जमुई: गिरफ्तार नक्सली जोनल कमांडर सिद्धू कोड़ा की पुलिस हिरासत में मौत के बाद मुंगेर प्रक्षेत्र के डीआईजी मनु महाराज ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के समय सीने में तेज दर्द होने की शिकायत के बाद उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. कुख्यात नक्सली कमांडर को झारखंड के दुमका से गिरफ्तार किया गया था.
डीआईजी ने बताया कि पुलिस हिरासत में नक्सली कमांडर की ओर से दिए गए बयान के आधार पर सुरक्षा बलों ने सुशील हेंब्रम और इलियास हेंब्रम को एके-47, इंसास राइफल, हैंड ग्रेनेड और एक ऑटोमेटिक राइफल सहित भारी मात्रा में जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था. उस पर 100 से अधिक मामले दर्ज थे, जिसमें सीआरपीएफ सहायक कमांडेंट सहित दर्जनों पुलिसकर्मियों की हत्या और नरसंहार के मामले जिले के विभिन्न थानों में दर्ज थे. इन सभी मामलों में पुलिस को लंबे अरसे से उसकी तलाश थी.
मामले की हो रही है जांच
बताया जाता है कि नक्सली कमांडर सिद्दू कोड़ा के शव के पोस्टमार्टम के बाद एक मेडिकल टीम गठित कर दी गई है. जांच के बाद पता चलेगा कि नक्सली कमांडर की मौत कैसे हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार नक्सली कमांडर की मौत एसटीएफ के थर्ड डिग्री इस्तेमाल करने के कारण हुआ. हालांकि डीआईजी मनु महाराज ने इस मामले पर कहा कि ये जांच का विषय है, इसकी जांच की जाएगी.