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गोपालगंज में चीनी मिल शुरू, 46 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य

सिधवलिया चीनी मिल में गन्ने की पेराई (Sugarcane Crushing Started at Sidhawalia Sugar Mill) शुरू हो गई है. भारत चीनी मिल के महाप्रबंधक शशि केडिया ने कहा कि 46 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. हमारी पूरी कोशिश होगी कि समय पर किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान (Payment of Sugarcane Price to Farmers) हो.

गोपालगंज में चीनी मिल शुरू
गोपालगंज में चीनी मिल शुरू
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Published : Nov 27, 2021, 11:02 PM IST

गोपालगंज: शनिवार को बिहार के गोपालगंज में चीन मिल शुरू (Sugar Mill Started in Gopalganj) हो गया है. सिधवलिया स्थित भारत चीनी मिल में गन्ने की पेराई (Sugarcane Crushing in Bharat Sugar Mill) का काम चालू हो गया है. महाप्रबंधक शशि केडिया ने पूजा-पाठ के बाद इसका शुभारंभ किया. इस दौरान एमएलसी प्रो. डॉ. वीरेन्द्र नारायण भी मौजूद थे.

ये भी पढ़ें: बगहा: चीनी मिल शुरू होते ही होने लगा सड़क जाम, सुबह शाम गन्ना लदे वाहनों की शहर में नहीं होगी एंट्री

भारत चीनी मिल के महाप्रबंधक शशि केडिया ने बताया कि इस नए सत्र में मिल प्रबंधन ने 46 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य निर्धारित किया है. हमें उम्मीद है कि हम अपने टारगेट में सफल रहेंगे. उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों की सुविधाओं के लिए 45 बाह्य क्रय केंद्र खोले गए हैं, जिससे किसानों का गन्ना आसानी से मिल तक पहुंच सके.

देखें रिपोर्ट

शशि केडिया ने कहा कि इसके लिए एसएमएस के माध्यम से कैलेंडर के अंतर्गत चालान निर्गत किया जा चुका है, ताकि किसी गन्ना किसान को चालान के लिए भटकना नहीं पड़े. किसानों की सुविधा के लिए समय से उनके बैंक खाते में गन्ना मूल्य का भुगतान (Payment of Sugarcane Price to Farmers) भी होगा.

ये भी पढ़ें: मंत्री ने कहा- चीनी की मार्केट वैल्यू कम इसलिए बंद हुईं मिलें, कांग्रेस का पलटवार- मंत्री जी मार्केट नहीं जाते

महाप्रबंधक ने ये भी कहा कि इस बार बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण गन्ने की उत्पादकता में कमी आई है, जिससे किसानों के साथ चीनी मिल प्रबंधन के लिए परेशानी उत्पन्न हो गई है. मिल को चला पाना काफी कठिन है, क्योंकि जरूरत के अनुसार गन्ना नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में फरवरी के मध्य में ही मिल को बंद करना पड़ सकता है.

आरक्षित एवं अनारक्षित क्षेत्र के गन्ना किसानों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए कांटा खोलने की प्रक्रिया भी की जा रही है. सीमावर्ती सारण, सिवान, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और मुजफ्फरपुर के इलाकों में भी गन्ना तौल केंद्र खोला जा रहा है. गन्ना किसानों को पेराई सत्र के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए कैलेंडर सिस्टम से गन्ने की ढुलाई के लिए चालान निर्गत करने की व्यवस्था की गई है.

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गोपालगंज: शनिवार को बिहार के गोपालगंज में चीन मिल शुरू (Sugar Mill Started in Gopalganj) हो गया है. सिधवलिया स्थित भारत चीनी मिल में गन्ने की पेराई (Sugarcane Crushing in Bharat Sugar Mill) का काम चालू हो गया है. महाप्रबंधक शशि केडिया ने पूजा-पाठ के बाद इसका शुभारंभ किया. इस दौरान एमएलसी प्रो. डॉ. वीरेन्द्र नारायण भी मौजूद थे.

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भारत चीनी मिल के महाप्रबंधक शशि केडिया ने बताया कि इस नए सत्र में मिल प्रबंधन ने 46 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य निर्धारित किया है. हमें उम्मीद है कि हम अपने टारगेट में सफल रहेंगे. उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों की सुविधाओं के लिए 45 बाह्य क्रय केंद्र खोले गए हैं, जिससे किसानों का गन्ना आसानी से मिल तक पहुंच सके.

देखें रिपोर्ट

शशि केडिया ने कहा कि इसके लिए एसएमएस के माध्यम से कैलेंडर के अंतर्गत चालान निर्गत किया जा चुका है, ताकि किसी गन्ना किसान को चालान के लिए भटकना नहीं पड़े. किसानों की सुविधा के लिए समय से उनके बैंक खाते में गन्ना मूल्य का भुगतान (Payment of Sugarcane Price to Farmers) भी होगा.

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महाप्रबंधक ने ये भी कहा कि इस बार बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण गन्ने की उत्पादकता में कमी आई है, जिससे किसानों के साथ चीनी मिल प्रबंधन के लिए परेशानी उत्पन्न हो गई है. मिल को चला पाना काफी कठिन है, क्योंकि जरूरत के अनुसार गन्ना नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में फरवरी के मध्य में ही मिल को बंद करना पड़ सकता है.

आरक्षित एवं अनारक्षित क्षेत्र के गन्ना किसानों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए कांटा खोलने की प्रक्रिया भी की जा रही है. सीमावर्ती सारण, सिवान, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और मुजफ्फरपुर के इलाकों में भी गन्ना तौल केंद्र खोला जा रहा है. गन्ना किसानों को पेराई सत्र के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए कैलेंडर सिस्टम से गन्ने की ढुलाई के लिए चालान निर्गत करने की व्यवस्था की गई है.

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