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जमुई: ECRKU ने किया भारत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, रेलकर्मियों के हितों की उठाई मांग - ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन हाजीपुर

ईसीआरकेयू के सदस्यों ने भारत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने कई मांगों को लेकर भारत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया.

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Published : Sep 16, 2020, 7:48 AM IST

जमुई(झाझा): ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन हाजीपुर और ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर यूनियन की तरफ से जन जागरण सप्ताह मनाया जा रहा है. इसके दूसरे दिन यानी मंगलवार को पीडब्लूआई के पास एक सभा आयोजित की गई. जिसमें यूनियन के शाखा वन और टू के पदाधिकारी और रेलकर्मी शामिल हुए. वहीं लोगो ने भारत सरकार के निजीकरण और निगमीकरण करने और एनपीएस को खत्म करने के लिए भारत सरकार के उपर हमला बोला. हंगामे के दौरान उन्होंने अपनी मांगों को रखा.

मौके पर मौजूद यूनियन पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा, एन चक्रवर्ती, भरत भूषण, राजीव कुमार, संजय कुमार, उपेन्द्र कुमार, रामबालक राम, सुरेन्द्र करकटटा, शिवदयाल, रंजीत कुमार ने भारत सरकार के रवैये पर आक्रोश जताया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार रेलकर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. केंद्र सरकार के रेलकर्मचारियों के 50-55 वर्ष उम्र या 30 वर्ष की सेवा के आधार पर मनमाने ढंग से रेलकर्मी को निकालने की कोशिश किया जा रहा है, जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा.

ये है रेल कर्मियों की मांग
प्रदर्शन कर रहे यूनियन सदस्यों ने बताया कि केंद्र सरकार के रेलकर्मी को उम्र और सेवा के आधार पर मनमाने तरीके से सेवा पुनरीक्षण करने, रेलों को निजी आपरेटरों को सौंपने, उत्पादन इकाईयों का निगमीकरण करने, रेल मंत्रालय की ओर से 50 प्रतिशत पदों को सरेंडर करने, रिक्त पदों की नहीं भरने, लार्जेस योजना को पुनः चालू नहीं करने, पुराने पेंशन योजना को पुनः लागू नहीं करने और ग्रेड पे 1800 और 4600 के लिये प्रोन्नति के अवसर नहीं खोलने के विरोध मे प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, जन जागरण सप्ताह के तीसरे दिन यानि बुधवार को जन आंदोलन के प्रथम चरण मे छात्र, युवा बेरोजगार, यात्री संघ, पत्रकार, रेलउपभोक्ताओ को साथ लेकर परिचर्चा या बेबीनार की ओर से संवाद करना कार्यक्रम किया जाना है.

जमुई(झाझा): ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन हाजीपुर और ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर यूनियन की तरफ से जन जागरण सप्ताह मनाया जा रहा है. इसके दूसरे दिन यानी मंगलवार को पीडब्लूआई के पास एक सभा आयोजित की गई. जिसमें यूनियन के शाखा वन और टू के पदाधिकारी और रेलकर्मी शामिल हुए. वहीं लोगो ने भारत सरकार के निजीकरण और निगमीकरण करने और एनपीएस को खत्म करने के लिए भारत सरकार के उपर हमला बोला. हंगामे के दौरान उन्होंने अपनी मांगों को रखा.

मौके पर मौजूद यूनियन पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा, एन चक्रवर्ती, भरत भूषण, राजीव कुमार, संजय कुमार, उपेन्द्र कुमार, रामबालक राम, सुरेन्द्र करकटटा, शिवदयाल, रंजीत कुमार ने भारत सरकार के रवैये पर आक्रोश जताया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार रेलकर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. केंद्र सरकार के रेलकर्मचारियों के 50-55 वर्ष उम्र या 30 वर्ष की सेवा के आधार पर मनमाने ढंग से रेलकर्मी को निकालने की कोशिश किया जा रहा है, जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा.

ये है रेल कर्मियों की मांग
प्रदर्शन कर रहे यूनियन सदस्यों ने बताया कि केंद्र सरकार के रेलकर्मी को उम्र और सेवा के आधार पर मनमाने तरीके से सेवा पुनरीक्षण करने, रेलों को निजी आपरेटरों को सौंपने, उत्पादन इकाईयों का निगमीकरण करने, रेल मंत्रालय की ओर से 50 प्रतिशत पदों को सरेंडर करने, रिक्त पदों की नहीं भरने, लार्जेस योजना को पुनः चालू नहीं करने, पुराने पेंशन योजना को पुनः लागू नहीं करने और ग्रेड पे 1800 और 4600 के लिये प्रोन्नति के अवसर नहीं खोलने के विरोध मे प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, जन जागरण सप्ताह के तीसरे दिन यानि बुधवार को जन आंदोलन के प्रथम चरण मे छात्र, युवा बेरोजगार, यात्री संघ, पत्रकार, रेलउपभोक्ताओ को साथ लेकर परिचर्चा या बेबीनार की ओर से संवाद करना कार्यक्रम किया जाना है.

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