जमुई: जिले में विकास योजनाओं में संबंधित विभागीय कर्मियों के माध्यम से लापरवाही बरतने के मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है. ग्रामीण आवास सहायकों की लापरवाही को देखते हुए बीडीओ सुनील कुमार चांद ने प्रखंड के सभी ग्रामीण आवास सहायकों से स्पष्टीकरण मांगा है.
छेड़छाड़ से बचने का दिया गया था निर्देश
बीडीओ सुनील कुमार चांद ने इस संबंध में पत्र जारी कर जियो टैग के साथ छेड़छाड़ करने के संबंध में आवास सहायकों से स्पष्टीकरण मांगा है. बीडीओ के माध्यम से जारी पत्र में कहा गया है कि जिला ग्रामीण विकास अभिकरण विभागीय पत्र के माध्यम से जियो टैग में लगातार छेड़छाड़ से बचने का निर्देश दिया गया था. सभी को पत्र के संदर्भ में जियो सेल्फी के साथ ही टैगिंग करने का निर्देश दिया गया है. लेकिन इसके बावजूद भी आवास सहायकों के माध्यम से इस आदेश की अवहेलना की गई.
जानिए जियो टैगिंग क्या है?
जियो टैगिंग मेटाडेटा के रूप में भौगोलिक जानकारी को विभिन्न मीडिया में जोड़ने की प्रक्रिया है. डेटा में आमतौर पर अक्षांस और देशांतर जैसे निर्देशांक होते हैं, लेकिन इसमें ऊंचाई, दूरी और स्थान के नाम भी शामिल हो सकते हैं. जियो टैगिंग का उपयोग आमतौर पर तस्वीरों के लिए किया जाता है. इसके साथ ही इससे लोगों को बहुत सी विशिष्ट जानकारी प्राप्त करने में मदद मिल सकती है. जहां की तस्वीर ली गई थी या किसी सेवा में लॉग ऑन करने वालों के लिए उसका सटीक स्थान दर्शाता है.
भविष्य में की जाएगी कार्रवाई
बीडीओ के माध्यम से जारी पत्र में कहा गया है कि कार्यालय में काम अधिक होने के कारण प्रत्येक पंचायत का सूक्ष्म अवलोकन संभव नहीं है. फिर भी आवास सहायकों के माध्यम से जियो टैगिंग में छेड़छाड़ की गई है. इसके साथ ही कहा गया है कि यह स्पष्ट करें कि ऐसा करने पर कार्रवाई की जाएगी. भविष्य में यदि किसी भी मामले संज्ञान में आता है तो उचित कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही बीडीओ ने स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है.