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दिव्यागों को पता नहीं था मतदाता जागरूकता रैली का उद्देश्य, बोले- चिराग के प्रचार के लिए आए हैं - लोकसभा चुनाव

दिव्यांगों ने जो जवाब दिया, वो बेहद चौंकाने वाला था. दिव्यांगों ने जवाब दिया कि मौजूदा उम्मीदवार चिराग पासवान को वोट डालने के लिए रैली निकाली गई है.

मतदाता जागरूकता रैली
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Published : Apr 1, 2019, 7:02 PM IST

जमुई: लोकसभा चुनाव के चलते प्रशासन सभी जिलों में मतदाता जागरूकता अभियान चला रहा है. इसको लेकर जमुई जिला प्रशासन की ओर से भी मतदाताओं को जागरूक करने के लिए दिव्यांग जनों की एक रैली निकाली गई. लेकिन रैली में मौजूद दिव्यांग जनों को रैली के मकसद के बारे में कुछ भी पता नहीं था.

आगामी लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान 11 अप्रैल को होना है. प्रथम चरण में बिहार की 4 सीटों पर वोटिंग होनी है. इनमें जमुई ,नवादा, गया और औरंगाबाद में मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे. इसी को लेकर जमुई में भी जिला प्रशासन की ओर से मतदाता जागरूकता के लिए दिव्यांग जन रैली का आयोजन किया गया. मगर रैली की खास बात ये रही कि अधिकतर दिव्यांग जनों को इस रैली का उद्देश्य ही नहीं पता था.

दिव्यांग जन रैली.

बड़ी संख्या में थे दिव्यांग
रैली में तकरीबन 50 से ज्यादा दिव्यांग शामिल थे. इनमें कुछ को ही रैली का मुख्य उद्देश्य पता था. वहीं, रैली में शामिल कई ऐसे भी दिव्यांगजन थे, जिन्हें ना तो रैली के मकसद के बारे में पता था, ना ही जिला प्रशासन की ओर से उन्हें कोई गाइडलाइन दी गई थी.

Voting awareness rally
जागरूकता रैली

हैरान कर देने वाले जवाब
रैली में कई ऐसे दिव्यांगजन थे, जिनसे रैली के मकसद के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब जो था वो सुनकर आप हैरान हो जाएंगे और बरबस बोल पड़ेंगे कि क्या यह आदर्श आचार संघिता उल्लंघन का मामला नहीं है. क्योंकि जब दिव्यांग से पूछा गया कि इस रैली का मकसद क्या है? रैली निकाली क्यों जा रही है? तो दिव्यांगों का जो जवाब था, वो बेहद चौंकाने वाला था. दिव्यांगों ने जवाब दिया कि मौजूदा उम्मीदवार चिराग पासवान को वोट डालने के लिए रैली निकाली गई है.

Voting awareness rally
जागरूकता रैली

तो क्या अधूरी तैयारी?
हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से पूरी मुस्तैदी के साथ मतदाता जागरूकता अभियान तो निकाली गई. तकरीबन 50 से ज्यादा दिव्यांगों को शामिल भी किया गया. लेकिन उन दिव्यांगों को रैली के मकसद के बारे में शायद नहीं बताया गया. लिहाजा रैली में शामिल दिव्यांग कुछ और समझ कर पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे.

नंबर बनाने के लिए थी रैली
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जब रैली के मकसद के बारे में किसी को पता ही ना हो तो, उस रैली का क्या मतलब. ऐसे जागरूकता अभियान का क्या मतलब, जिस में जागरूकता अभियान में शामिल लोगों को ही इस रैली के बारे में पता ना हो.

जमुई: लोकसभा चुनाव के चलते प्रशासन सभी जिलों में मतदाता जागरूकता अभियान चला रहा है. इसको लेकर जमुई जिला प्रशासन की ओर से भी मतदाताओं को जागरूक करने के लिए दिव्यांग जनों की एक रैली निकाली गई. लेकिन रैली में मौजूद दिव्यांग जनों को रैली के मकसद के बारे में कुछ भी पता नहीं था.

आगामी लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान 11 अप्रैल को होना है. प्रथम चरण में बिहार की 4 सीटों पर वोटिंग होनी है. इनमें जमुई ,नवादा, गया और औरंगाबाद में मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे. इसी को लेकर जमुई में भी जिला प्रशासन की ओर से मतदाता जागरूकता के लिए दिव्यांग जन रैली का आयोजन किया गया. मगर रैली की खास बात ये रही कि अधिकतर दिव्यांग जनों को इस रैली का उद्देश्य ही नहीं पता था.

दिव्यांग जन रैली.

बड़ी संख्या में थे दिव्यांग
रैली में तकरीबन 50 से ज्यादा दिव्यांग शामिल थे. इनमें कुछ को ही रैली का मुख्य उद्देश्य पता था. वहीं, रैली में शामिल कई ऐसे भी दिव्यांगजन थे, जिन्हें ना तो रैली के मकसद के बारे में पता था, ना ही जिला प्रशासन की ओर से उन्हें कोई गाइडलाइन दी गई थी.

