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Jehanabad News: रद्दी के भाव बेच दी बच्चों की सरकारी किताबें... हंगामे के बाद हेडमास्टर फरार

बिहार के जहानाबाद में योजना के तहत बच्चों को निशुल्क किताबें वितरित की जानी थी. नीतीश सरकार ने किताबें भेजी जरूर लेकिन वो बच्चों तक पहुंच ही नहीं सकी. स्कूल के हेडमास्टर ने शिक्षक के साथ मिलकर बच्चों की किताबों को रद्दी के भाव में बेच डाला. गांव वालों को जैसे ही इस बाद की जानकारी लगी सभी मौके पर पहुंच गए और जमकर हंगामा किया.

जहानाबाद में कबाड़ी को बेच दी गई सरकारी किताबें
जहानाबाद में कबाड़ी को बेच दी गई सरकारी किताबें
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 15, 2023, 2:33 PM IST

Updated : Sep 15, 2023, 2:50 PM IST

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जहानाबाद: जिले में उस वक्त जमकर हंगामा हुआ जब सरकारी किताबों को कबाड़ी के हाथों बेचते प्रधानाध्यापक को ग्रामीणों ने रंगे हाथों पकड़ लिया. मामला रतनी प्रखंड राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय जहांगीरपुर का है. जिस गुरु पर बच्चों की तालिम देने की जिम्मेदारी है, वहीं उनकी किताबों को कबाड़ी में रद्दी के भाव बेचते पकड़े गए.

पढ़ें- Bihar Education System: किलो के भाव बेच दी गई बच्चों को दी जाने वाली सरकारी किताबें.. दो गिरफ्तार

जहानाबाद में कबाड़ी को बेच दी गई सरकारी किताबें: दरअसल ग्रामीण को भनक लगी कि स्कूल में आई सरकारी किताबों को बेचा जा रहा है. उसके बाद कुछ ग्रामीण राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय पहुंच गए और हंगामा करने लगे. हंगामा को देखकर इस विद्यालय की प्रधानाध्यापक विद्यालय से फरार हो गए. गांव के लोगों ने कबाड़ी की गाड़ी से सरकारी स्कूल की किताबें उतार ली. वहीं स्कूल के बच्चों से जब पूछा गया कि उन्हें किताबें मिली हैं या नहीं तो सभी ने कहा कि हमें किताबें नहीं दी गई हैं.

कबाड़ में बच्चों की किताबें
कबाड़ में बच्चों की किताबें

ग्रामीणों ने जमकर किया हंगामा: गांव के लोगों ने इस बात की सूचना 112 नंबर की पुलिस को दी. पुलिस की टीम सूचना के बाद गांव में पहुंची भी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. बाद में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को लोगों ने फोन कर दिया. तब जाकर अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया है. रतनी के शिक्षा पदाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की.

"दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. राज्य सरकार द्वारा सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं को मुफ्त में किताब उपलब्ध करायी जाती है. हमें शिकायत मिली है कि किताबों को कबाड़ में बेच दिया गया. मामले की जांच होगी."- प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी

प्रधानाध्यापक और शिक्षक पर आरोप: सरकार की ओर से लगातार कोशिश की जाती है कि बच्चों को पढ़ाई लिखाई में किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो. सरकारी स्कूलों के बच्चों को मुफ्त में किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं. वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय जहांगीरपुर के प्रधानाध्यापक ने बच्चों को किताब न देकर विद्यालय में स्टोर कर लिया. फिर चुपके से किताब बेचकर पैसा कमाना चाहते थे. ग्रामीणों की सूझबूझ के कारण प्रधानाध्यापक और शिक्षक के कारनामे का पर्दाफाश हो गया.

"हमलोगों ने देखा कि कबाड़ी वाला स्कूल से किताब लेकर जा रहा है. ग्रामीणों ने देखा कि नए-नए किताब को ढोया जा रहा है. उसके बाद गांव में हड़कंप मच गया. बच्चों को किताबें ना देकर कबाड़ में बेचा जा रहा था. हमने सारी किताबों को जब्त कर लिया है. कबाड़ी वाला अपनी गाड़ी छोड़कर मौके से फरार हो गया है."- रामजी कुमार, ग्रामीण

पूर्णिया से भी आ चुका है ऐसा मामला सामने: जहानाबाद ही नहीं बल्कि पूर्णिया से भी बीते दिनों ऐसा ही मामला सामने आ चुका है. पूर्णिया में भी मई 2023 को कबाड़ी की दुकान के बाहर लगे एक ट्रैक्टर से बच्चों को दी जाने वाली सरकारी किताबों को जब्त किया गया था. वहीं कई बार बच्चों को दी जाने वाले एमडीएम को लेकर भी फर्जीवाड़े की खबरें सामने आती रहती हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि भले ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक सख्ती बरत रहे हैं ताकि बच्चों को अच्छी तालिम मिल सके लेकिन उन तमाम कोशिशों पर ऐसे लोग बट्टा लगा देते हैं.

