जमुई: अपनी मांगों को लेकर पिछले तीन दिनों से आशा कार्यकर्ता हड़ताल पर हैं. शनिवार की दोपहर अचानक सैकड़ों की संख्या में आशा कार्यकर्ता सदर अस्पताल के ओपीडी पहुंच गईं और हंगामा करने लगीं. सदर अस्पताल के ओपीडी कक्ष, महिला ओपीडी कक्ष, सहित अन्य वार्ड को बंद करवा दिया गया. आशा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के कारण दूरदराज से इलाज कराने पहुंचे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
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सदर अस्पताल में आशा कार्यकर्ताओं का हंगामा: बता दें कि अपनी मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ता बीते 3 दिनों से हड़ताल पर हैं. वहीं तीसरे दिन आशा कार्यकर्ताओं ने सदर अस्पताल के स्वास्थ्य व्यवस्था को ठप कर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. हालांकि मामले की जानकारी के बाद सीओ सुजीत कुमार, थानाध्यक्ष राजीव तिवारी, अस्पताल प्रबंधक रमेश पांडेय मौके पर पहुंचे और हंगामा कर रही आशा कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया.
मानदेय घोषित करने की मांग: सीओ सुजीत कुमार द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिलाया गया. वहीं आशा कार्यकर्ता मीना देवी ने बताया कि कोरोना जैसी महामारी में भी आशा कार्यकर्ता बिना डरे रात दिन अपने कार्य में लगी रहीं, लेकिन उनको अब तक जो सम्मान मिलना चाहिए वह नहीं दिया गया है.
"मानदेय जबतक घोषित नहीं किया जाता है तब तक हड़ताल जारी रहेगा. हमें हमारा सम्मान चाहिए. खंड खंड में मानदेय नहीं चाहिे. हमारे बारे में सरकार को सोचना चाहिए."- मीना देवी आशा कार्यकर्ता
मरीजों को भारी परेशानी: वहीं अस्पताल प्रबंधक रमेश पांडेय ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की जा रही है. उनकी मांगों से वरीय पदाधिकारियों के अलावा स्वास्थ्य विभाग को भी अवगत कराया जाएगा. वहीं आशा कार्यकर्ताओं द्वारा सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था को बाधित करने से मरीजों को निजी क्लीनिक में मोटी रकम देकर इलाज कराना पड़ रहा है. कई ऐसे मरीज थे जो पैसे के अभाव में बिना इलाज कराए ही अपने घर लौट गए.