Voting awareness rally
जागरूकता रैली

हैरान कर देने वाले जवाब
रैली में कई ऐसे दिव्यांगजन थे, जिनसे रैली के मकसद के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब जो था वो सुनकर आप हैरान हो जाएंगे और बरबस बोल पड़ेंगे कि क्या यह आदर्श आचार संघिता उल्लंघन का मामला नहीं है. क्योंकि जब दिव्यांग से पूछा गया कि इस रैली का मकसद क्या है? रैली निकाली क्यों जा रही है? तो दिव्यांगों का जो जवाब था, वो बेहद चौंकाने वाला था. दिव्यांगों ने जवाब दिया कि मौजूदा उम्मीदवार चिराग पासवान को वोट डालने के लिए रैली निकाली गई है.

Voting awareness rally
जागरूकता रैली

तो क्या अधूरी तैयारी?
हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से पूरी मुस्तैदी के साथ मतदाता जागरूकता अभियान तो निकाली गई. तकरीबन 50 से ज्यादा दिव्यांगों को शामिल भी किया गया. लेकिन उन दिव्यांगों को रैली के मकसद के बारे में शायद नहीं बताया गया. लिहाजा रैली में शामिल दिव्यांग कुछ और समझ कर पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे.

नंबर बनाने के लिए थी रैली
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जब रैली के मकसद के बारे में किसी को पता ही ना हो तो, उस रैली का क्या मतलब. ऐसे जागरूकता अभियान का क्या मतलब, जिस में जागरूकता अभियान में शामिल लोगों को ही इस रैली के बारे में पता ना हो.

Intro:दिव्यांगों को रैली के बारे में कुछ भी नहीं पता!
ANC- आगामी लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान 11 अप्रैल को होना है ।प्रथम चरण में बिहार के 4 सीटों पर मतदान होना है ,जिसमें जमुई ,नवादा, गया और औरंगाबाद में मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे ।जिसको लेकर जमुई जिला प्रशासन की ओर से मतदाताओं को जागरूक करने के लिए दिव्यांग जनों की एक रैली निकाली, लेकिन रैली में मौजूद दिव्यांग जनों का रैली की मकसद के बारे में कुछ भी नहीं पता था देखिए पूरी रिपोर्ट

(नोट-byte दिव्यांग,पुरुषोत्तम त्रिवेदी,BDO जमुई,संजय कुमार वर्मा,DPRO जमुई)


Body:दिव्यांग जनों को रैली के मकसद के बारे में नहीं पता

VO-आगामी लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान 11 अप्रैल को होना है ।प्रथम चरण में बिहार के 4 सीटों पर मतदान होना है ,जिसमें जमुई ,नवादा, गया और औरंगाबाद में मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे ।जिसको लेकर जमुई जिला प्रशासन की ओर से मतदाताओं को जागरूक करने के लिए दिव्यांग जनों की एक रैली निकाली, लेकिन रैली में मौजूद दिव्यांग जनों का रैली की मकसद के बारे में कुछ भी नहीं पता था।

दरअसल , रैली में तकरीबन 50 से ज्यादा दिव्यांग शामिल थे जिसमें से कइयों को तो पता था की रैली का मकसद सिर्फ और सिर्फ मतदाताओं को जागरूक करना है रैली का मकसद सिर्फ और सिर्फ लोगों में मतदान को लेकर रुझान पैदा करना है लेकिन रैली में शामिल वैसे भी दिव्यांगजन थे जिन्हें ना तो रैली के मकसद के बारे में पता था ना ही जिला प्रशासन की ओर से उन्हें कोई गाइडलाइन दी गई थी ।

लिहाजा कई ऐसे दिव्यांगजन थे जिनसे रैली के मकसद के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब जो था वह सुनकर आप हैरान हो जाएंगे ।और बरबस बोल पड़ेंगे कि क्या यह आदर्श आचार संघिता उल्लंघन का मामला नहीं है ।क्योंकि जब दिव्यांग से पूछा गया कि इस रैली का मकसद क्या है ?क्यों रैली निकाली जा रही है ?तो दिव्यांगों का जो जवाब था वह बेहद शर्मनाक था ।दिव्यांगों ने जवाब दिया कि मौजूदा उमेदवार चिराग पासवान को वोट डालने के लिए रैली निकाली गई है ।





Conclusion:जिला प्रशासन ने नहीं की पूरी तैयारी?

VO- हालांकि जिला प्रशासन की ओर से पूरी मुस्तैदी के साथ मतदाता जागरूकता अभियान तो निकाली गई जिसमें तकरीबन 50 से ज्यादा दिव्यांगों को शामिल भी किया गया ।लेकिन उन दिव्यांगों को रैली के मकसद के बारे में शायद नहीं बताया गया। लिहाजा रैली में शामिल दिव्यांग कुछ और समझ कर पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जब रैली के मकसद के बारे में किसी को पता ही ना हो तो ,उस रैली का क्या मतलब ,ऐसे जागरूकता अभियान का क्या मतलब ,जिस में जागरूकता अभियान में शामिल लोगों को ही इस रैली के बारे में पता ना हो ईटीवी भारत के लिए जमुई से ब्रजेंद्र नाथ झा
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