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गोपालगंज : शहर में सीवरेज सिस्टम फेल, चार साल से फाईलों में घूम रही योजना - गोपालगंज नगर परिषद न्यूज

गोपालगंज में सीवरेज सिस्टम पुरी तरह से फेल है. लोग टैक्स देने के बावजूद सुविधाओं से वंचित हैं. शहरवासी दूषित पानी पीने को विवश हैं. नगर परिषद पिछले चार साल से नगर परिषद सीवरेज व्यवस्था के लिए प्लान बना रही है जो फाइलों में ही पड़ा है.

फेल हुआ सीवरेज सिस्टम योजना
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Published : Jul 13, 2019, 2:04 PM IST

गोपालगंज: शहर में जल निकासी सबसे बड़ी समस्या है. सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए कवायद होती है. फिर ठंडे बस्ते में मामला चला जाता है. कभी डीपीआर तो कभी सर्वे की योजना बनती है. यह योजना पिछले कई वर्षों से अटकी हुई है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

4 साल से कागजों में पड़ा है योजना
शहर के गोपालगंज नगर परिषद को नगरीय टैक्स देते हैं. लेकिन सुविधाओं से शहरवासी आज भी वंचित हैं. सीवरेज सिस्टम फेल रहने से शहर में जल जमाव की समस्या है. लोग दुषित पानी पीने को विवश हैं. नगर परिषद शहर में 4 साल पूर्व से ही 'सीवरेज व्यवस्था' लागू करने का प्लान बना रही है. लेकिन प्लान कागजों में ही सीमट कर रह जाता है. बरौली, मीरगंज और कटेया शहरी क्षेत्रों में भी सीवरेज, नाली की कोई भी व्यवस्था नहीं है. शहर का गंदा पानी सीधे भूजल में प्रवेश कर रहा है. जिसके कारण भूजल भी दूषित हो रहा है. इस वजह से प्रथम लेयर का पानी, पीने लायक नहीं है.

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गोपालगंज में जल जमाव का नजारा

शहर में जल जमाव की समस्या
शहरवासियों की शिकायत है, शहर में सीवरेज की कोई व्यवस्था नहीं है. कई जगहों पर नाला नहीं है. जहां नाला है, वो एक दूसरे से कनेक्ट नहीं है. इस वजह से जल जमाव होता है. नाले की कमी की वजह से सड़कों पर जल जमाव आम बात है.

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नगर परिषद चेयरमैन हरेंद्र चौधरी

शहरी विकास मंत्रालय को भेजा जा रहा प्रस्ताव
नगर परिषद चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि सीवरेज नेटवर्क बनाने की योजना पर तेजी से कार्य किया जाएगा. बोर्ड के माध्यम से एक प्रस्ताव लिया गया है. इस प्रस्ताव को नगर विकास व आवास विभाग के माध्यम से केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के पास भेजा जा रहा है. ताकि राशि आवंटित हो और सीवरेज लाइन का लाभ नगरवासियों को मिल सके.

गोपालगंज: शहर में जल निकासी सबसे बड़ी समस्या है. सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए कवायद होती है. फिर ठंडे बस्ते में मामला चला जाता है. कभी डीपीआर तो कभी सर्वे की योजना बनती है. यह योजना पिछले कई वर्षों से अटकी हुई है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

4 साल से कागजों में पड़ा है योजना
शहर के गोपालगंज नगर परिषद को नगरीय टैक्स देते हैं. लेकिन सुविधाओं से शहरवासी आज भी वंचित हैं. सीवरेज सिस्टम फेल रहने से शहर में जल जमाव की समस्या है. लोग दुषित पानी पीने को विवश हैं. नगर परिषद शहर में 4 साल पूर्व से ही 'सीवरेज व्यवस्था' लागू करने का प्लान बना रही है. लेकिन प्लान कागजों में ही सीमट कर रह जाता है. बरौली, मीरगंज और कटेया शहरी क्षेत्रों में भी सीवरेज, नाली की कोई भी व्यवस्था नहीं है. शहर का गंदा पानी सीधे भूजल में प्रवेश कर रहा है. जिसके कारण भूजल भी दूषित हो रहा है. इस वजह से प्रथम लेयर का पानी, पीने लायक नहीं है.

