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अफवाह का असर: आचरण प्रमाण पत्र बनवाने के लिए रात 1 बजे से लाइन में लग रहे लोग

जमुई में सोशल मीडिया में यह बात फैल गई कि चुनाव लड़ने के लिए आचरण प्रमाण पत्र की जरूरत होगी. इसके बाद कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनवाने के लिए जिला मुख्यालय के समाहरणालय स्थित आरटीपीएस कार्यालय के काउंटर पर लोगों की भीड़ जुटने लगी. इनमें अधिकतर मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद और वार्ड सदस्य का चुनाव लड़ने की इच्छा रखने लोग हैं.

Women came to get conduct certificate
आचरण प्रमाण पत्र बनवाने आईं महिलाएं
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Published : Feb 20, 2021, 7:00 PM IST

जमुई: बिहार में पंचायत चुनाव की डुगडुगी बजनी है. इससे पहले ही ग्रामीण क्षेत्रों में इसका असर दिखने लगा है. जमुई में सोशल मीडिया में यह बात फैल गई कि चुनाव लड़ने के लिए आचरण प्रमाण पत्र की जरूरत होगी. इसके बाद कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनवाने के लिए जिला मुख्यालय के समाहरणालय स्थित आरटीपीएस कार्यालय के काउंटर पर लोगों की भीड़ जुटने लगी. इनमें अधिकतर मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद और वार्ड सदस्य का चुनाव लड़ने की इच्छा रखने लोग हैं.

यह भी पढ़ें- बंद हो रहीं चीनी मिलों से गन्ना किसान बेहाल, बजट से लगा रखी है पुराने दिन लौटने की उम्मीद

गांव-गांव से महिलाएं और पुरुष सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आ रहे हैं. स्थिति यह है कि रात 1 बजे से लोग लाइन में लग जा रहे हैं. ऑफिस में प्रमाण पत्र बनाने का समय सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक है. काउंटर भी मात्र एक है, जिसके चलते काफी संख्या में लोगों को दिनभर लाइन में लगने के बाद शाम को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है.

देखें रिपोर्ट

दूसरे लोग बनवा रहे थे तो मैं भी आ गई
आचरण प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आए लोगों में बड़ी संख्या महिलाओं की दिखी. कई महिलाओं को यह पता नहीं था कि प्रमाण पत्र क्यों जरूरी है. कुछ महिलाओं ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए चाहिए इसलिए बनवाने आई हूं तो कुछ महिलाओं ने कहा कि दूसरे लोगों को प्रमाण पत्र बनवाते देखा तो मैं भी आ गई. लाइन लगीं बरखा देवी ने कहा कि गांव के लोग बोल रहे थे कि जबतक आचरण प्रमाण पत्र नहीं बनेगा चुनाव नहीं लड़ सकते. मैं सुबह पांच बजे आई हूं और लाइन में खड़ी हूं. कल भी आई थी, लेकिन काम नहीं हुआ. हमलोग भूखे-प्यासे लाइन में लगे हैं. वहीं, आलम आरा ने कहा कि मुझे वार्ड सदस्य का चुनाव लड़ना है इसलिए प्रमाण पत्र बनवाने आई हूं.

Women came for certificate
आचरण प्रमाण पत्र बनवाने आईं महिलाएं.

छात्र-छात्राओं को हो रही परेशानी
आचरण प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जुटी इस भीड़ के चलते उन छात्र-छात्राओं को परेशानी हो रही है, जिन्हें अपनी शिक्षा या जॉब संबंधी काम के लिए कैरेक्टर सर्टिफिकेट की जरूरत है. आरटीपीएस काउंटर पर आचरण प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जिले के दसों प्रखंड से हजारों की भीड़ रोजाना उमड़ रही है. इसके चलते यहां की व्यवस्था चरमरा गई है. न कोविड 19 के गाइडलाइन का पालन हो रहा है और न सैनिटाइजर व सोशल डिस्टेंसिंग का इंतजाम है. व्यवस्था के नाम पर दो लाठीधारी पुलिस गार्ड को लगा दिया गया है.

