जमुई: कोरोना वायरस का असर देश-विदेश के साथ प्रदेश में भी व्यापक तौर पर देखने को मिल रहा है. एक ओर जहां सरकार अपने स्तर से प्रयास कर रही है. वहीं, दूसरी ओर जिला प्रशासन और न्यायिक इंतजाम भी तेज नजर आ रहे हैं. सोमवार को जमुई व्यवहार न्यायालय के गेट पर पटना उच्च न्यायालय के आदेश की एक पर्ची लगाई गई. इस आदेश के तहत भीड़ को नियंत्रण करने का प्रयास किया जा रहा है.
क्या है पटना उच्च न्यायालय का आदेश
जमुई व्यवहार न्यायालय के गेट पर लगी पर्ची में लिखा है कि माननीय उच्च न्यायालय पटना के आदेश के आलोक में कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण के फैलने से रोकने के लिए कोर्ट में अनावश्यक आवाजाही वर्जित है. हालांकि, आदेश में ये भी है कि जिन्हें जरूरी काम को केवल वे ही आएं और मिलें. जानकारी के मुताबिक यह आदेश दिनांक 31 मार्च 2020 अथवा अग्रिम निर्देश तक लागू है.
जमुई में भीड़ नियंत्रित करने के लिए दिए गए निम्नलिखित निर्देश :
- व्यवहार न्यायालय परिसर में कहीं भी भीड़ इकट्ठा होने पर रोक
- कोर्ट रूम में किसी भी पार्टी /पक्षकार/अधिवक्ता/लिपिक का प्रवेश वर्जित
- कोर्ट रूम में केवल अधिवक्ता ही उपस्थित होंगे
- यदि जरूरी न हो तो अधिवक्ता अपने मुवक्किलों को न्यायालय में न आने का निर्देश दें
- पक्षकारों की अनुपस्थिति में उनकें विरुद्ध / खिलाफ उनके अनुपस्थिति से संबंधित कोई भी आदेश पारित नहीं किया जाएगा
पर्ची देखने के लिए लगी भीड़
बता दें कि कोर्ट गेट के बाहर लगी पर्ची को देखने के लिए सुबह से ही कोर्ट गेट पर लोगों और वकीलों की भीड़ जुटने लगी. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गेट पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई. कोर्ट के काम से पहुंचे लोग बेरंग वापस लौटे और वहां मौजूद वरीय अधिवक्ताओं ने कहा कि जन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसा फैसला लिया गया है. इसलिए वे इसके साथ हैं.