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जहानाबाद: नल-जल योजना के तहत बने बोरिंग में गिरने से बच्ची की मौत

ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना के तहत चलने वाले नल-जल योजना के अंतर्गत बोरिंग किया गया था. जिसमें गिरने से बच्ची की मौत हो गई.

बच्ची की मौत के बाद परिजनों में मातम का महौल
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Published : Jun 20, 2019, 11:39 AM IST

जहानाबाद: जिले के परसविगहा थाना क्षेत्र के लक्षुविगहा गांव में नल-जल योजना के तहत किये गये बोरिंग में साढ़े तीन साल की बच्ची अनुष्का कुमारी की अचानक गिरने से मौत हो गयी. स्थानीय लोगों ने घटना स्थल पर पहुंचकर किसी तरह से उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका. मौके पर पहुंची पुलिस और डीएम ने किसी तरह की कोई मदद नहीं की. स्थानीय लोगों ने किसी तरह से उसके शव को बाहर निकाला.

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना के तहत चलने वाले नल-जल योजना के अंतर्गत बोरिंग की गई थी. लेकिन बोरिंग सफल नहीं होने के बाद कुछ दूर हटकर फिर से बोरिंग की गई और वहां नल लगाया गया. लेकिन पहले वाले बोरिंग के गड्ढे को नहीं भरा गया. नल लगने के बाद स्थानीय लोग यहां पानी के लिए आने लगे. रात में करीब साढ़े 9 बजे बच्ची अपने पिता के साथ नल पर गई थी. यहां खुले बोरिंग में बच्ची का पैर फिसल गया और वो उसमें गिर गई. मदद के लिए चिल्लाने पर सैकड़ों ग्रामीण घटना स्थल पर जमा हो गए और उसे बचाने का प्रयास करने लगे. रात में जेसीबी भी मंगवाया गया. फिर भी बच्ची को नहीं बचाया जा सका.

बच्ची की मौत के बाद परिजनों में मातम का महौल

पुलिस ने नहीं की कोई मदद
परिजन ओम कुमार ने बताया कि घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस की ओर से कोई मदद नहीं की गई. उसने मुखिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी लापरवाही के कारण यह घटना हुई है. उन्होंने कहा था कि चाहे कितना भी मरे लेकिन हम गड्ढा नहीं भरेंगे. स्थानीय लोगों ने पीड़ित परिजनों के लिए सरकार से मुआवजे की मांग की है. घटना के बाद परिजनों में मातम का महौल है. ग्रामीणों की ओर से गड्ढे को भर दिया गया और शव का सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करवा कर दाह-संस्कार भी कर दिया गया.

जहानाबाद: जिले के परसविगहा थाना क्षेत्र के लक्षुविगहा गांव में नल-जल योजना के तहत किये गये बोरिंग में साढ़े तीन साल की बच्ची अनुष्का कुमारी की अचानक गिरने से मौत हो गयी. स्थानीय लोगों ने घटना स्थल पर पहुंचकर किसी तरह से उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका. मौके पर पहुंची पुलिस और डीएम ने किसी तरह की कोई मदद नहीं की. स्थानीय लोगों ने किसी तरह से उसके शव को बाहर निकाला.

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना के तहत चलने वाले नल-जल योजना के अंतर्गत बोरिंग की गई थी. लेकिन बोरिंग सफल नहीं होने के बाद कुछ दूर हटकर फिर से बोरिंग की गई और वहां नल लगाया गया. लेकिन पहले वाले बोरिंग के गड्ढे को नहीं भरा गया. नल लगने के बाद स्थानीय लोग यहां पानी के लिए आने लगे. रात में करीब साढ़े 9 बजे बच्ची अपने पिता के साथ नल पर गई थी. यहां खुले बोरिंग में बच्ची का पैर फिसल गया और वो उसमें गिर गई. मदद के लिए चिल्लाने पर सैकड़ों ग्रामीण घटना स्थल पर जमा हो गए और उसे बचाने का प्रयास करने लगे. रात में जेसीबी भी मंगवाया गया. फिर भी बच्ची को नहीं बचाया जा सका.

बच्ची की मौत के बाद परिजनों में मातम का महौल

पुलिस ने नहीं की कोई मदद
परिजन ओम कुमार ने बताया कि घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस की ओर से कोई मदद नहीं की गई. उसने मुखिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी लापरवाही के कारण यह घटना हुई है. उन्होंने कहा था कि चाहे कितना भी मरे लेकिन हम गड्ढा नहीं भरेंगे. स्थानीय लोगों ने पीड़ित परिजनों के लिए सरकार से मुआवजे की मांग की है. घटना के बाद परिजनों में मातम का महौल है. ग्रामीणों की ओर से गड्ढे को भर दिया गया और शव का सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करवा कर दाह-संस्कार भी कर दिया गया.

