जमुई: पांचवी क्लास में पढ़ने के दौरान जिले के नक्सल प्रभावित इलाके लछुआर की बेटी इशरत खातून ने दहेज प्रथा और बाल विवाह पर एक नुक्कड़ नाटक देखा. उसके बाद से ही उसने इन सामाजिक कुरितियों से लड़ने की जो मुहिम शुरू की वो आज तक जारी है.गांव की पगडंडियों से अपनी साइकिल से घुम-घुम कर वो अपने गांव को इन सबके खिलाफ लड़ना सिखा रही है, और इसीलिए गांव में लोग अब उसे साइकिल-दीदी के नाम से पुकारते है.
सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जंग लड़ रही इशरत
आर्थिक रूप से कमजोर इशरत का पूरा परिवार एक झोंपड़ी में रहता है. पिता की मौत के बाद अपने परिवार को संभालते हुए वो सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी जंग लड़ रही हैं. तमाम विपरित परिस्थितियों का सामना करते हुए वो खुद और अपने जैसी कई और युवतियों को प्रशिक्षित कर उन्हें स्वावलंबी बना रही हैं. अपने जैसी गांव की कई लड़कियों को सिलाई की ट्रेनिंग दे कर उनको आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में जुटी है.
अपने जैसी कई लड़कियों के लिए रोल-मॉडल बनी इशरत
इशरत कहती है कि पिता की मौत के बाद मां ने पढ़ाई पूरी करवाने का बीड़ा उठाया. घरों में फल-सब्जी बेचकर घर चलाया. लेकिन चार बहनों के परिवार का भरण-पोषण अकेले मां के लिए मुश्किल हो रहा था. तब इशरत ने पढ़ाई बीच में छोड़कर घर की जिम्मेदारी अपने सिर ले ली. हौसलों की बुलंद इशरत ने फिर कुछ सामाजिक संस्थाओं की मदद से सिलाई सिखना शुरू किया. और आज इशरत गांव में अपने जैसी कई लड़कियों के लिए रोल-मॉडल बन गई है.
मुहिम को गांव वालों का भी भरपूर साथ
इशरत की इस मुहिम को गांव वालों का भी भरपूर साथ मिल रहा है. लोग कहते है कि इशरत ने कई बच्चियों की मदद की. उसकी कोशिशों से कई लड़कियों का बाल-विवाह रुक सका. कई लड़कियों की शिक्षा शुरु हुई, और गांव में बदलाव की बयार बहने लगी. महिला, पुरुष सभी इशरत को बधाइ देते नहीं थकते. साइकिल से गांव-गांव घूमने की वजह से लोग अब इशरत को साइकिल-दीदी के नाम से पुकारते है.
समाज की बेहतरी में मील का पत्थर
आज इशरत और उसके ग्रुप से जुड़ी लड़कियां सभी पर्व त्योहार में न सिर्फ शरीक होती हैं, बल्कि पूजा स्थल की स्वच्छता सजावट आदि का जिम्मा भी संभालती है. इशरत जात-पात, धर्म-मजहब की बंदिशों से उपर उठकर समाज के लिए मिसाल पेश करना चाहती है. विपरित हालातों में हौसलों की उम्मीद जगाए रखने वाली इशरत और उनकी कोशिशें वाकई समाज की बेहतरी में मील का पत्थर साबित होंगी.