जमुई: कड़ी मेहनत और आत्मबल के भरोसे इंसान हर काम कर सकता है. इस कथन को जिले की ज्योति ने सच कर दिखाया है. जमुई के चकाई प्रखंड की रहने वाली ज्योति ने देश की सबसे बड़ी परीक्षा, कैट की परीक्षा को पहले ही प्रयास में क्लीयर कर लिया है. उसने जमुई के साथ-साथ पूरे बिहार का मान बढ़ाया है.
ज्योति की इस उपलब्धि से केवल परिवार वाले ही नहीं बल्कि आसपास के लोग भी काफी खुश हैं. कैट परीक्षा में चयनित होने के बाद आईआईएम रांची के लिए ज्योति का चयन हुआ है. जहां वह फाइनेंशियल की पढ़ाई करेगी. ज्योति कुमारी अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता रामसुंदर यादव और मां सपना कुमारी को देती हैं.
ज्योति ने दी जानकारी
ज्योति का कहना है कि पढ़ाई को लेकर उसके माता-पिता ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया और अपने अनुसार विषयों की पढ़ाई करने की स्वतंत्रता दी. उन्होंने कहा कि जिसका परिणाम है कि आज मेरा आईआईएम रांची के लिए चयन हुआ है. जहां वह दो वर्षो तक फाइनेंशियल की पढ़ाई करेगी. ज्योति का कहना है कि कड़ी मेहनत ही सफलता का सूत्र है.यदि कोई अपने लक्ष्य को लेकर उस पर पूरी लगन से जुट जाता है तो उसे सफलता अवश्य मिलती है.
कहां से हुई ज्योति की बेसिक पढ़ाई
बता दें कि चकाई प्रखंड अंतर्गत असहना गांव निवासी ज्योति की पढ़ाई मैट्रिक डीएभी से और आईकोम की तैयारी देवसंघ नेशनल स्कूल देवघर से की. वहीं, बीएचयू में बीकॉम की पढ़ाई कर रही हैं. ज्योति की लगभग 16 घंटे की पढ़ाई में की गई कड़ी मेहनत और परिजनों के आशीर्वाद से पहले ही प्रयास में वह आईआईएम के लिए सिलेक्ट हो गई. यही नहीं ज्योति ने अपने पहले ही प्रयास में कैट की परीक्षा 85 अंकों से उत्तीर्ण की. जिसके बाद उसे कई प्रसिद्ध कॉलेजों को चुनने का अवसर मिला. लेकिन देश की टॉप कॉलेज आईआईएम रांची को उसने अपने आगे की पढ़ाई फाइनेंशियल के लिए चुना. गौरतलब है कि कैट की परीक्षा बड़े स्तर पर होती है. जिसमें देश के चुनिंदा होनहार विद्यार्थी ही सफल हो पाते हैं. हालांकि अब तक इस परीक्षा में चकाई प्रखंड से कोई चयनित नहीं हो सका है.
पिता के सपने को ज्योति ने की साकार
चकाई की होनहार बेटी ज्योति कुमारी की कैट परीक्षा के माध्यम से आईआईएम में सिलेक्ट होने पर न केवल परिजन बल्कि पूरा समाज और जिला गौरवान्वित महसूस कर रहा है. आईआईएम में प्रवेश के बाद ज्योति ने पहली बार अपनी सफलता को लेकर प्रेस से मुलाकात की और अपने जीवन के लक्ष्य और जीवन में मिले परिजनों के प्रोत्साहन को लेकर विस्तृत चर्चा की. वहीं, पिता रामसुंदर यादव और माता सपना कुमारी भी बेटी की इस सफलता पर गदगद हैं. पिता का कहना है कि वह आज काफी खुश है, जिस सपने को वह देखा करते थे, आज उस सपने को उनकी बेटी साकार कर रही है.