जमुई: बिहार में सुरक्षाकर्मी ही सुरक्षित नहीं हैं. जमुई मुख्यालय के एक जर्जर भवन में एससी-एसटी और महिला थाना चल रहा है. ऐसे में वहां काम कर रहे पुलिस पदाधिकारी और सुरक्षा कर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें बुनियादी सुविधाएं तक नसीब नहीं हो रही हैं.
बताया जाता है कि सालों पुराने भवन में एससी-एसटी और महिला थाने को चलाया जा रहा है. जिससे 24x7 जान का खतरा बना रहता है. पुलिस कर्मियों की मानें तो वे खौफ में ड्यूटी निभाने को मजबूर हैं. बारिश के दिनों में हालात और दयनीय हो जाते हैं. लेकिन, मजबूरन उन्हें सबकुछ सहना पड़ता है.
पुलिसकर्मियों ने सुनाई आपबीती
जर्जर हाल में ड्यूटी निभा रहे पुलिसकर्मियों का कहना है कि थाना भवन काफी पुराना है इसलिए जर्जर हो गया है. आलम ये है कि छत कभी भी गिर सकती है. हल्की बारिश के समय ही पूरे थाना भवन में पानी भर जाता है. छत से पानी टपकता है. जिस कारण वहां रखे जरूरी कागज, फाइल और दस्तावेज भीग जाते हैं. हालात बहुत ही खराब है.
शिकायत के बावजूद नहीं हुई सुनवाई
सुरक्षाकर्मी श्रीकांत सिंह रामाधार यादव सहित अन्य पुलिस कर्मियों की मानें तो बारिश के दिनों में वे जागकर पूरी रात गुजारते हैं. इस समस्या के बारे में कई बार एसपी सहित बड़ी पदाधिकारियों को आवेदन दिया गया है. लेकिन, अब तक इस भवन की मरम्मती नहीं हो पाई है. जिस कारण रोजाना किसी न किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है.
पुलिस अधिकारी डीएम पर लगा रहे आरोप
थाने में मौजूद अवर निरीक्षक साधु मिश्रा ने बताया कि एसपी को इन हालातों से अवगत करा दिया गया है. लेकिन उनके पास इसकी मरम्मती का अधिकार नहीं है. भवन निर्माण और मरम्मती का अधिकार जिलाधिकारी के पास है. उन्हें कई बार इसकी सूचना दी गई है. लेकिन अब तक कोई उपाय नहीं किया गया. नतीजतन वे यहां रह रहे हैं.