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गोपालगंज में जल जमाव का नजारा

शहर में जल जमाव की समस्या
शहरवासियों की शिकायत है, शहर में सीवरेज की कोई व्यवस्था नहीं है. कई जगहों पर नाला नहीं है. जहां नाला है, वो एक दूसरे से कनेक्ट नहीं है. इस वजह से जल जमाव होता है. नाले की कमी की वजह से सड़कों पर जल जमाव आम बात है.

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नगर परिषद चेयरमैन हरेंद्र चौधरी

शहरी विकास मंत्रालय को भेजा जा रहा प्रस्ताव
नगर परिषद चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि सीवरेज नेटवर्क बनाने की योजना पर तेजी से कार्य किया जाएगा. बोर्ड के माध्यम से एक प्रस्ताव लिया गया है. इस प्रस्ताव को नगर विकास व आवास विभाग के माध्यम से केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के पास भेजा जा रहा है. ताकि राशि आवंटित हो और सीवरेज लाइन का लाभ नगरवासियों को मिल सके.

Intro:शहर के लोगों के लिए जल निकासी सबसे बड़ी समस्या है सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए कभी डीपीआर बनाने के बाद होती है तो कभी सर्वे की योजना बनती है। लेकिन पिछले कई वर्षों से यह योजना अटका पड़ा हुआ है। शहर के लोग भले ही नगरीय टैक्स देते हो। परंतु नगरीय सुविधा से शहर वासी वंचित रह जाते हैं। सीवरेज सिस्टम दुरुस्त नहीं रहने से
शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोग जल जमाव की समस्या और दूषित पानी पीने को विवश है। जलजमाव की समस्या से यहां के लोग आये दिन जूझते रहते हैं।






Body:सरकारी स्तर पर हरेक शहरी इलाके में सीवरेज की व्यवस्था की जानी है, लेकिन यहां सीवरेज की व्यवस्था पूरी तरह से फेल है। शहर के कई इलाकों के लोग प्रथम लेयर का ही पानी पीते हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि आम लोगों के स्वास्थ्य पर कितना बड़ा खतरा उत्पन्न होगा। नगर परिषद गोपालगंज क्षेत्र में करीब 4 साल पूर्व से सीवरेज की व्यवस्था लागू करने का प्लान बनाया जा रहा है। लेकिन यह व्यवस्था आज भी कागज से बाहर नहीं आ सकी। जिला मुख्यालय के अलावा बरौली मीरगंज व कटेया शहरी क्षेत्रों में सीवरेज की कोई भी व्यवस्था नहीं है। साथ ही कई जगह नाली की भी व्यवस्था नहीं है। कहीं नाली की व्यवस्था है भी तो वह आपस में कनेक्ट नहीं है। ताकि एक साथ पानी को एक जगह बहाया जा सके। आलम यह है कि नाले का पानी सड़कों पर बहता है। सबसे ज्यादा समस्या तब होती है जब चंद बारिश में बारिश का पानी सड़कों पर नजर आने लगता है। जिससे आम से लेकर खास तक के लोगों को समस्या होती है। साथ ही शहर से निकलने वाली गंदगी बगैर सीवरेज और ट्रीटमेंट प्लांट के सीधे भूजल में प्रवेश कर रही है। ऐसे में भूजल के दूषित होने का प्रतिशत लगातार बढ़ता जा रहा है। जिला मुख्यालय व आसपास के इलाके में प्रथम लेयर का पानी पीने योग्य नहीं है। ऐसे में प्रथम लेयर का पानी पीना स्वास्थ्य को खतरे में डालने के जैसा है। बावजूद इसके रोकने के लिए कोई भी कार्य व्यवस्था नहीं की गई।स्थानीय लोगों के माने तो शहर में सीवरेज की कोई व्यवस्था नहीं है। कई जगहों पर नाला नहीं है नाला है भी तो एक दूसरे से कनेक्ट नहीं है। जिस कारण जल जमाव की स्थिति बनी रहती है।नाला की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण कई मुख्य सड़कों पर हमेशा जलजमाव की समस्या बनी रहती है। वही नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी के माने क्षेत्र में तो सीवरेज नेटवर्क बनाने की योजना पर तेजी से कार्य किया जाएगा इसके लिए एक प्रस्ताव बोर्ड के माध्यम से लिया गया है हमलोग इस प्रस्ताव को नगर विकास व आवास विभाग के माध्यम से केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के पास भेजा जा रहा है ताकि हम लोगो को राशि आवंटित हो सके ताकि सीवरेज लाइन का लाभ नगरवासियों को मिल सके।


Conclusion:na
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