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Bridge Damaged In Jamui: सात साल से क्षतिग्रस्त है नरियाना और मांगोबदर पुल, लोगों को जीर्णोद्धार की है आस - जमुई में दो पुल निर्माण

बिहार के जमुई जिले में दो पुल (Nareyana And Mangobadar Bridge Damage) सालों से क्षतिग्रस्त है. टूटे पुल के सहारे ही लोग आने-जाने को मजबूर हैं. जनप्रतिनिधियों की ओर से लोगों को अभी तक आश्वासन ही मिला है. पढ़ें पूरी खबर..

जमुई में कई सालों से नहीं बना पुल
जमुई में कई सालों से नहीं बना पुल
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 30, 2023, 2:39 PM IST

जमुई में सालों से दो पुल क्षतिग्रस्त

जमुई: बिहार के जमुई में दो पुल निर्माण होने के कुछ वर्षों के बाद से ही क्षतिग्रस्त हो गया. वर्तमान में पुल की स्थिति ऐसी है कि यहां किसी भी वक्त हादसा हो सकता है. जिला मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर खैरा प्रखंड क्षेत्र में एनएच 333 ए सोनो मार्ग पर स्थिति नरियाना पुल ' और उसके आगे ' मांगोबदर पुल' निर्माण के कुछ वर्षों बाद ही क्षतिग्रस्त हो गया.

पढ़ें-Bridge Damaged In Bihar : खगड़िया में बूढ़ी गंडक नदी पर बना पुल धंसा, बिहार में एक साल में गिरे 10 पुल.. जिम्मेदार कौन?

जिले का दो पुल सालों से क्षतिग्रस्त: पुल की स्थिति काफी दयनीय है. पिलर धंसा गया है. नीचे का प्लेट स्लैब में दरार आ गई है. पिलर में लगा रड बाहर आ गया है. पूल के बीच में धसान हो गया है. मिली जानकारी के अनुसार पूल का निर्माण 2009 में शुरू हुआ था और 2011 में कार्य पूरा होने के बाद आवागमन बहाल कर दिया गया था, लेकिन करोड़ों लागत से बना पूल निर्माण के कुछ दिन बाद ही स्थिति खराब हो गई. लोगों को पुल से निकलने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.

जमुई का क्षतिग्रस्त पुल
जमुई का क्षतिग्रस्त पुल

बरनार नदी पर बना पुल भी क्षतिग्रस्त: दूसरी ओर सोनो प्रखंड अंतर्गत बरनार नदी पर बना पूल क्षतिग्रस्त हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद जायजा लेने पहुंचे थे, आश्वासन मिला था कि छठ पर्व के पूर्व क्षतिग्रस्त पूल की मरम्मती कर आवागमन सुचारू कर दिया जाऐगा और इसके बाद एक बड़े नए पूल का निर्माण किया जाऐगा. अब लोगों को मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद उम्मीद है कि पूर्व से क्षतिग्रस्त नरियाना पुल और मांगोबदर पूल का भी उद्धार हो जाएगा.

जमुई में पुल की हालत बेहाल
जमुई में पुल की हालत बेहाल

जान जोखिम में रख यात्री करते हैं सफर: वीडियो और तस्वीरों में साफ-साफ देखा जा सकता है कि पूल के रास्ते पर काफी बड़े हिस्से में लोहे के रड की जाली निकल आई है. कंक्रीट और सीमेंट बालू की ढलाई कब की निकल चुकी है. दुसरी तरफ पुल के नीचे पाया स्लैब प्लेट में भी दरार है. कभी भी पूल कहीं से भी ध्वस्त हो सकता है, बावजूद इसके छोटी गाड़ियों का आवागमन बदस्तूर जारी है. पुल मरम्मती को लेकर स्थानीय लोगों ने बताया कि वे लोग कई सालों से इंतजार कर रहे हैं कि जल्द से जल्द पुल की मरम्मती हो जाए.

"भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है पुल. उपर से नीचे तक बंदरबांट और मिलीभगत से ही कमजोर पूल पुलिया का निर्माण हो रहा है. पब्लिक का करोड़ों रूपया यू हीं बर्बाद चला जा रहा है. इससे तो अच्छा ब्रिटिश शासन में बना पुल सब है. वर्षो पहले ईट से भी जो कुछ बना दिया गया, वो आज तक सबूत है. अब तो पूल निर्माण में भी राजनीति हो रही है. सात साल पहले नरियाना और मांगोबदर पुल क्षतिग्रस्त हुआ. कोई देखने वाला नहीं है."- अमरजीत भगत, स्थानीय ग्रामीण

नेताओं की अबतक नहीं गई नजर: बता दें कि जमुई लोकसभा से लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान दो बार के सांसद हैं. वहीं बिहार सरकार में विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित सिंह का गृह जिला भी है. फिर भी जनप्रतिनिधियों ने इसका संज्ञान नहीं लिया न ही सरकार ने संज्ञान लिया. अभी तक नेताओं की ओर से जल्द मरम्मत कराने का आश्वासन मिला है. लोग मरम्मती के इंतजार में फिलहाल उसी पुल के सहारे आवागमन कर रहे हैं.

