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अस्पतालों से बिना दिखाए वापस लौटे मरीज, डॉक्टरों की हड़ताल से हो रही परेशानी - ईटीवी भारत न्यूज

Doctors strike in Bihar : जमुई में डाॅक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ा. लोगों को अस्पताल से बिना इलाज कराए वापस लौटना पड़ा. पूरे प्रदेश में आईएमए के आह्वान पर डॉक्टर हड़ताल पर गए हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर..

जमुई में डाॅक्टरों की हड़ताल
जमुई में डाॅक्टरों की हड़ताल
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 21, 2023, 4:17 PM IST

जमुई में डाॅक्टरों की हड़ताल

जमुई : बिहार के पूर्णिया में डॉक्टर के साथ क्लीनिक में घुसकर मारपीट व तोड़फोड़ की घटना के बाद आईएमए के निर्देश पर सूबे के सभी निजी व सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक मंगलवार को हड़ताल पर चले गए. इसका असर जमुई में भी दिखा. यहां सदर अस्पताल व अन्य जगहों पर इलाज कराने आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

ओपीडी बाधित रहने से मरीजों को हुई परेशानी : गौरतलब है कि 17 नवंबर को पूर्णिया के चिकित्सक के साथ उसके क्लीनिक में घुसकर मारपीट व तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया गया था. इसी के विरोध में आईएमए के निर्देश पर जिले के सभी डॉक्टरों ने निजी व सरकारी अस्पताल के ओपीडी सेवा को बाधित कर दी. ओपीडी सेवा बाधित रहने से सदर अस्पताल पहुंचे मरीज को परेशानियों का सामना करना पड़ा.

मरीजों को अस्पताल से लौटना पड़ा वापस : लयपुर के रहने वाले अजय कुमार तांती को बीते दस दिनों से काफी तेज बुखार था. वह डाॅक्टर को दिखाने के लिए पहुंचा था. लेकिन कोई उसका इलाज करने को तैयार नहीं था. अजय ने कहा कि "मेरी तबीयत काफी खराब है. मेरा बुखार नहीं उतर रहा है. यहां कोई इलाज करने के लिए तैयार नहीं है. मुझे सिर्फ अपना इलाज करवाना है. मुझे काफी परेशानी हो रही है." अजय के तरह की अन्य जगहों से भी मरीज सदर अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टर के हड़ताल पर रहने के कारण उन्हें बिना इलाज कराए ही लौटना पड़ा.

डाॅक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान : मिली जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल में प्रत्येक दिन इमरजेंसी और जनरल ओपीडी में 600 मरीज पहुंचते हैं. मंगलवार को ओपीडी सेवा बाधित रहने के कारण सभी मरीजों को बिना इलाज कराए ही लौटना पड़ा. इधर मरीज निजी क्लीनिक में भी इलाज कराने पहुंचे, लेकिन क्लीनिक बंद रहने के कारण उनका इलाज नहीं हो पाया. वहीं कई ऐसे मरीज थे जो शहर के मेडिकल स्टोर से बिना चिकित्सीय परामर्श के ही दवा लेने को मजबूर हुए.

"जिस तरीके से चिकित्सक के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया है. वह बिल्कुल सही नहीं कहा जा सकता है. उसी के विरोध में डॉक्टरो ने हड़ताल किया है. हलांकि इमरजेंसी सेवा चालू रखी गई है."- डॉ. सैयद नौशाद अहमद, अस्पताल उपाधीक्षक, जमुई

पढ़ें: डॉक्टर पर हमले के विरोध में सरकारी अस्पतालों में हड़ताल, इमरजेंसी छोड़कर सभी सेवाएं ठप, 22 को IMA की आपात बैठक

जमुई में डाॅक्टरों की हड़ताल

जमुई : बिहार के पूर्णिया में डॉक्टर के साथ क्लीनिक में घुसकर मारपीट व तोड़फोड़ की घटना के बाद आईएमए के निर्देश पर सूबे के सभी निजी व सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक मंगलवार को हड़ताल पर चले गए. इसका असर जमुई में भी दिखा. यहां सदर अस्पताल व अन्य जगहों पर इलाज कराने आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

ओपीडी बाधित रहने से मरीजों को हुई परेशानी : गौरतलब है कि 17 नवंबर को पूर्णिया के चिकित्सक के साथ उसके क्लीनिक में घुसकर मारपीट व तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया गया था. इसी के विरोध में आईएमए के निर्देश पर जिले के सभी डॉक्टरों ने निजी व सरकारी अस्पताल के ओपीडी सेवा को बाधित कर दी. ओपीडी सेवा बाधित रहने से सदर अस्पताल पहुंचे मरीज को परेशानियों का सामना करना पड़ा.

मरीजों को अस्पताल से लौटना पड़ा वापस : लयपुर के रहने वाले अजय कुमार तांती को बीते दस दिनों से काफी तेज बुखार था. वह डाॅक्टर को दिखाने के लिए पहुंचा था. लेकिन कोई उसका इलाज करने को तैयार नहीं था. अजय ने कहा कि "मेरी तबीयत काफी खराब है. मेरा बुखार नहीं उतर रहा है. यहां कोई इलाज करने के लिए तैयार नहीं है. मुझे सिर्फ अपना इलाज करवाना है. मुझे काफी परेशानी हो रही है." अजय के तरह की अन्य जगहों से भी मरीज सदर अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टर के हड़ताल पर रहने के कारण उन्हें बिना इलाज कराए ही लौटना पड़ा.

डाॅक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान : मिली जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल में प्रत्येक दिन इमरजेंसी और जनरल ओपीडी में 600 मरीज पहुंचते हैं. मंगलवार को ओपीडी सेवा बाधित रहने के कारण सभी मरीजों को बिना इलाज कराए ही लौटना पड़ा. इधर मरीज निजी क्लीनिक में भी इलाज कराने पहुंचे, लेकिन क्लीनिक बंद रहने के कारण उनका इलाज नहीं हो पाया. वहीं कई ऐसे मरीज थे जो शहर के मेडिकल स्टोर से बिना चिकित्सीय परामर्श के ही दवा लेने को मजबूर हुए.

"जिस तरीके से चिकित्सक के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया है. वह बिल्कुल सही नहीं कहा जा सकता है. उसी के विरोध में डॉक्टरो ने हड़ताल किया है. हलांकि इमरजेंसी सेवा चालू रखी गई है."- डॉ. सैयद नौशाद अहमद, अस्पताल उपाधीक्षक, जमुई

पढ़ें: डॉक्टर पर हमले के विरोध में सरकारी अस्पतालों में हड़ताल, इमरजेंसी छोड़कर सभी सेवाएं ठप, 22 को IMA की आपात बैठक

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