गोपालगंज: जिले के कुचायकोट प्रखंड के बलीवन सागर लक्ष्मीपुर गांव में गुरुवार की रात शादी देखने गई महिला ललिता देवी की मौत के बाद परिजनो में कोहराम मचा है. पति राजेंद्र भगत बेसुध हो गए. वहीं तीन बेटियों और दो बेटों का इस हादसे के बाद रो रो कर बुरा हाल है.ललिता देवी के दोनों बेटे लखनऊ में रहकर साइकिल की दुकान चलाते हैं. हादसे में मां की मौत की खबर सुन बेटे ने कहा कि काश मैं मां को लखनऊ ले जाता. वहीं हादसे में गांव की एक और महिला रमादेवी की मौत भी हुई है.
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शादी देखने गई महिला की हादसे में मौत: बलीवन सागर लक्ष्मीपुर गांव में ललिता देवी अपने पति के साथ रहती थीं. ललिता का बेटा उसे दो दिन बाद अपने साथ लखनऊ जाने वाला था. बेटे के साथ जाने को लेकर वृद्ध महिला काफी खुश थी. लेकिन उसकी तबीयत खराब हो गई और कुछ दिनों के लिए महिला अपने गांव में ही रुक गई. लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था. ललिता देवी हादसे का शिकार हो गई.
'अगर लेकर चला गया होता तो मां जीवित होती': ललिता के बेटे को गुरुवार की रात सूचना मिली कि उसकी मां की तबीयत खराब है. बेटा रात में ही लखनऊ से अपने गांव लक्ष्मीपुर चला आया. यहां पहुंचने पर अपनी मां का मृत शरीर देख कर उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई. बेटे ने बताया कि दो दिन पहले मैं अपनी मां को अगर लेकर चला गया होता तो मेरी मां आज जीवित होती.
गाड़ी की चपेट में आने से वृद्ध महिला की मौत: वहीं महिला की बेटी भी मां की मौत के बाद फफक पड़ी. बता दें कि एक गांव से एक साथ दो अर्थी निकलने से पूरे गांव में मातम है और लोगों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. हादसे में जख्मी एक और दूसरी महिला गौदी देवी ने बताया कि बारात देखने गए थे. खाट पर बहुत सारी महिला बैठी थी लेकिन जब गाड़ी तेजी से हम लोगों की तरफ बढ़ी तो कई महिला भाग गई.
"हम पांच लोग भाग नहीं पाए और गाड़ी के अंदर ही दबे रहे. जिसके बाद हम लोगों को गाड़ी से बाहर निकाला गया. इसके बाद मुझे होश नहीं है." - गौदी देवी, जख्मी
गांव से उठी दो अर्थी: स्थानीय लोगों के मानें तो लक्ष्मीपुर निवासी सलीम मियां के बेटी की शादी हो रही थी. कद में काफी छोटी होने के कारण उसकी शादी नहीं हो पा रही थी. लेकिन आखिरकार 40 वर्ष की उम्र में उसकी शादी हो रही थी जिसे देखने के लिए लोग पहुंच रहे थे. हालांकि इस हादसे के बाद भी शादी संपन्न हुई और लड़की और लड़के को रात में भी विदाई दे दी गई.