पंचायत चुनाव में आचरण प्रमाण पत्र की जरूरत के बारे में जिला पंचायती राज पदाधिकारी मु. शफीक ने कहा कि पूर्व के चुनावों की तरह अब आचरण और आवासीय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नामांकन पर्चा दाखिल करने में नहीं रही है. फिलहाल चुनाव आयोग से नामांकन के समय कौन से कागजात देने होंगे इसका निर्देश नहीं आया है.

जमुई: बिहार में पंचायत चुनाव की डुगडुगी बजनी है. इससे पहले ही ग्रामीण क्षेत्रों में इसका असर दिखने लगा है. जमुई में सोशल मीडिया में यह बात फैल गई कि चुनाव लड़ने के लिए आचरण प्रमाण पत्र की जरूरत होगी. इसके बाद कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनवाने के लिए जिला मुख्यालय के समाहरणालय स्थित आरटीपीएस कार्यालय के काउंटर पर लोगों की भीड़ जुटने लगी. इनमें अधिकतर मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद और वार्ड सदस्य का चुनाव लड़ने की इच्छा रखने लोग हैं.

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गांव-गांव से महिलाएं और पुरुष सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आ रहे हैं. स्थिति यह है कि रात 1 बजे से लोग लाइन में लग जा रहे हैं. ऑफिस में प्रमाण पत्र बनाने का समय सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक है. काउंटर भी मात्र एक है, जिसके चलते काफी संख्या में लोगों को दिनभर लाइन में लगने के बाद शाम को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है.

देखें रिपोर्ट

दूसरे लोग बनवा रहे थे तो मैं भी आ गई
आचरण प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आए लोगों में बड़ी संख्या महिलाओं की दिखी. कई महिलाओं को यह पता नहीं था कि प्रमाण पत्र क्यों जरूरी है. कुछ महिलाओं ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए चाहिए इसलिए बनवाने आई हूं तो कुछ महिलाओं ने कहा कि दूसरे लोगों को प्रमाण पत्र बनवाते देखा तो मैं भी आ गई. लाइन लगीं बरखा देवी ने कहा कि गांव के लोग बोल रहे थे कि जबतक आचरण प्रमाण पत्र नहीं बनेगा चुनाव नहीं लड़ सकते. मैं सुबह पांच बजे आई हूं और लाइन में खड़ी हूं. कल भी आई थी, लेकिन काम नहीं हुआ. हमलोग भूखे-प्यासे लाइन में लगे हैं. वहीं, आलम आरा ने कहा कि मुझे वार्ड सदस्य का चुनाव लड़ना है इसलिए प्रमाण पत्र बनवाने आई हूं.

Women came for certificate
आचरण प्रमाण पत्र बनवाने आईं महिलाएं.

छात्र-छात्राओं को हो रही परेशानी
आचरण प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जुटी इस भीड़ के चलते उन छात्र-छात्राओं को परेशानी हो रही है, जिन्हें अपनी शिक्षा या जॉब संबंधी काम के लिए कैरेक्टर सर्टिफिकेट की जरूरत है. आरटीपीएस काउंटर पर आचरण प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जिले के दसों प्रखंड से हजारों की भीड़ रोजाना उमड़ रही है. इसके चलते यहां की व्यवस्था चरमरा गई है. न कोविड 19 के गाइडलाइन का पालन हो रहा है और न सैनिटाइजर व सोशल डिस्टेंसिंग का इंतजाम है. व्यवस्था के नाम पर दो लाठीधारी पुलिस गार्ड को लगा दिया गया है.

पंचायत चुनाव में आचरण प्रमाण पत्र की जरूरत के बारे में जिला पंचायती राज पदाधिकारी मु. शफीक ने कहा कि पूर्व के चुनावों की तरह अब आचरण और आवासीय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नामांकन पर्चा दाखिल करने में नहीं रही है. फिलहाल चुनाव आयोग से नामांकन के समय कौन से कागजात देने होंगे इसका निर्देश नहीं आया है.

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