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जमुई के छात्र ने खोजी बिजली उत्पादन की सस्ती तकनीक, हो रही चर्चा

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Published : Aug 26, 2022, 2:48 PM IST

जमुई जिले के छात्र रोहित ने बिजली उत्पादन की ऐसी सस्ती तकनीक विकसित की है जिसकी चर्चा चारों तरफ हो रही है. इसकी उपलब्धि जानकर जिले के वासी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. 10 वीं पास छात्र रोहित ने वर्षों के शोध के बाद ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे सस्ती बिजली का उत्पादन संभव हो पाएगा.

रोहित, मंत्री सुमित कुमार सिंह के साथ
रोहित, मंत्री सुमित कुमार सिंह के साथ

जमुई: जमुई जिले में प्रतिभा की कमी नहीं है, समय-समय पर छात्र से सिद्ध करते रहे हैं, यहां के छात्र रोहित ने ऐसा ही एक कारनामा कर दिखाया है. रोहित ने बिजली उत्पादन की ऐसी सस्ती तकनीक (cheap technology for electricity generation Jamui) खोजी है जिसकी चर्चा चारों तरफ हो रही है. इसकी उपलब्धि को सुनकर जिले वासी गौरवान्वित हो रहे हैं. दसवीं पास छात्र रोहित ने अपने वर्षों के शोध के बाद ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे सस्ती बिजली का उत्पादन संभव हो पाएगा. इसके स्टार्ट अप का नाम हाइड्रोलिफ्टिंग टेक्नोलॉजी (Hydrolifting Technology of Rohit of Jamui) है.

ये भी पढ़ें :- जमुई के खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं, उन्हें अवसर देने की जरूरत- श्रेयसी सिंह

डैम में सिर्फ एक बार भरना होगा पानी : इस तकनीक की खासियत ये है कि किसी भी डैम में एक बार पानी भरने की जरूरत है, इसके बाद बहुत कम ऊर्जा खर्च कर निचले डैम से ऊपर वाले डैम में पानी आसानी से पहुंचाया जा सकता है. एक ही पानी लंबे समय तक दोनों डैम में रोटेट होता रहेगा. निचले डैम से ऊपर वाले डैम में पानी ले जाने के क्रम में उत्पादित बिजली का मात्र 15 फीसद ही खर्च होगा, बची 85 फीसद बिजली का उपयोग अन्य कामों के लिए कर सकते हैं. अबतक निचले डैम से ऊपरी डैम में पानी ले जाना काफी महंगा था, इस कारण बिजली उत्पादन की वैश्विक परंपरा में इसे शामिल नहीं किया जा सका था. हाइड्रो लिफ्टिंग तकनीक को आईपीआर केंद्र कोलकाता से प्रोविजनल पेटेंट मिला है.

11 करोड़ से होगी एक मेगावाट बिजली : रोहित का कहना है अबतक दुनियां में इससे सस्ती हाइड्रोलिफ्टिंग तकनीक विकसित नहीं की जा सकी है. इस स्टार्ट अप को प्रोविजनल पेटेंट भी मिल चुका है. स्थाई पेटेंट के लिए आवेदन भेजा गया है. इस तकनीक से तीन एकड़ क्षेत्र में 11 करोड़ की लागत से एक मेगावाट तक बिजली का उत्पादन हो सकता है. इससे सालो भर बिजली उत्पादन संभव है.रोहित जमुई जिले के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के बंगरडीह का रहने वाला है. पिता तेतरिया विद्यालय में शिक्षक हैं. रोहित बाहर रहकर ही अपने काम में लगा है.

ये भी पढ़ें :-NIT पटना में प्राइवेट नहीं सरकारी कंपनियों ने लगाई प्रतिभा पर मुहर, छात्रों को मिला 14 से 17 लाख का पैकेज

जमुई: जमुई जिले में प्रतिभा की कमी नहीं है, समय-समय पर छात्र से सिद्ध करते रहे हैं, यहां के छात्र रोहित ने ऐसा ही एक कारनामा कर दिखाया है. रोहित ने बिजली उत्पादन की ऐसी सस्ती तकनीक (cheap technology for electricity generation Jamui) खोजी है जिसकी चर्चा चारों तरफ हो रही है. इसकी उपलब्धि को सुनकर जिले वासी गौरवान्वित हो रहे हैं. दसवीं पास छात्र रोहित ने अपने वर्षों के शोध के बाद ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे सस्ती बिजली का उत्पादन संभव हो पाएगा. इसके स्टार्ट अप का नाम हाइड्रोलिफ्टिंग टेक्नोलॉजी (Hydrolifting Technology of Rohit of Jamui) है.

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डैम में सिर्फ एक बार भरना होगा पानी : इस तकनीक की खासियत ये है कि किसी भी डैम में एक बार पानी भरने की जरूरत है, इसके बाद बहुत कम ऊर्जा खर्च कर निचले डैम से ऊपर वाले डैम में पानी आसानी से पहुंचाया जा सकता है. एक ही पानी लंबे समय तक दोनों डैम में रोटेट होता रहेगा. निचले डैम से ऊपर वाले डैम में पानी ले जाने के क्रम में उत्पादित बिजली का मात्र 15 फीसद ही खर्च होगा, बची 85 फीसद बिजली का उपयोग अन्य कामों के लिए कर सकते हैं. अबतक निचले डैम से ऊपरी डैम में पानी ले जाना काफी महंगा था, इस कारण बिजली उत्पादन की वैश्विक परंपरा में इसे शामिल नहीं किया जा सका था. हाइड्रो लिफ्टिंग तकनीक को आईपीआर केंद्र कोलकाता से प्रोविजनल पेटेंट मिला है.

11 करोड़ से होगी एक मेगावाट बिजली : रोहित का कहना है अबतक दुनियां में इससे सस्ती हाइड्रोलिफ्टिंग तकनीक विकसित नहीं की जा सकी है. इस स्टार्ट अप को प्रोविजनल पेटेंट भी मिल चुका है. स्थाई पेटेंट के लिए आवेदन भेजा गया है. इस तकनीक से तीन एकड़ क्षेत्र में 11 करोड़ की लागत से एक मेगावाट तक बिजली का उत्पादन हो सकता है. इससे सालो भर बिजली उत्पादन संभव है.रोहित जमुई जिले के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के बंगरडीह का रहने वाला है. पिता तेतरिया विद्यालय में शिक्षक हैं. रोहित बाहर रहकर ही अपने काम में लगा है.

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