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गोपालगंज: इस गांव के लोग सड़क नहीं बनने से हैं नाराज, चुनाव के दौरान सिखाएंगे सबक

गोपालगंज के हलवार पिपरा गांव का सड़क पिछले 17 वर्षों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा हैं. गांव के लोगों ने इस लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया है.

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Published : Mar 18, 2019, 10:52 PM IST

जर्जर सड़क

गोपालगंज: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गया है, लेकिन जिले के एक गांव ने सड़क नहीं बनने से वोट का बहिष्कार करने का फैसला लिया है. इस गांव का सड़क पिछले 17 वर्षों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा हैं. लेकिन अभी तक गांव के इस समस्या पर किसी प्रतिनिधि का ध्यान नहीं गया.

जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर बरौली प्रखंड का हलवार पिपरा का सड़क वर्षो से जर्जर हाल में है. इस सड़क का निर्माण वर्ष 2002 में हुआ था. उसके बाद कभी भी इस सड़क का मरम्मत नहीं किया गया है. तीन किलोमीटर तक इस सड़क का ऐसा हाल है. सड़क पर गड्ढे नहीं गड्ढे में सड़क है. इस जर्जर सड़क पर आए दिन दुर्घटनाएं रहती है. यह सड़क कई गांवों को जोड़ती है.

जर्जर सड़क से आक्रोशित ग्रामीण

सड़क नहीं तो वोट भी नहीं

वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई चुनावों में इस सड़क की मरम्मत करने के लिए मांग की गई. गाँव में नेताएं सिर्फ विकास का अश्वासन देतें हैं. वो बड़े बड़े वादे कर चले जाते हैं. चुनाव जीतने के बाद कोई ध्यान नहीं देता है. उनका कहना है कि इस लोकसभा चुनाव में प्रतिनिधियों को गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी जाएगी. सड़क नहीं बना तो वोट भी नहीं जाएगा.

गोपालगंज: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गया है, लेकिन जिले के एक गांव ने सड़क नहीं बनने से वोट का बहिष्कार करने का फैसला लिया है. इस गांव का सड़क पिछले 17 वर्षों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा हैं. लेकिन अभी तक गांव के इस समस्या पर किसी प्रतिनिधि का ध्यान नहीं गया.

जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर बरौली प्रखंड का हलवार पिपरा का सड़क वर्षो से जर्जर हाल में है. इस सड़क का निर्माण वर्ष 2002 में हुआ था. उसके बाद कभी भी इस सड़क का मरम्मत नहीं किया गया है. तीन किलोमीटर तक इस सड़क का ऐसा हाल है. सड़क पर गड्ढे नहीं गड्ढे में सड़क है. इस जर्जर सड़क पर आए दिन दुर्घटनाएं रहती है. यह सड़क कई गांवों को जोड़ती है.

जर्जर सड़क से आक्रोशित ग्रामीण

सड़क नहीं तो वोट भी नहीं

वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई चुनावों में इस सड़क की मरम्मत करने के लिए मांग की गई. गाँव में नेताएं सिर्फ विकास का अश्वासन देतें हैं. वो बड़े बड़े वादे कर चले जाते हैं. चुनाव जीतने के बाद कोई ध्यान नहीं देता है. उनका कहना है कि इस लोकसभा चुनाव में प्रतिनिधियों को गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी जाएगी. सड़क नहीं बना तो वोट भी नहीं जाएगा.

Intro:जर्जर सड़क:रोड नही तो वोट नही

गोपालगंज। लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां काफी तेज हो गई है ऐसे में मतदाता भी अपने द्वारा बहुमूल्य मत देकर चुने गए जनप्रतिनिधियों को पुरानी वादे याद दिलाने से पीछे नहीं हटते। अगर बात की जाए जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर बरौली प्रखंड का हलवार पिपरा सड़क की तो यह सड़क बीते 17 वर्षों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा हैं। वर्ष 2002 में निर्माण हुए इस सड़क पर आज तक किसी प्रतिनिधियों ने ध्यान नहीं दिया जिसके कारण यह जर्जर हो चुकी है। इस जर्जर सड़क पर आए दिन दुर्घटनाएं होती है। तीन किलोमीटर तक इस सड़क मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। जिसके कारण इस सड़क पर चलते वाहन हिचकोले खाते हुए कई बार दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। बावजूद जनप्रतिनिधि की निगाहें इसपर नहीं जाती। ग्रामीणों माने तो हर चुनाव में इस सड़क को लोकल मुद्दा बनाया जाता है। बड़े बड़े वादे किए जाते है गाँव के विकास के लिए लंबे लंबे बाते करते है लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई ध्यान नहीं देता। यह सड़क बरौली प्रेम नगर आश्रम से निकलकर कलकलवा, छोटा बढ़ेया, हलुआर, पीपरा जगीरहा, मधुबनी सहित कई गांवों को जोड़ते हुए बरहिमा निकलती है। यह सड़क अलवर से लेकर मधुबनी तक काफी जर्जर है। अब ग्रामीणों ने मन बना लिया है आने वाले लोक सभा चुनाव में बड़े बड़े वादे करने वाले नेताओं को सबक सिखाया जयेगा साथ ही इस गांव में प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी। अगर रोड नही तो वोट नही


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