जमुई: 17 जुलाई से विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले की शुरुआत हो चुकी है. प्रशासन द्वारा मेले में कांवरियों को सुविधाएं देने और मेले की तैयारी को लेकर कई घोषणाएं की जाती है. बावजूद इसके जिले के बाबाधाम मार्ग पर वटिया घाटी और जंगल के बीच चिरेन पुल वर्षों से जर्जर है. मेले के दौरान सैकड़ों छोटे-बड़े कांवरिया वाहन आते-जाते रहते हैं. यह पुल सड़क दुर्घटना को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है.
ईटीवी भारत द्वारा मेले से पहले इस पुल की दुर्दशा की खबर दिखाए जाने पर जिला प्रशासन की नींद खुली, और अब प्रशासन खानापूर्ति में लग गया है.
सिर्फ खानापुर्ति करता जिला प्रशासन
श्रावणी मेला शुरु होने से पहले ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चिरेन पुल की जर्जर स्थिति पर खबर दिखाई थी. खबर दिखाए जाने के बाद जिला प्रशासन जागा, लेकिन सिर्फ खानापूर्ति के लिए मेले के चौथे दिन डीएम साहब के आदेश से सिर्फ गड्ढों को भरने का काम शुरू हुआ. गड्ढे भर देने और कालीकरण कर देने से कुछ दिनों के लिए नीचे का सच छुप तो जाएगा, लेकिन फिर स्थिति वही हो जाएगी.
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जमुई: बाबा भोलेनाथ का नाम लेकर जर्जर चिरैन पुल पार करेंगे कांवरिया https://t.co/Tg77803h9w
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बाबा भोलेनाथ का नाम लेकर पुल पार कर रहे लोग
लोगों ने बताया कि बिहार-झारखंड को जोड़ने वाला वटिया घाटी और जंगल के बीच स्थित चिरेन पुल काफी संकरा है. यहां हमेशा पानी जमा हो जाता है. श्रावणी मेले के समय पुल पर दिन-रात देश के विभिन्न राज्यों से आए हुए छोटे-बडे़ वाहन चलते रहते हैं. जब तक इसके बगल में एक और पुल न बने तब तक यह पुल दुर्घटना को आमंत्रण देता रहेगा. अब प्रशासन व्यवस्था से भी विश्वास उठ गया है, इसलिए बाबा भोलेनाथ का नाम लेकर ही पुल पार करते हैं.