जमुईः पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जमुई पहुंचकर दिवंगत नेता स्वर्गीय नरेंद्र सिंह (RCP Singh Tribute to Late Narendra Singh) को श्रद्धांजलि दी और उनके पैतृक आवास पकरी गांव में उनके परिवार से भी मिले और उन्हें सांत्वना दी. इस दौरान मीडिया द्वारा जदयू को लेकर के पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि आज वो निजी कार्यक्रम में आए हैं, इसलिए कोई पॉलिटिकल सवाल का जवाब नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्व मंत्री वरिष्ठ राजनेता समाजसेवी जेपी आंदोलन के सेनानी नरेंद्र सिंह पूरे जीवन जन सेवा एवं समाज कल्याण के प्रति समर्पित रहे. उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती.
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"हम आऐ थे स्व. नरेंद्र बाबू को श्रद्धांजलि देने, वे हमारे देश में कृषि मंत्री भी रहे हैं. विभिन्न राजनीतिक पदों पर वो रहे हैं. बिहार के इतने कद्दावर नेता थे. अब हम लोगों के बीच नहीं हैं, हमने उनके परिवार वालों से मिलकर सांत्वना दी है. ये मेरा निजि कार्यक्रम था कोई दौरा नहीं था, आज पॉलिटिकल सवाल मत करो"- आरसीपी सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री
आरसीपी ने नरेंद्र सिंह के तीनों पुत्रों से की मुलाकातः पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जमुई के पकरी पहुंच कर पूर्व मंत्री स्व. नरेंद्र सिंह की तस्वीर पर पुष्पाजंलि अर्पित की और उन्हें नमन किया. इस दौरान उन्होंने उनके तीनों पुत्रों पूर्व विधायक अजय प्रताप सिंह, बिहार सरकार में मंत्री सुमित सिंह (Minister Sumit Kumar Singh) और समाजसेवी अमित कुमार सिंह से मिलकर इस दुख की घड़ी में अपनी सहानुभूति जताई. इस मौके पर उनके साथ कई अन्य नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे.
![पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह व अन्य](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15808417_picggg.jpg)
जेपी और लोहिया के सच्चे अनुयायी थे नरेंद्र बाबूः स्वर्गीय नरेंद्र सिंह के परिजनों से मुलाकात के दौरान आरसीपी सिंह ने कहा कि नरेंद्र बाबू राजनीति के शिखर पुरुष थे. उन्होंने जो मुकाम हासिल किया वह कोई नेता हासिल नहीं कर सकता है. जब वह कृषि मंत्री रहे तो बिहार का नाम पूरे भारत में रोशन किया. इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिला उनके चाहने वाले और उनकी विचारधारा को पसंद करने वाले लोग पूरे बिहार में हैं. उन्होंने कहा कि नरेन्द्र बाबू जेपी और लोहिया के सच्चे अनुयायी थे, जिन्होंने जीवन में कभी उनकी विचारधारा से समझौता नहीं किया. उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है.