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जहानाबाद: जिले में उस वक्त जमकर हंगामा हुआ जब सरकारी किताबों को कबाड़ी के हाथों बेचते प्रधानाध्यापक को ग्रामीणों ने रंगे हाथों पकड़ लिया. मामला रतनी प्रखंड राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय जहांगीरपुर का है. जिस गुरु पर बच्चों की तालिम देने की जिम्मेदारी है, वहीं उनकी किताबों को कबाड़ी में रद्दी के भाव बेचते पकड़े गए.

पढ़ें- Bihar Education System: किलो के भाव बेच दी गई बच्चों को दी जाने वाली सरकारी किताबें.. दो गिरफ्तार

जहानाबाद में कबाड़ी को बेच दी गई सरकारी किताबें: दरअसल ग्रामीण को भनक लगी कि स्कूल में आई सरकारी किताबों को बेचा जा रहा है. उसके बाद कुछ ग्रामीण राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय पहुंच गए और हंगामा करने लगे. हंगामा को देखकर इस विद्यालय की प्रधानाध्यापक विद्यालय से फरार हो गए. गांव के लोगों ने कबाड़ी की गाड़ी से सरकारी स्कूल की किताबें उतार ली. वहीं स्कूल के बच्चों से जब पूछा गया कि उन्हें किताबें मिली हैं या नहीं तो सभी ने कहा कि हमें किताबें नहीं दी गई हैं.

कबाड़ में बच्चों की किताबें
कबाड़ में बच्चों की किताबें

ग्रामीणों ने जमकर किया हंगामा: गांव के लोगों ने इस बात की सूचना 112 नंबर की पुलिस को दी. पुलिस की टीम सूचना के बाद गांव में पहुंची भी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. बाद में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को लोगों ने फोन कर दिया. तब जाकर अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया है. रतनी के शिक्षा पदाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की.

"दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. राज्य सरकार द्वारा सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं को मुफ्त में किताब उपलब्ध करायी जाती है. हमें शिकायत मिली है कि किताबों को कबाड़ में बेच दिया गया. मामले की जांच होगी."- प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी

प्रधानाध्यापक और शिक्षक पर आरोप: सरकार की ओर से लगातार कोशिश की जाती है कि बच्चों को पढ़ाई लिखाई में किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो. सरकारी स्कूलों के बच्चों को मुफ्त में किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं. वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय जहांगीरपुर के प्रधानाध्यापक ने बच्चों को किताब न देकर विद्यालय में स्टोर कर लिया. फिर चुपके से किताब बेचकर पैसा कमाना चाहते थे. ग्रामीणों की सूझबूझ के कारण प्रधानाध्यापक और शिक्षक के कारनामे का पर्दाफाश हो गया.

"हमलोगों ने देखा कि कबाड़ी वाला स्कूल से किताब लेकर जा रहा है. ग्रामीणों ने देखा कि नए-नए किताब को ढोया जा रहा है. उसके बाद गांव में हड़कंप मच गया. बच्चों को किताबें ना देकर कबाड़ में बेचा जा रहा था. हमने सारी किताबों को जब्त कर लिया है. कबाड़ी वाला अपनी गाड़ी छोड़कर मौके से फरार हो गया है."- रामजी कुमार, ग्रामीण

पूर्णिया से भी आ चुका है ऐसा मामला सामने: जहानाबाद ही नहीं बल्कि पूर्णिया से भी बीते दिनों ऐसा ही मामला सामने आ चुका है. पूर्णिया में भी मई 2023 को कबाड़ी की दुकान के बाहर लगे एक ट्रैक्टर से बच्चों को दी जाने वाली सरकारी किताबों को जब्त किया गया था. वहीं कई बार बच्चों को दी जाने वाले एमडीएम को लेकर भी फर्जीवाड़े की खबरें सामने आती रहती हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि भले ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक सख्ती बरत रहे हैं ताकि बच्चों को अच्छी तालिम मिल सके लेकिन उन तमाम कोशिशों पर ऐसे लोग बट्टा लगा देते हैं.

Last Updated : Sep 15, 2023, 2:50 PM IST
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