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जमुई: भारत छोड़ो आंदोलन को लेकर गोष्ठी का आयोजन, स्वतंत्रता सेनानियों को किया गया याद

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Published : Aug 8, 2020, 8:41 PM IST

झाझा में भारत छोड़ो आंदोलन के उपर सेमिनार का आयोजन किया गया. इस दौरान कार्यकर्म के संयोजक धर्म देव यादव ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन आजादी की लड़ाई का आखिरी पड़ाव था, जो अहिंसक और निर्णायक तरीके से गांधी जी के नेतृत्व में लड़ी गई थी.

जमुई: झाझा में भारत छोड़ो आंदोलन के उपर गोष्ठी का आयोजन
जमुई: झाझा में भारत छोड़ो आंदोलन के उपर गोष्ठी का आयोजन

जमुई(झाझा): राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के तत्वावधान में गांधी जी के नेतृत्व में हुए भारत छोड़ो आंदोलन के ऊपर झाझा शास्त्री सदन में गोष्ठी आयोजित की गई. जिसका संयोजन आरजीपीआरएस के धर्म देव यादव ने किया. मुख्य अतिथि चक्रधारी यादव ने कहा कि आजादी की लड़ाई को अगर अलग-अलग हिस्सों में बांट कर देखें .तो भारत छोड़ो आंदोलन का महत्व ऐतिहासिक है. उन्होंने कहा कि 1942 की अगस्त क्रांति में झाझा के मुरगबा मुसहर, लाल मोहम्मद, मोहम्मद रहमान, फूलचंद माथुरी और शिवनंदन यादव की भी स्थानीय स्तर पर भूमिका अहम रही थी.

इस कार्यकर्म के संयोजक धर्म देव यादव ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन आजादी की लड़ाई का आखिरी पड़ाव था, जो अहिंसक और निर्णायक तरीके से गांधी जी के नेतृत्व में लड़ी गई थी. इसका इतिहास गवाह है. कांग्रेस नेता उदय शंकर ने कहा कि आजादी की लड़ाई में हजारों बलिदानियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी. उनकी शहादत को भी भुलाया नहीं जा सकता, लेकिन देश की भोली-भाली जनता ने महात्मा गांधी के सत्य अहिंसा की राह पर चलकर आजादी प्राप्त करने के तरीके को ज्यादा पसंद किया.

'अहिंसा के हथियार से अंग्रेजों को किया गया परास्त'
प्रखंड अध्यक्ष एनुल हक ने कहा कि आजादी की लड़ाई में शहीद हुए स्वतंत्रता सेनानियों को आज याद करने का दिन है. युवा राजद के प्रवक्ता मनोज भारती ने कहा कि देश के सभी तबके के लोगों ने मिलकर आजादी प्राप्त की. कांग्रेस नेता सरफराज अहमद ने कहा कि अहिंसा के हथियार से यदि अंग्रेजों को परास्त किया जा सकता है, तो देशभर में फैली तमाम गड़बड़ियों को भी समाज में शांति, प्रेम भाव को बरकरार रखते हुए अहिंसक तरीके से समाप्त किया जा सकता है.

जमुई(झाझा): राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के तत्वावधान में गांधी जी के नेतृत्व में हुए भारत छोड़ो आंदोलन के ऊपर झाझा शास्त्री सदन में गोष्ठी आयोजित की गई. जिसका संयोजन आरजीपीआरएस के धर्म देव यादव ने किया. मुख्य अतिथि चक्रधारी यादव ने कहा कि आजादी की लड़ाई को अगर अलग-अलग हिस्सों में बांट कर देखें .तो भारत छोड़ो आंदोलन का महत्व ऐतिहासिक है. उन्होंने कहा कि 1942 की अगस्त क्रांति में झाझा के मुरगबा मुसहर, लाल मोहम्मद, मोहम्मद रहमान, फूलचंद माथुरी और शिवनंदन यादव की भी स्थानीय स्तर पर भूमिका अहम रही थी.

इस कार्यकर्म के संयोजक धर्म देव यादव ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन आजादी की लड़ाई का आखिरी पड़ाव था, जो अहिंसक और निर्णायक तरीके से गांधी जी के नेतृत्व में लड़ी गई थी. इसका इतिहास गवाह है. कांग्रेस नेता उदय शंकर ने कहा कि आजादी की लड़ाई में हजारों बलिदानियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी. उनकी शहादत को भी भुलाया नहीं जा सकता, लेकिन देश की भोली-भाली जनता ने महात्मा गांधी के सत्य अहिंसा की राह पर चलकर आजादी प्राप्त करने के तरीके को ज्यादा पसंद किया.

'अहिंसा के हथियार से अंग्रेजों को किया गया परास्त'
प्रखंड अध्यक्ष एनुल हक ने कहा कि आजादी की लड़ाई में शहीद हुए स्वतंत्रता सेनानियों को आज याद करने का दिन है. युवा राजद के प्रवक्ता मनोज भारती ने कहा कि देश के सभी तबके के लोगों ने मिलकर आजादी प्राप्त की. कांग्रेस नेता सरफराज अहमद ने कहा कि अहिंसा के हथियार से यदि अंग्रेजों को परास्त किया जा सकता है, तो देशभर में फैली तमाम गड़बड़ियों को भी समाज में शांति, प्रेम भाव को बरकरार रखते हुए अहिंसक तरीके से समाप्त किया जा सकता है.

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