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यहां पर लोगों को पब्लिक सर्विस से ज्यादा है खुद की गाड़ी पर भरोसा, देखें पूरी रिपोर्ट - परिवहन पदाधिकारी प्रमोद कुमार

सड़को पर वाहनों के बढ़ते तादाद से वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है. सरकार की ओर से प्रदूषण कम करने के लिए पब्लिक सर्विस वाहनों को लाया गया. लेकिन यहां सरकार की ये योजना असफल होती दिख रही है.

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Published : Dec 18, 2019, 10:42 PM IST

गोपालगंज: जिले में निजी वाहनों के कारण प्रदूषण स्तर बढ़ता ही जा रहा है. यहां लोग मजबूरन पब्लिक सर्विस का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि ये पब्लिक सर्विस वाहन मनमाना किराये की वसूली करते हैं. जिस वजह से लोग निजी वाहनों का ही इस्तेमाल करते हैं.

पब्लिक सर्विस निजी वाहनों से महंगा
जिले में सड़को पर वाहनों के बढ़ते तादाद से वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है. सरकार की ओर से प्रदूषण कम करने के लिए पब्लिक सर्विस वाहनों को लाया गया. लेकिन यहां सरकार की ये योजना असफल होती दिख रही है. क्योंकि लोग यहां पब्लिक सर्विस लेने के बजाय खुद के वाहनों से सफर करना पसंद करते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के पब्लिक सर्विस वाहन के चालक मनमाना किराया लेते हैं और यात्रियों को ये महंगा पड़ता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

मनमाने ढ़ंग से होती है किरायी की वसूली
निजी वाहन मालिकों ने बताया कि बस किराए से सिंगल बाइक से सफर करना ज्यादा सस्ता पड़ता है. 2 लोगों के लिए तो यह और किफायती है. वहीं 4-5 लोगों के लिए कार का सफर बेहतर है. उन्होंने कहा कि पब्लिक सर्विस मनमाने ढंग से पैसे वसूलती है. इसका कोई निर्धारित किराया नहीं है. हम जानते हैं निजी वाहन से प्रदूषण बढ़ता है, लेकिन हम भी तो मजबूर हैं.

किराया है निर्धारित- पदाधिकारी
परिवहन पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि पब्लिक सर्विसों का प्रति किलोमीटर दर से किराया निर्धारित किया गया है और रुट भी बनाया गया है. साथ ही उन्हें रेट चार्ट अपने वाहनों पर लगाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि वाहनों के प्रदूषण की भी नियमित जांच की जाती है.

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पब्लिक सर्विस निजी वाहनों से महंगा

कितना है पब्लिक सर्विस फायदा
बता दें कि जिले में यात्री बस और ऑटो का भाड़ा डेढ़ रुपए प्रति किलो की दर से वसूला जाता है. वहीं बाइक से कहीं जाने में प्रति किलो मीटर सिंगल चालक को 1 से 1.20 रुपये का खर्च आता है. इन हालातों में प्रदूषण कम करने के लिए काम ठोस रूप नहीं ले पा रहा है.

गोपालगंज: जिले में निजी वाहनों के कारण प्रदूषण स्तर बढ़ता ही जा रहा है. यहां लोग मजबूरन पब्लिक सर्विस का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि ये पब्लिक सर्विस वाहन मनमाना किराये की वसूली करते हैं. जिस वजह से लोग निजी वाहनों का ही इस्तेमाल करते हैं.

पब्लिक सर्विस निजी वाहनों से महंगा
जिले में सड़को पर वाहनों के बढ़ते तादाद से वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है. सरकार की ओर से प्रदूषण कम करने के लिए पब्लिक सर्विस वाहनों को लाया गया. लेकिन यहां सरकार की ये योजना असफल होती दिख रही है. क्योंकि लोग यहां पब्लिक सर्विस लेने के बजाय खुद के वाहनों से सफर करना पसंद करते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के पब्लिक सर्विस वाहन के चालक मनमाना किराया लेते हैं और यात्रियों को ये महंगा पड़ता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

मनमाने ढ़ंग से होती है किरायी की वसूली
निजी वाहन मालिकों ने बताया कि बस किराए से सिंगल बाइक से सफर करना ज्यादा सस्ता पड़ता है. 2 लोगों के लिए तो यह और किफायती है. वहीं 4-5 लोगों के लिए कार का सफर बेहतर है. उन्होंने कहा कि पब्लिक सर्विस मनमाने ढंग से पैसे वसूलती है. इसका कोई निर्धारित किराया नहीं है. हम जानते हैं निजी वाहन से प्रदूषण बढ़ता है, लेकिन हम भी तो मजबूर हैं.