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बोरवेल में गिरने सो बच्ची की मौत, गम में डूबा गांव


Anchor intro-बिहार के जहानाबाद जिले के परसविगहा थाना क्षेत्र के लक्षुविगहा गॉव के नल – जल योजना के तहत किये गये बोरिंग में एक साढ़े तीन साल की बच्ची अनुष्का कुमारी अचानक गिर गयी और दो घंटे के बाद उसकी मौत हो गयी | ग्रामीणों के मुताबिक दरअसल हुआ यह की सात निश्चय योजना के तहत नल – जल योजना के अंतर्गत लक्षुविगहा गॉव में बोरिंग किया गया | बोरिंग करते समय पहले वाला बोरिंग किसी कारण वश सक्सेस नहीं हुआ | तब उसी जगह पर थोडा हट कर दूसरा बोरिंग किया गया तब बोरिंग सक्सेस हुआ और लोग इस नल पर स्नान करने रोज जाते थे | बच्ची 19 जून की रात साढ़े नौ बजे स्नान करने उस नल पर गयी लेकिन अनुष्का की पैर दुसरे खुला बोरिंग के हॉल में फिसल गया और वह जा गिरी | लोगो ने राहत को ले हल्ला किया | तब सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण घटना स्थल पर पहुंचे | रात को तुरंत जेसीबी मंगवाया गया और राहत कार्य में लोग जुट गये | सुचना मिलते ही परसविगहा थाना की पुलिस घटना स्थल पर पहुंची |  साथ ही जिले के वरीय अधिकारी भी घटना स्थल पर पहुंचे | लेकिन सही इन्तेजाम नहीं होने के कारण अनुष्का ने बोर बिल में ही दम तोड़ दिया | उसके बाद उसे  लोहे के झगड़ के सहारे मृत शव को किसी तरह बाहर निकाला | बच्ची बीस फीट बोरिंग में गिर चुकी थी किसी की मदद की दरकार थी लेकिन ग्रामीण ने मदद के लिए अपने – अपने हाथ बढाये | उसके बाद जिला प्रशासन द्वारा तत्काल आक्सीजन की व्यवस्था नहीं की गयी | बोरिंग के बगल में जेसीबी द्वारा दूसरा गड्डा भी खोदा जा रहा था तब तक मौत की खबर ग्रामीणों ने दे डाली | बच्ची बोर के अंदर मदद के लिए चिल्लाती रही कोई हमे बचा ले | शायद हम अनुष्का को आज जीवित नहीं देख सकते लेकिन उस बच्ची के मदद को ले आप को कहानी सुना कर लोगो को सजेत कर रहे है की बोरिंग को खुला नहीं छोड़ना चाहिय ताकि किसी और बच्ची की जान नहीं जा सके | बच्ची की माँ रो – रो कर अपनी अनुष्का के लिए दर्द बयाँ कर रही है जो आप को हम सुना रहे है | ग्रामीण कहते है की अनुष्का तो चली गयी लेकिन अभी भी सरकारी मुवाजे की दरकार अनुष्का के माता – पिता को है | ताकि कुछ राहत मिल सके | हमारी सरकार ऐसी घटना को ले समय रहते क्यों नहीं जागती ताकि किसी की जान को बचाया जा सके | इस दौरान गुसाये ग्रामीण अधिकारी से उलझ भी गये जैसा सूत्र बताते है | जिला प्रशासन द्वारा इन्तेजाम नहीं कराए जाने को लेकर | अगर बदइन्तेजामी का अगर अनुष्का शिकार नहीं होती तो वह आज गॉव की गलियों में खेलती नजर आती यही आस उसकी माँ को थी जिस अरमान को तुरंत चकना चूर कर दिया गया | इस घटना के बाद उस बोर बिल को ग्रामीणों द्वारा भर दिया गया | घटना के लिए कौन जिम्मेवार है जाँच के बाद पता चलेगा | बच्ची के शव को रात दो बजे पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में किया गया | और परिजन द्वारा रात में दाह – संस्कार कर दिया गया |

बाइट – संगीता देवी [ मृत अनुष्का की माँ ]

     ओम  कुमार [ परिजन ]

सत्यनारायन कुमार सिंह [ ग्रामीण ]
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