गोपालगंज: जिले में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 13 लोग काल के गाल में समा गए. मृतकों में थावे प्रखंड के नरायनपुर गांव निवासी दो दोस्त भी शामिल हैं. जो वज्रपात में हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह गए. स्थानीय लोगों के मुताबिक इन दोस्तों की कहानी कृष्ण और सुदामा जैसी थी. दोनों एक साथ पले-बढे़ साथ ही पढ़ाई भी हुई. वहीं, वज्रपात में एक साथ दोनों की मौत ने ग्रामीणों को सकते में डाल दिया है. गांव में प्रसिद्ध दो दोस्तों की मौत की खबर से पूरे गांव में गमगीन माहौल है.
दरअसल, थावे प्रखंड के नारायणपुर गांव निवासी मृतक दोनों दोस्तों की कहानी काफी प्रचलित है. किसी ने सोचा भी नहीं था कि हमेशा एक साथ खेलने, पढ़ने और रहने वाले दोस्त एक दिन एक साथ ही इस दुनिया को अलविदा भी कह देंगे. एक साथ दोनों दोस्तों का जनाजा उठते देख ग्रामीणों की आंखें भर आईं. घटना से पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. आलम ये है कि मृतक की मां अपने बेटे को याद कर लगातार बदहवास हो जा रही है. दोस्ती की इस अनोखी घटना को जो भी सुनता दंग रह जाता है.
प्रसिद्ध थी मुस्ताक और अफरोज की दोस्ती
गौरतलब है कि नारायणपुर गांव निवासी 22 वर्षीय मुस्ताक अहमद पुत्र गयासुद्दीन और उसी गांव के अफरोज आलम पुत्र करमुल्ला आलम के की दोस्ती आस पास के गांवों तक विख्यात है. स्थानीय लोगों के अनुसार मुस्ताक और अफरोज में काफी गाढ़ी मित्रता थी. बचपन से दोनों ने एक साथ खेलते, एक साथ घर से बाहर निकला करते थे. साथ ही दोनों की शिक्षा-दीक्षा भी एक साथ ही हुई.
'गांव में पसरा मातम'
मृतक मुस्ताक के बड़े पापा शमसाद अली ने बताया कि गुरुवार को वज्रपात ने उचकागांव प्रखंड के नौतन हरैया गांव से बाइक पर धान का बिचड़ा लेकर लौट रहे दोनों दोस्तों को हमेशा के लिए अपने आगोश में ले लिया. उन्होंने बताया कि दोनों दोस्तों के पिता विदेश में कार्यरत हैं और कोरोना संक्रमण काल में वहीं फंसे हुए हैं. वहीं, मुस्ताक और अफरोज भी काम के सिलसिले में विदेश जाना चाहते थे. दोनों का यूं असमय चले जाने से पूरा गांव गमगीन है.