जमुई (झाझा): लोक आस्था का महापर्व छठ व्रत 18 नबंवर से शुरू होगा. 18 को नहाए-खाये, 19 को खरना, 20 को अस्ताचलगामी सूर्य को संध्या अर्घ्य और 21 को उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत संपन्न होगा. इसको लेकर बाजार में जगह-जगह अस्थायी डाला, दउरा, सूप और डगरा की दुकानें सज गयी हैं.
सूप के दामों में बढ़ोतरी
बांस के साथ पीतल के बने डाला और सूप को लेना भी लोग पंसद कर रहे हैं. हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष डाला सूप पर मंहगाई का रंग चढ़ गया है. बावजूद आस्था के आगे लोग मंहगाई की परवाह नहीं कर रहे हैं. इस बार बाजार में सूप के दामों में पिछले वर्ष की तुलना में अत्याधिक कीमत में बिकते दिख रहे हैं.
बांस का उत्पादन कम
सूप जहां 100 से 130 रुपये है तो वहीं, छोटा डलिया, बड़े डलिया में भी 50-70 रुपये की बढ़ोतरी देखी जा रही है. सूप, डलिया बनाने वाले कारीगर का कहना है कि इस क्षेत्र में बांस का उत्पादन कम हुआ है, जिसके कारण बांस मालिक ऊंचे दामों में बांस बेच रहे हैं. जिसके कारण हमलोग मजदूरी में सिर्फ कुछ रुपये की बढ़ोतरी किए हैं.
लागत मूल्य मिल पाना मुश्किल
कारीगरों ने बताया कि पहले दुर्गापूजा के समय से ही हम लोगों को डलिया, सूप का ऑर्डर मिल जाया करता था. लेकिन इस बार ऑर्डर भी कम मिला है. इस वर्ष कोरोना हम लोगों के लिये आफत लेकर आया है. पहले रोजगार पर पूर्ण रूप से ग्रहण लगा हुआ था. दूसरी ओर इस बार हमलोगों की लागत मूल्य भी मिल पाना मुश्किल हो रहा है.