ही कोई नयी व्यवस्था की जाएगी.

jehanabad sadar hospital
2017 में हो गया था अयोग्यत घोषित

जर्जर भवन में संचालित है मरीजों का इलाज
जिले के सदर अस्पताल के जर्जर भवन में मरीजों की जान जोखिम में डालकर इसे संचालित किया जा रहा है. इसमें अल्ट्रासाउंड, एक्सरे मलेरिया विभाग सहित कई विभाग इस भवन की नीचे चलता है. यहां मरीज अपना इलाज करवाने के लिए दूरदराज से आते हैं. लेकिन यहां के भवन की व्यवस्था बहुत ही खराब है. मरीज भी मानते हैं कि भवन काफी जर्जर हो चुका है. जिससे हम सभी को एक डर सा लगा रहता है. लोगों के साथ कोई अनहोनी घट जाए.

छत गिरने का रहता है यहां डर
स्थानीय मुन्ना कुमार ने बताया कि अपनी पत्नी को लेकर यहां पर अल्ट्रासाउंड करवाने लाया हूं. लेकिन भवन को देखकर ऐसा लग रहा है कि कभी भी गिर सकता है. जिससे एक बड़ी घटना घट सकती है. वहीं 70 वर्षीय पारस कुमार ने कहा कि भवन काफी जर्जर हो चुकी है और छत में से पानी भी टपक रहा है. जिससे छत और कमजोर होता जा रहा है. कहीं ना कहीं यह एक बहुत बड़ी चूक हो सकती है. जिला प्रशासन को जल्द ही इसे बदल कर कहीं और तब्दील कर देना चाहिए.

सदर अस्पताल के जर्जर भवन में चल रहा है मरीजों का इलाज

'जल्द ही की जाएगी दूसरी व्यवस्था'
स्वास्थ विभाग के डीएस बीके झा ने बताया कि भवन की सूचना वरीय पदाधिकारियों को दे दी गई है. जल्द से जल्द कोई नयी व्यवस्था कर दी जाएगी. उन्होंने कहा सभी विभागों को इस भवन से वहां तबादला किया जाएगा, जहां मरीजों को कोई परेशानी ना हो.

jehanabad sadar hospital
लगा दिया था खतरे का बोर्ड, लेकिन कोई फायदा नहीं

पहले भी गिर चुकी है भवन की छत
बता दें कि 23 सितंबर को अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर बरामदे के छज्जे का एक हिस्सा गिरने से तीन मरीज घायल हो गए थे. इनमें से 2 मरीज का सर फट गया था, जबकि एक अन्य बच्चे को चोटें आई थी. वहीं जुलाई 2017 में सदर अस्पताल के भवन का अयोग्य घोषित कर दिया गया था और वहां पर बैनर भी लगा दिया गया है कि भवन से दूर रहे. लेकिन फिर भी इस भवन में अभी भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

Intro:सूबे कास्वास्थ विभाग लाख दावा कर ले कि हमारे हॉस्पिटलों में रखरखाव बहुत बढ़िया है पर ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है जिले का सदर अस्पताल जर्जर भवन में चल रहा है यहां मरीज जान जोखिम में डालकर अपना इलाज करवाने आते हैं


Body:सदर अस्पताल में मरीजों अपना जान जोखिम में डालकर जर्जर भवन में इलाज करवाने आते हैं मरीजों की जान जोखिम में डालकर जर्जर भवन में संचालित किया जा रहा है इस भवन में अल्ट्रासाउंड एक्सरे मलेरिया विभाग सहित कई विभाग इस भवन की नीचे चलता है और मरीज यहां पर अपना इलाज करवाने के लिए दूरदराज से आते हैं मरीज भी मानते हैं कि भवन काफी जर्जर हो चुका है जिससे हम सभी को एक डर सा लगा रहता है कहीं गिर ना जाए और हम लोगों के साथ कोई अनहोनी घट जाए मुन्ना कुमार बताते हैं कि मैं अपनी पत्नी को लेकर यहां पर अल्ट्रासाउंड में आया हूं करवाने के लिए और भवन को देखकर ऐसा लग रहा है कि कभी भी गिर सकता है जिससे एक बड़ी घटना घट सकता है वही 70 वर्षीय पारस कुमार बताते हैं कि भवन काफी जर्जर हो चुका है और छत पर से से पानी भी टपक रहा है जिसे छत और कमजोर होते जा रहा है कहीं ना कहीं यह एक बहुत बड़ी चूक होगी जिला प्रशासन का और इस तरह की घटना घटती है तो


Conclusion:बताते चलें कि 23 सितंबर को अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर बरामदे के छज्जे का एक हिस्सा गिरने से तीन मरीज घायल हो गए थे इनमें से 2 मरीज का सर फट गया था जबकि एक अन्य बच्चे का मामूली चोट आई थी जुलाई 2017 में सदर अस्पताल के भवन का आयोग घोषित कर दिया गया था और वहां पर बैनर भी लगा गया लगा दिया गया है की भवन से दूर रहे तो किस बात का इस भवन में अभी भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है क्या कोई अनहोनी का इंतजार में है स्वास्थ विभाग वही डी एस बीके झा ने बताया कि इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को कर दिया गया है जल्द से जल्द कुछ नया व्यवस्था कर दिया जाएगा सभी विभागों का जहां पर मरीजों को कोई परेशानी ना हो
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