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जहानाबाद में फिर नहीं मिली एम्बुलेंस, मां की गोद में ही बच्चे ने तोड़ा दम

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले भी जहानाबाद में एम्बुलेंस के अभाव में मां की गोद में तीन साल के बच्चे की मौत हो गई थी.

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Published : Apr 25, 2020, 11:30 PM IST

Updated : Apr 26, 2020, 9:36 AM IST

जहानाबाद: जहानाबाद का सदर अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. इस बार भी एम्बुलेंस नहीं मिलने के कारण एक बच्चे की मौत हो गई. पटना रेफर किये जाने के बाद दो साल के बच्चे ने अपनी मां के गोद में दम तोड़ दिया. वहीं, पटना रेफर करने वाले चिकित्सक बच्चे को एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं करा सके.

बच्चे की मौत के बाद पिता ने डीएम आवास के पास मंदिर में पटक-पटककर अपना सिर फोड़ लिया और मां चित्कार मार कर रोती रही. सदर प्रखंड के किनारी गांव के रहने वाले महादलित परिवार के दो वर्षीय बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं. मृत बच्चे के परिजनों ने बताया कि बच्चे की शनिवार को अचानक तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उसे आनन-फानन में सदर अस्पताल लाया गया. यहां इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे पीएमसीएच के लिये रेफर कर दिया.

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एम्बुलेंस नहीं मिल सकी
परिजनों ने बताया कि उनके पास पैसे नहीं थे. वो प्राइवेट एम्बुलेंस नहीं कर सके. वहीं अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि रेफर करने के बाद डॉक्टरों ने उसे एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराया. थक-हारकर वह बच्चे को बाइक से पटना ले जाने लगे लेकिन रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया.

रोते हुए परिजन और बयान देते सिविल सर्जन

कुछ दिनों पहले भी हुई थी बच्चे की मौत
वहीं, सिविल सर्जन ने बताया कि बच्चा काफी सीरियस हालात में आया था. उसे इलाज के क्रम में ऑक्सीजन भी लगाया गया. शुरूआती इलाज के बाद उसे पीएमसीएच रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले भी जहानाबाद में एम्बुलेंस के अभाव में मां की गोद में तीन साल के बच्चे की मौत हो गई थी. मीडिया में खबर आने के बाद पूरे देश में बवाल मच गया था. इसे लेकर जहानाबाद डीएम ने हेल्थ मैनेजर, दो डॉक्टर और चार नर्स पर कार्रवाई भी की थी.

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सिविल सर्जन

जहानाबाद: जहानाबाद का सदर अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. इस बार भी एम्बुलेंस नहीं मिलने के कारण एक बच्चे की मौत हो गई. पटना रेफर किये जाने के बाद दो साल के बच्चे ने अपनी मां के गोद में दम तोड़ दिया. वहीं, पटना रेफर करने वाले चिकित्सक बच्चे को एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं करा सके.

बच्चे की मौत के बाद पिता ने डीएम आवास के पास मंदिर में पटक-पटककर अपना सिर फोड़ लिया और मां चित्कार मार कर रोती रही. सदर प्रखंड के किनारी गांव के रहने वाले महादलित परिवार के दो वर्षीय बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं. मृत बच्चे के परिजनों ने बताया कि बच्चे की शनिवार को अचानक तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उसे आनन-फानन में सदर अस्पताल लाया गया. यहां इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे पीएमसीएच के लिये रेफर कर दिया.

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एम्बुलेंस नहीं मिल सकी
परिजनों ने बताया कि उनके पास पैसे नहीं थे. वो प्राइवेट एम्बुलेंस नहीं कर सके. वहीं अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि रेफर करने के बाद डॉक्टरों ने उसे एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराया. थक-हारकर वह बच्चे को बाइक से पटना ले जाने लगे लेकिन रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया.

रोते हुए परिजन और बयान देते सिविल सर्जन

कुछ दिनों पहले भी हुई थी बच्चे की मौत
वहीं, सिविल सर्जन ने बताया कि बच्चा काफी सीरियस हालात में आया था. उसे इलाज के क्रम में ऑक्सीजन भी लगाया गया. शुरूआती इलाज के बाद उसे पीएमसीएच रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले भी जहानाबाद में एम्बुलेंस के अभाव में मां की गोद में तीन साल के बच्चे की मौत हो गई थी. मीडिया में खबर आने के बाद पूरे देश में बवाल मच गया था. इसे लेकर जहानाबाद डीएम ने हेल्थ मैनेजर, दो डॉक्टर और चार नर्स पर कार्रवाई भी की थी.

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सिविल सर्जन
Last Updated : Apr 26, 2020, 9:36 AM IST
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