जमुई: चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत घूटवे गांव में बीते 5 सितंबर को दहेज के लिए ससुराल वालों ने एक विवाहिता को जिंदा जला दिया था. जिसके बाद से वह अस्पताल में इलाजरत थी. वहीं शनिवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
दो लाख रुपये की मांग
विवाहिता के पिता और चकाई थाना क्षेत्र के सिमरिया गांव निवासी अनिल मिस्त्री ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी संगीता देवी की शादी करीब 5 वर्ष पूर्व घुटवे गांव निवासी अजय शर्मा के साथ की थी. शादी के बाद मेरी बेटी को एक लड़का भी हुआ. लेकिन उसके बाद से ही ससुर साफी शर्मा सहित अन्य ससुराल वाले मायके से दहेज का बकाया दो लाख रुपये की मांग कर रहे थे.
बेटी ने की शिकायत
पिता ने बताया कि इस संबंध में कई बार हमारी बेटी ने हमको शिकायत भी की. लेकिन राशि नहीं रहने के कारण मैं अपनी बेटी को दो लाख नहीं दे सका. इसी बीच 8 सितंबर की सुबह सात बजे के करीब मेरी बेटी को उसके ससुर साफी शर्मा, भैसुर विजय शर्मा और उसकी पत्नी रीता देवी ने शरीर पर किरासन तेल छिड़ककर आग लगा दी. जिससे मेरी बेटी जलने लगी और चिल्लाने लगी.
ससुराल वाले फरार
इसी दौरान ससुराल के सभी लोग फरार हो गए. तब तक महिला 80% जल चुकी थी. बेटी की आवाज सुनकर कुछ गांव वाले वहां पहुंचे और किसी तरह आग बुझाकर बेटी की जान बचाई और पिता को सूचना दी. सूचना मिलते ही जब मैं अपने बेटी के घर पहुंचा तो, देखा कि मेरी बेटी अधजली स्थिति में गिरी पड़ी है. तब मैंने बेटी को इलाज के लिए देवघर सदर अस्पताल में भर्ती कराया.
थाना में एफआईआर दर्ज
जहां से बेहतर इलाज के लिए उसे धनबाद रेफर किया गया है. धनबाद में बिगड़ती स्थिति को देखकर उसे आसनसोल रेफर कर दिया गया है. जहां मेरी बेटी जिंदगी और मौत से जूझती रही और उसने शनिवार की रात दम तोड़ दिया.
पिता अनिल मिस्त्री ने बेटी की हत्या की नीयत से आग लगाकर जला दिए जाने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया है. चन्द्रमंडीह थानाध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जमुई भेज दिया गया है और ससुराल वालों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.