जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद सदर अस्पताल में एक कैदी के कारण जेलकर्मी और अन्य मरीज परेशान हो गए. कैदी की हड़कतों के कारण अस्पताल प्रशासन के सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो गई. उक्त कैदी अस्पताल में ही जमकर हंगामा करने लगा. इस दौरान सदर अस्पताल में अफरा तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई. बाद में स्वास्थ्य और पुलिस कर्मियों द्वारा उसे किसी तरह समझ बुझा कर मामले को शांत कराया गया.
जहानाबाद सदर अस्पताल में कैदी का हंगामा : मिली जानकारी के अनुसार, 5 महीने से गया निवासी मनोज कुमार मंडल काको में बंद है. इस बीच तबीयत खराब हो जाने के कारण उसका इलाज पटना में चल रहा था. लेकिन अचानक पुलिस टीम उसका इलाज कराने के लिए मंडल काको से लेकर सदर अस्पताल पहुंच गई. ऐसे में जैसे ही कैदी सदर अस्पताल पहुंचा की उसने हंगामा करना शुरू कर दिया. उसका कहना था कि जब उसका इलाज पीएमसीएच में चल रहा है तो फिर उसे सदर अस्पताल क्यों लाया गया.
'मुझे टॉर्चर करने के लिए यहां लाया जाता है' : इसी बात को लेकर वह भड़क गया और हंगामा करने लगा. जिसके कारण पुलिस प्रशासन के भी पसीने छूटने लगे. कैदी का आरोप है कि ''हमें टॉर्चर करने के लिए बार-बार सदर अस्पताल लाकर रखा जाता है.'' इसी बात को लेकर वह सदर अस्पताल में रहने के लिए तैयार नहीं था. कैदी हंगामा के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों एवं पुलिस प्रशासन के साथ भीड़ गया. बाद में किसी तरह उसे समझा बूझकर शांत कराया गया.
"जेल मैनुअल का नियम है कि किसी भी मरीज को इलाज करने के लिए पहले सदर अस्पताल लाया जाता है. यहां के बाद ही मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाता है. इसके बाद किसी मरीज को इलाज के लिए बाहर भेजा जाता है. इसलिए कैदी मनोज को सदर अस्पताल लाया गया था. जहां मेडिकल बोर्ड का गठन कर उसे पीएमसीएच भेजा जा सके. लेकिन वह नियम को बिना समझे हंगामा करने लगा. वह बार-बार पीएमसीएच जाने के लिए जिद्द कर रहा है." - एके नंदा, डॉक्टर, सदर अस्पताल, जहानाबाद.
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