जमुई में सालों से दो पुल क्षतिग्रस्त

जमुई: बिहार के जमुई में दो पुल निर्माण होने के कुछ वर्षों के बाद से ही क्षतिग्रस्त हो गया. वर्तमान में पुल की स्थिति ऐसी है कि यहां किसी भी वक्त हादसा हो सकता है. जिला मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर खैरा प्रखंड क्षेत्र में एनएच 333 ए सोनो मार्ग पर स्थिति नरियाना पुल ' और उसके आगे ' मांगोबदर पुल' निर्माण के कुछ वर्षों बाद ही क्षतिग्रस्त हो गया.

पढ़ें-Bridge Damaged In Bihar : खगड़िया में बूढ़ी गंडक नदी पर बना पुल धंसा, बिहार में एक साल में गिरे 10 पुल.. जिम्मेदार कौन?

जिले का दो पुल सालों से क्षतिग्रस्त: पुल की स्थिति काफी दयनीय है. पिलर धंसा गया है. नीचे का प्लेट स्लैब में दरार आ गई है. पिलर में लगा रड बाहर आ गया है. पूल के बीच में धसान हो गया है. मिली जानकारी के अनुसार पूल का निर्माण 2009 में शुरू हुआ था और 2011 में कार्य पूरा होने के बाद आवागमन बहाल कर दिया गया था, लेकिन करोड़ों लागत से बना पूल निर्माण के कुछ दिन बाद ही स्थिति खराब हो गई. लोगों को पुल से निकलने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.

जमुई का क्षतिग्रस्त पुल
जमुई का क्षतिग्रस्त पुल

बरनार नदी पर बना पुल भी क्षतिग्रस्त: दूसरी ओर सोनो प्रखंड अंतर्गत बरनार नदी पर बना पूल क्षतिग्रस्त हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद जायजा लेने पहुंचे थे, आश्वासन मिला था कि छठ पर्व के पूर्व क्षतिग्रस्त पूल की मरम्मती कर आवागमन सुचारू कर दिया जाऐगा और इसके बाद एक बड़े नए पूल का निर्माण किया जाऐगा. अब लोगों को मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद उम्मीद है कि पूर्व से क्षतिग्रस्त नरियाना पुल और मांगोबदर पूल का भी उद्धार हो जाएगा.

जमुई में पुल की हालत बेहाल
जमुई में पुल की हालत बेहाल

जान जोखिम में रख यात्री करते हैं सफर: वीडियो और तस्वीरों में साफ-साफ देखा जा सकता है कि पूल के रास्ते पर काफी बड़े हिस्से में लोहे के रड की जाली निकल आई है. कंक्रीट और सीमेंट बालू की ढलाई कब की निकल चुकी है. दुसरी तरफ पुल के नीचे पाया स्लैब प्लेट में भी दरार है. कभी भी पूल कहीं से भी ध्वस्त हो सकता है, बावजूद इसके छोटी गाड़ियों का आवागमन बदस्तूर जारी है. पुल मरम्मती को लेकर स्थानीय लोगों ने बताया कि वे लोग कई सालों से इंतजार कर रहे हैं कि जल्द से जल्द पुल की मरम्मती हो जाए.

"भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है पुल. उपर से नीचे तक बंदरबांट और मिलीभगत से ही कमजोर पूल पुलिया का निर्माण हो रहा है. पब्लिक का करोड़ों रूपया यू हीं बर्बाद चला जा रहा है. इससे तो अच्छा ब्रिटिश शासन में बना पुल सब है. वर्षो पहले ईट से भी जो कुछ बना दिया गया, वो आज तक सबूत है. अब तो पूल निर्माण में भी राजनीति हो रही है. सात साल पहले नरियाना और मांगोबदर पुल क्षतिग्रस्त हुआ. कोई देखने वाला नहीं है."- अमरजीत भगत, स्थानीय ग्रामीण

नेताओं की अबतक नहीं गई नजर: बता दें कि जमुई लोकसभा से लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान दो बार के सांसद हैं. वहीं बिहार सरकार में विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित सिंह का गृह जिला भी है. फिर भी जनप्रतिनिधियों ने इसका संज्ञान नहीं लिया न ही सरकार ने संज्ञान लिया. अभी तक नेताओं की ओर से जल्द मरम्मत कराने का आश्वासन मिला है. लोग मरम्मती के इंतजार में फिलहाल उसी पुल के सहारे आवागमन कर रहे हैं.

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