उंडी (आंध्र प्रदेश) : पश्चिम गोदावरी पुलिस ने उंडी मंडल के येंदागंडी गांव में लकड़ी के बक्से में भेजे गए शव के मामले को सुलझाने का दावा कियया है. साथ ही पुलिस ने मुख्य आरोपी श्रीधर वर्मा समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपी वर्मा भाग गया था और लेकिन आगे की पूछताछ के लिए उसे भीमावरम ले जाने से पूर्व ही हैदराबाद से उसे दबोच लिया गया. इस बीच, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वर्मा, उसकी दूसरी पत्नी रेवती (पीड़िता की बहन) और उसकी प्रेमिका सुषमा ने वर्मा की बहू तुलसी को धमकाने और उसकी संपत्ति हड़पने के लिए परलेया की हत्या की साजिश रची गई थी.
पुलिस के अनुसार, तीनों ने अपना अपराध कबूल करते हुए कहा कि उन्होंने तुलसी के घर पर लाश भेजकर उसे डराने की योजना बनाई थी. जब उन्हें लाश नहीं मिली, तो उन्होंने अकेले रहने वाले परलैया को शराब के नशे में फुसलाया और बाद में नायलॉन की रस्सी से उसका गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी और उसकी लाश को लकड़ी के बक्से में रख दिया.
अगले दिन तुलसी के येंडागंडी स्थित घर पर गाड़ी से पार्सल पहुंचाया. जब तुलसी ने पार्सल खोला तो लाश देखकर वह चौंक गई. इसके बाद आरोपी ने उसे प्रॉपर्टी एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डाला और धमकी दी, "क्या तुम हस्ताक्षर करोगी या फिर मर जाओगी?"
उन्होंने कथित तौर पर उसे अलग-थलग करने के लिए उसका फोन भी चुरा लिया, लेकिन तुलसी किसी तरह दूसरे फोन से अपने दोस्तों को संकट में होने का मैसेज भेजने में सफल रही, जिन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी.
पुलिस ने बताया कि श्रीधर वर्मा, सुषमा और उनकी बेटी अपनी कार को तल्लापलेम में छोड़कर कृष्णा जिले के मंगिनापुडी समुद्र तट पर चले गए. तीनों एक लॉज में रुके और फिर पास के गांव में एक घर किराए पर लिया और पकड़े जाने से बचने के लिए 40 से अधिक सिम कार्ड का प्रयोग किया. हालांकि, लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को मुहैया करा दी, जिसकी वजह से इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में, जांचकर्ताओं को पता चला कि श्रीधर वर्मा के बैंक खाते में लगभग 2 करोड़ रुपये थे, लेकिन तुलसी की संपत्ति के लिए उसकी लालच ने ही इस भयावह योजना को अंजाम दिया.
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