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जमुई: खेती में नई संभावनाएं लेकर आईं जीविका दीदियां, आर्थिक स्थिति में सुधार

ग्रामीण महिलाओं की उन्नति के लिए कार्यरत जीविका अब जीविका दीदीयों के लिए खेती के क्षेत्र में भी नई संभावनाएं लेकर आई है. इसकी जानकारी देते हुए जीविका के जिला प्रबंधक के मुताबिक सामुदायिक सिंचाई प्रणाली के माध्यम से अब इन महिलाओं ने फायदेमंद खेती की शुरुआत की है.

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Published : Jan 26, 2021, 5:31 PM IST

जमुई: बिहार सरकार सूबे में जीविका दीदियों की आर्थिक हालातों को भी सुदृढ़ करने के लिए कदम आगे बढ़ाती हुई नजर आ रही है. जानकारी के मुताबिक ग्रामीण महिलाओं की उन्नति के लिए कार्यरत जीविका अब जीविका दीदीयों के लिए खेती के क्षेत्र में भी नई संभावनाएं लेकर आई है. जिससे बिहार में जीविका दीदियों की आय भी बढ़ जाएगी. इसकी जानकारी देते हुए जीविका के जिला प्रबंधक विक्रांत शंकर सिंह ने बताया कि सामुदायिक सिंचाई प्रणाली के माध्यम से अब इन महिलाओं ने फायदेमंद खेती की शुरुआत की है.

ज्ञात हो कि जीविका ने उद्यान विभाग की मदद से 8 किसानों का समूह बनाकर 12.5 एकड़ जमीन में बोरवेल, समरसेबल पम्प और टपक सिंचाई प्रणाली को अपना कर मौसमी सब्जियों की खेती के द्वार खोल दिए हैं. इससे अब ग्रामीण महिलाएं ब्रोकली, शिमला मिर्च, उच्च किस्म के टमाटर, करेला भिंडी और लत्तेदार सब्जियां उगा सकती हैं.

यह भी पढ़ें - राज्यपाल ने गांधी मैदान में फहराया तिरंगा, कहा- संकल्प लेना है हम बिहार को आगे ले जाएंगे

चकाई इसकी हुई शुरूआत
इसके आलाव फूलों की खेती जैसे गेंदा, डचरोज तथा फल जैसे पपीता, रेड लेडी, तरबूज आदि की खेती कर सकती है.जीविका प्रबंधक ने बताया कि अब तक कुल 7 समूह से आवेदन प्राप्त हुए है जिससे 87.5 एकड़ रकबा में खेती संभव होगा. जिसमें से दो समूहों चकाई के कियाजाेरी और बरहट के पेसराहा में इसकी शुरूआत हो चुकी है.

जमुई: बिहार सरकार सूबे में जीविका दीदियों की आर्थिक हालातों को भी सुदृढ़ करने के लिए कदम आगे बढ़ाती हुई नजर आ रही है. जानकारी के मुताबिक ग्रामीण महिलाओं की उन्नति के लिए कार्यरत जीविका अब जीविका दीदीयों के लिए खेती के क्षेत्र में भी नई संभावनाएं लेकर आई है. जिससे बिहार में जीविका दीदियों की आय भी बढ़ जाएगी. इसकी जानकारी देते हुए जीविका के जिला प्रबंधक विक्रांत शंकर सिंह ने बताया कि सामुदायिक सिंचाई प्रणाली के माध्यम से अब इन महिलाओं ने फायदेमंद खेती की शुरुआत की है.

ज्ञात हो कि जीविका ने उद्यान विभाग की मदद से 8 किसानों का समूह बनाकर 12.5 एकड़ जमीन में बोरवेल, समरसेबल पम्प और टपक सिंचाई प्रणाली को अपना कर मौसमी सब्जियों की खेती के द्वार खोल दिए हैं. इससे अब ग्रामीण महिलाएं ब्रोकली, शिमला मिर्च, उच्च किस्म के टमाटर, करेला भिंडी और लत्तेदार सब्जियां उगा सकती हैं.

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चकाई इसकी हुई शुरूआत
इसके आलाव फूलों की खेती जैसे गेंदा, डचरोज तथा फल जैसे पपीता, रेड लेडी, तरबूज आदि की खेती कर सकती है.जीविका प्रबंधक ने बताया कि अब तक कुल 7 समूह से आवेदन प्राप्त हुए है जिससे 87.5 एकड़ रकबा में खेती संभव होगा. जिसमें से दो समूहों चकाई के कियाजाेरी और बरहट के पेसराहा में इसकी शुरूआत हो चुकी है.

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