जमुई: सदर अस्पताल में कार्यरत सफाई कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उस इलाके को सील कर दिया गया है. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने दलित टोले में स्थित चापाकल को बंद कर दिया. जिसकी वजह से दलित टोले में रहने वाले लोगों को पानी पीने की समस्या उत्पन्न हो गई है. वहीं, इसको लेकर दलितों ने डीएम धर्मेंद्र कुमार से न्याय की गुहार लगाई है.
डीएम से लगाई न्याय की गुहार
बता दें कि कुछ दिन पहले ही सदर अस्पताल में एक कार्यरत सफाई कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. इसके बाद जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर उस इलाके को बास-बल्ले से सील कर पॉजिटिव मरीज को गिद्धौर स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रखा. वहीं, कुछ दिन बाद से ही स्थानीय लोगों की ओर से दलित टोले में स्थित चापाकल को बंद कर दिया. जिससे वहां रहने वाले दर्जनों दलित परिवार के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. पीड़ित की ओर से डीएम धर्मेंद्र कुमार को आवेदन देते हुए न्याय की गुहार लगाई गई है.
सफाई कर्मी में कोरोना पॉजिटिव
धर्मेंद्र डोम ने बताया कि एक सफाई कर्मी में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद आसपास के लोगों ने जबरन दलित टोले का चापाकल को बंद कर दिया गया है. जिससे उन लोगों को पानी लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि मोहल्ले में स्थित तीन किराना दुकान है. कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद सभी ने अपनी दुकानों को बंद कर दिया है. साथ ही बताया कि स्थानीय लोग शहर के अन्य इलाके की दुकानों में जाते हैं तो दुकानदार उन्हें दूर से भगा देते हैं और उन्हें समान भी नहीं देते है. जिससे उन लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
पीड़ित परिवार के साथ न करे दुर्व्यहार
वहीं, अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर सैयद नोशाद अहमद ने बताया कि सफाई कर्मी लोगों की सेवा करते करते हुए कोरोना से संक्रमित हुआ है. उससे दुर्व्यहार करना बिल्कुल गलत है. यह रोग किसी को भी हो सकता है इसलिए किसी के साथ दुर्व्यवहार न करें.