जमुई: कोविड-19 वैश्विक माहामारी के बीच लोक आस्था का चार दिवसीय छठ पर्व नहाय खाय के साथ 18 नवंबर से शुरू हो रहा है. 19 नवंबर को खरना, 20 नवंबर को छठ व्रती अस्ताचलगामी (डूबते हुए सूर्य ) को पहला अर्घ्य देंगी. 21 नवंबर को उदयगामी सूर्य (उगते हुए सूर्य) को अर्घ्य देने के साथ यह महापर्व संपन्न हो जाएगा. जिसको लेकर अभी से ही पूजन सामग्री, सूप, डाला सहित फलों का बाजार सजने लगा है. हालांकि कोरोना काल एवं चुनाव के कारण इस बार आस्था पर महंगाई की मार साफ दिख रही है.
सज चुके बाजार, नहीं पहुंच रहे खरीदार
ईटीवी भारत ने महापर्व छठ को लेकर बाजार का हाल जाना. जमुई के बाजारों की रौनक छठ पर्व को लेकर शुरुआत में जीतनी चमकीली दिख रही थी. पर्व के करीब आते आते फीकी पड़नी शुरू हो गई है. बाजार में बांस के बने सामान, फल, सब्जी बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि इस बार कोरोना और लॉक डाउन ने तो उनकी कमर ही तोड़ कर रख दी है. रोजगार ठप पड़ गया है. महाजन का कर्जा सिर पर चढ़ता जा रहा है. न तो सरकार की तरफ से कोई मदद न मिल रही, ना ही बाजार में पहले जैसी रौनक दिख रही है. खरीदार भी पहले की तुलना में कम पहुंच रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि इस बार लोग जरूरत भर का ही सामान खरीद रहे हैं. छठ नजदीक आ गया है लेकिन दुकान अब भी सामानों से पटा पड़ा है. अब तो छठी मैया ही पार लगाएगी.
स्टोरी हाईलाइट
- 18 नवंबर को नहाय खाय के साथ महापर्व छठ की शुरुआत
- 19 नवंबर को खरना पूजा
- 20 नवंबर को संध्या अर्घ्य (अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ)
- 21 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य (उदयगामी सूर्य को अर्घ)