जहानाबाद: जिले में दरधा नदी के किनारे बना गौरी घाट मुक्तिधाम लोगों को मुक्ति दिलाने के बजाय खुद अपनी मुक्ति की तलाश में है. रख-रखाव के अभाव में इसकी दुर्दशा हो गई है. आलम यह है कि वर्तमान समय में यह अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यहां शव दहन के लिए लगाए गए शेड टूटे चुके हैं. साफ-सफाई के अभाव में परिसर में भारी गंदगी है. यहां रात में शराबियों और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है.
'सात साल पूर्व हुआ था निर्माण'
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह शहर का एकमात्र मुक्तिधाम है. नगर परिषद की उदासीनता के कारण इसकी स्थिति बदहाल है. 7 साल पहले लाखों की लागत से इसका निर्माण कराया गया था. लेकिन, अपने निर्माणकाल के कुछ समय बाद ही इसकी स्थिति दयनीय हो गई. यहां अब लोग दाह-संस्कार करने से भी कतराते हैं.
स्थानीय नरेश पासवान बताते हैं कि जिलावासियों की परेशानी को देखते हुए इस मुक्तिधाम को काफी हाईटेक सुविधाओं के साथ बनाया गया था. लेकिन नगर परिषद की उदासीनता की वजह से यह शमशान घाट कूड़े के ढ़ेर में बदल चुका है. यहां पर लगे पानी की मोटर और सोलर लाइट को चोरों ने साफ कर दिया है. नरेश पासवान कहते हैं कि इसकी दुर्दशा का जिम्मेदार केवल नगर परिषद है. नगर परिषद यहां पर कूड़े को डंप करती है.
जल्द लगेगा विद्युत शवदाह यंत्र- कार्यपालक अधिकारी
इस मामले पर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी मुकेश कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि इस मुक्तिधाम को परित्यक्त किया जाएगा. जल्द ही इसके बगल में विद्युत शवदाह गृह का निर्माण करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस मुक्तिधाम को भी साफ-सुथरा किया जाएगा. जिससे यहां पर आने वाले लोगों को कोई परेशानी नहीं हो.