जमुई: बिहार के जमुई जिले में अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर किसानों द्वारा लगातार तीन दिनों से धरना दिया जा रहा है. वे अब अनिश्चितकालीन धरने पर चले गए है. इस कंपकपाती ठंड में भी आज तीसरे दिन किसानों का धरना जारी है. वहीं, उन्हें अब माले पार्टी का भी साथ मिल गया है.
भाकपा माले का मिला समर्थन: दरअसल, भाकपा माले और अपर क्युल जलाशय विस्थापित किसान मोर्चा के नेतृत्व में चार सूत्री मांगों को लेकर तीन दिनों से अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है. इसकी अध्यक्षता भाकपा माले और बीस सदस्य कर रहे है.
किसानों को मुआवजा देने के लिए प्रदर्शन: धरने को लेकर बीस सदस्य बाबू साहब सिंह ने कहा कि एक तरफ तीन दिनों से किसानों द्वारा सार्वजनिक गढ़ी डैम का मछली निविदा रद्द करने, विस्थापित किसानों को मुआवजा देने, किसानों के खेतों में पानी का प्रबंध करने, गांव में सड़क पानी और बिजली जैसी मुल सुविधा देने को लेकर मांग की जा रही है.
"प्रशासन जनता के टैक्स से जन संवाद कार्यक्रम कर अपना चेहरा चमका रही है. साथ ही पब्लिक फेडली और गुड गवर्नेंस का भ्रम फैला रही है. लेकिन जमीन स्तर पर ऐसा कुछ नहीं हो रहा. इसी बात को लेकर और अपनी चार सूत्री मांग को लेकर किसानों द्वारा धरना दिया जा रहा है." - बाबू साहब सिंह, सदस्य, विस्थापित किसान मोर्चा
धरना स्थल के बगल में मंत्रियों का मिलन समारोह: वहीं, भाकपा माले के जिला सचिव शम्भू शरण सिंह ने कहा कि नीतीश सरकार न्याय के साथ विकास की बात करती है. उनके मंत्री किसानों के धरना स्थल के बगल में मिलन समारोह कराते है. लेकिन तीन दिन से कड़ाके की ठंड में न्याय मांग रहे किसानों पर उनका ध्यान नहीं पड़ता है. उन्हें थोड़ी सी भी शर्म नहीं है.
कुछ किसान बीमार पड़े: इधर, आदिवासी किसान मोर्चा के जिला सचिव कल्लू मरांडी ने कहा कि किसान अपनी जमीन और जीवका के सवाल को लेकर धरने पर बैठे है. धरना करने वाले कुछ किसान बीमार पड़ रहे है. लेकिन प्रशासन किसानों की मांग पर कोई बात नहीं करना चाहती है. यह बड़ी ही शर्म की बात है.
"हम सब किसान और मजदूर के बेटा है. जब किसान बंजर भूमि का सीना चीरकर अन्न उपजा सकते है तो इस निर्दयी जिला प्रशासन को भी झुका सकते है. जल्द से जल्द किसानों की मांग पूरी नहीं की गई तो अखिल भारतीय खेत एवं मजदूर सभा द्वारा किसानों के समर्थन में सड़क पर आंदोलन करेगी." - बासुदेव रॉय, मजदूर नेता
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