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गोपालगंज में फिर से संदिग्ध हालात में दो की मौत, परिजन बोले- 'जहरीली शराब ने ली जान'

गोपालगंज के थावे थाना इलाके में संदिग्ध हालात में (Two Suspicious Death In Gopalganj)दो लोगों की मौत का मामला सामने आया है. परिजनों ने बताया कि पहले उनके आंखों की रोशनी गई, फिर उसके बाद मौत हो गई. परिजनों ने जहरीली शराब पीने की वजह से मौत का आरोप लगाया है. पढ़िए पूरी खबर...

गोपालगंज में फिर से संदिग्ध हालात में दो की मौत
गोपालगंज में फिर से संदिग्ध हालात में दो की मौत
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Published : Mar 16, 2022, 10:08 AM IST

Updated : Mar 16, 2022, 10:25 AM IST

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में एक बार फिर से संदिग्ध हालात में दो लोगों की मौत का मामला सामने आया है. 12 मार्च को बैकुंठपुर में 4 लोगों की मौत के बाद अब थावे थाना क्षेत्र के कविलासपुर बाजार में संदिग्ध हालात में दो लोगों की मौत हो गई. परिजनों ने जहरीली शराब (Poisonous Liquor in Gopalganj) पीने से मौत होने की जानकारी दी. वहीं दोनों के शव का परिजनों ने आनन-फानन में दाह संस्कार कर दिया. हालांकि, प्रशासन ने जहरीली शराब से मौत होने की पुष्टि नहीं की है.

ये भी पढ़ें- पत्नी का दर्द : 'बिहार में जहरीली शराब नहीं मिलती तो आज मेरे पति जिंदा होते'

आंखों की रोशनी जाने के बाद हुई मौत: मृतकों की पहचान 40 वर्षीय सर्फुद्दीन कुरैशी और 50 वर्षीय उपेन्द्र यादव के रूप में की गई है. घटना के बाद दोनों शवों का आनन-फानन में रात में ही दाह-संस्कार करा दिया गया. सर्फुद्दीन कुरैशी के आंखों की रोशनी जाने के बाद मौत हो गई. सर्फुद्दीन की पत्नी आयशा खातून ने बताया कि आंखों की रोशनी जाने के बाद डॉक्टर के पास लेकर गए थे जहां उनकी मौत हो गई. सर्फुद्दीन की पत्नी ने कहा कि वो मटन की दुकान चलाते थे और हमेशा शराब पीकर घर आते थे. शराब नहीं पीने के लिए कई बार मना किया और जवान बेटी की शादी करने की बात कहती थीं. मंगलवार को सर्फुद्दीन ने कसम खाया था कि होली के बाद शराब नहीं पीयेगा. लेकिन उससे पहले शराब पी ली. मृतक का बेटा शाहजाद अपने पिता से कहता था कि जहरीली शराब पीने से लोगों को मौतें हो रही है, फिर भी सर्फुद्दीन नहीं माना.

ये भी पढ़ें- गोपालगंज में जहरीली शराब से मौत के बाद शराबबंदी पर सवाल, पहले भी 50 लोग गंवा चुके हैं जान

गोपालगंज में दो लोगों की संदिग्ध मौत: कविलासपुर गांव के ही 50 वर्षीय उपेन्द्र यादव की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मचा है. उपेन्द्र कविलासपुर बाजार में ही सब्जी बेचता था. उपेंद्र के भाई ओमप्रकाश यादव ने कहा कि उपेन्द्र को अचानक से बेचैनी हुई और पेट दर्द होने लगा. डॉक्टरों ने उसे गोरखपुर रेफर कर दिया लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. एक बार फिर से जिले में संदिग्ध हालत में दो लोगों की मौत से हड़कंप मच गया है. हालांकि प्रशासन और पुलिस के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं. इस पहले 12 मार्च को गोपालगंज के बैकुंठपुर थाना इलाके में 4 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी. जिसके बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया था. लेकिन एक बार फिर से 2 लोगों की संदिग्ध मौत हो गई.

पहले भी कहर बरपा चुकी है जहरीली शराब: इसी साल जनवरी महीने में बक्सर में शराब पीने से 6 लोगों की मौत हो गयी थी. यही नहीं पिछले साल अक्टूबर-नवंबर महीने में कई लोगों की जान जहरीली शराब ने ले ली थी. बिहार में 2021 में जहरीली शराब के 13 मामले सामने आए, जिनमें कम से कम 66 लोगों की मौत हो गई. नवंबर में गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण में जहरीली शराब पीने से 40 लोगों की मौत हो गई थी. इससे पहले जुलाई में भी पश्चिमी चंपारण जिले में 12 लोगों की मौत हो गई थी. वैसे अगर गौर से देखा जाए तो ड्राई स्टेटबिहार में शराब की तस्करी आम बता हो चली है. शायद ही कोई ऐसा दिन बीतता हो जब उत्पाद विभाग और पुलिसवाले तस्करों को नहीं दबोचते हों. पर एक सच्चाई यह भी है कि लोगों तक शराब पहुंचती भी है.

अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी: दरअसल, 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) लागू करने का फैसला लिया था. चुनाव में जीत हासिल करने और लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद कुमार ने महिलाओं से किया वादा निभाया और एक अप्रैल 2016 बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. 1 अप्रैल 2016 से लागू हुए कानून के मुताबिक कोई भी व्यक्ति किसी भी नशीले पदार्थ या शराब का निर्माण वितरण परिवहन संग्रह भंडार खरीद बिक्री या उपभोग नहीं कर सकता है.

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गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में एक बार फिर से संदिग्ध हालात में दो लोगों की मौत का मामला सामने आया है. 12 मार्च को बैकुंठपुर में 4 लोगों की मौत के बाद अब थावे थाना क्षेत्र के कविलासपुर बाजार में संदिग्ध हालात में दो लोगों की मौत हो गई. परिजनों ने जहरीली शराब (Poisonous Liquor in Gopalganj) पीने से मौत होने की जानकारी दी. वहीं दोनों के शव का परिजनों ने आनन-फानन में दाह संस्कार कर दिया. हालांकि, प्रशासन ने जहरीली शराब से मौत होने की पुष्टि नहीं की है.

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आंखों की रोशनी जाने के बाद हुई मौत: मृतकों की पहचान 40 वर्षीय सर्फुद्दीन कुरैशी और 50 वर्षीय उपेन्द्र यादव के रूप में की गई है. घटना के बाद दोनों शवों का आनन-फानन में रात में ही दाह-संस्कार करा दिया गया. सर्फुद्दीन कुरैशी के आंखों की रोशनी जाने के बाद मौत हो गई. सर्फुद्दीन की पत्नी आयशा खातून ने बताया कि आंखों की रोशनी जाने के बाद डॉक्टर के पास लेकर गए थे जहां उनकी मौत हो गई. सर्फुद्दीन की पत्नी ने कहा कि वो मटन की दुकान चलाते थे और हमेशा शराब पीकर घर आते थे. शराब नहीं पीने के लिए कई बार मना किया और जवान बेटी की शादी करने की बात कहती थीं. मंगलवार को सर्फुद्दीन ने कसम खाया था कि होली के बाद शराब नहीं पीयेगा. लेकिन उससे पहले शराब पी ली. मृतक का बेटा शाहजाद अपने पिता से कहता था कि जहरीली शराब पीने से लोगों को मौतें हो रही है, फिर भी सर्फुद्दीन नहीं माना.

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गोपालगंज में दो लोगों की संदिग्ध मौत: कविलासपुर गांव के ही 50 वर्षीय उपेन्द्र यादव की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मचा है. उपेन्द्र कविलासपुर बाजार में ही सब्जी बेचता था. उपेंद्र के भाई ओमप्रकाश यादव ने कहा कि उपेन्द्र को अचानक से बेचैनी हुई और पेट दर्द होने लगा. डॉक्टरों ने उसे गोरखपुर रेफर कर दिया लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. एक बार फिर से जिले में संदिग्ध हालत में दो लोगों की मौत से हड़कंप मच गया है. हालांकि प्रशासन और पुलिस के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं. इस पहले 12 मार्च को गोपालगंज के बैकुंठपुर थाना इलाके में 4 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी. जिसके बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया था. लेकिन एक बार फिर से 2 लोगों की संदिग्ध मौत हो गई.

पहले भी कहर बरपा चुकी है जहरीली शराब: इसी साल जनवरी महीने में बक्सर में शराब पीने से 6 लोगों की मौत हो गयी थी. यही नहीं पिछले साल अक्टूबर-नवंबर महीने में कई लोगों की जान जहरीली शराब ने ले ली थी. बिहार में 2021 में जहरीली शराब के 13 मामले सामने आए, जिनमें कम से कम 66 लोगों की मौत हो गई. नवंबर में गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण में जहरीली शराब पीने से 40 लोगों की मौत हो गई थी. इससे पहले जुलाई में भी पश्चिमी चंपारण जिले में 12 लोगों की मौत हो गई थी. वैसे अगर गौर से देखा जाए तो ड्राई स्टेटबिहार में शराब की तस्करी आम बता हो चली है. शायद ही कोई ऐसा दिन बीतता हो जब उत्पाद विभाग और पुलिसवाले तस्करों को नहीं दबोचते हों. पर एक सच्चाई यह भी है कि लोगों तक शराब पहुंचती भी है.

अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी: दरअसल, 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) लागू करने का फैसला लिया था. चुनाव में जीत हासिल करने और लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद कुमार ने महिलाओं से किया वादा निभाया और एक अप्रैल 2016 बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. 1 अप्रैल 2016 से लागू हुए कानून के मुताबिक कोई भी व्यक्ति किसी भी नशीले पदार्थ या शराब का निर्माण वितरण परिवहन संग्रह भंडार खरीद बिक्री या उपभोग नहीं कर सकता है.

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Last Updated : Mar 16, 2022, 10:25 AM IST
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