किराया है निर्धारित- पदाधिकारी
परिवहन पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि पब्लिक सर्विसों का प्रति किलोमीटर दर से किराया निर्धारित किया गया है और रुट भी बनाया गया है. साथ ही उन्हें रेट चार्ट अपने वाहनों पर लगाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि वाहनों के प्रदूषण की भी नियमित जांच की जाती है.

gopalganj
पब्लिक सर्विस निजी वाहनों से महंगा

कितना है पब्लिक सर्विस फायदा
बता दें कि जिले में यात्री बस और ऑटो का भाड़ा डेढ़ रुपए प्रति किलो की दर से वसूला जाता है. वहीं बाइक से कहीं जाने में प्रति किलो मीटर सिंगल चालक को 1 से 1.20 रुपये का खर्च आता है. इन हालातों में प्रदूषण कम करने के लिए काम ठोस रूप नहीं ले पा रहा है.

Intro:पर्यावरण का प्रदूषित होना एक बहुत बड़ी समस्या बनता जा रहा है। और इससे छुटकारा पाने का दूर-दूर तक कोई साधन नजर नहीं आ रहा है। हालांकि सरकार द्वारा कई तरह के योजनाएं भी चलाई जा रही है। बावजूद प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है।गोपालगंज जिले में निजी वाहनों का तादाद काफी बढ़ता जा रहा है। और पब्लिक टसर्बिस से सफर करना लोग छोड़ते जा रहे हैं। क्योंकि पब्लिक सर्विस में किराए मनमाने वसूले जाते हैं। यही कारण है कि लोग पब्लिक सर्बिस के बजाय निजी वाहनों से सफर करना मुनासिब समझते हैं। जिससे प्रदूषण की खतरा भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है।


Body:पब्लिक सर्विस के बाजाये जिले में करते है, लोग प्राइवेट वाहनों का उयोग, बढ़ रहे है प्रदूषण

--यात्रियों से वसूले जाते है, मनमाने किराए

गोपालगंज जिले के सड़कों पर सरपट दौड़ रही वाहनों पर नजर डाले तो यह पता चलता है। कि इन वाहनों द्वारा रोज-रोज वातावरण में कितना प्रदूषण फैलाया जा रहा है। वहीं जिले में पब्लिक सर्बिस भी सफल होता हुआ नहीं नजर आ रहा है। क्योंकि लोग पब्लिक सर्बिस के बजाय खुद के वाहनों से सफर करना पसंद करते हैं। जो खनिज संपदा के लिए घातक तो है ही साथ ही पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। इस संदर्भ में निजी वाहन मालिकों ने बताया कि बस के किराए से सिंगल बाइक से जाना सस्ता है। 2 लोगों के लिए तो यह और किफायती है। वही 4-5 लोगों के लिए कार का सफर बेहतर है। साथ ही पब्लिक सर्विस द्वारा मनमाने ढंग से पैसे वसूले जाते है। जिसका किराया कोई निर्धारित नही है।

बाइट-हैपी कुमार

बता दें कि जिले में यात्री बस और ऑटो का भाड़ा डेढ़ रुपए प्रति किलो की दर से वसूला जा रहा है। वहीं बाइक से कहीं जाने में प्रति किलो मीटर सिंगल चालक को 1 से 1.20 रुपये का खर्च आता है। 2 लोगों पर प्रति किलोमीटर खर्च घटकर 50 से 60 पैसे हो जाता है। हकीकत यह है की किराया दर ज्यादा होने से जिले में रोजाना औसतन तीन करोड़ 5 लाख के डीजल और पेट्रोल की खपत है। इसे प्रदूषण का स्तर 140 एक्यूआई से ऊपर हो गया है।
बाइट- संजय पांडेय (पर्यावरणविद व मामले के जानकार)

वर्तमान समय मे बसों और ट्रेनों तथा अन्य पब्लिक सर्विस का हाल काफी खस्ता है। यात्रियों से मनमाने ढंग से किराए वसूले जा रहे है। पिछले कुछ वर्षों में टू व्हीलर व फोर व्हीलर खरीदने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इसके कारण प्रदूषण और सड़को पर घण्टो लगने वाला जाम भी बड़ा है। इस संदर्भ में परिवहन पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि पब्लिक सर्बिस पर किलोमीटर के दर से किराया भी निर्धारित किया गया है। और रुट भी बनाया गया है। साथ ही उन्हें रेट चार्ट अपने वाहनों पर लगाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही वाहनों के प्रदूषण की भी नियमित जांच की जाती है।

बाइट-प्रमोद कुमार जिला परिवहन पदाधिकारी

ईटीवी भारत ने इंधन के खर्च का सर्वे किया तो इस दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जिले में पेट्रोल पंप की संख्या 74 है। प्रत्येक पंप पर रोजाना लगभग 35 सौ से 4 हजार लीटर डीजल और 15 सौ से 16 सौ लीटर पेट्रोल की बिक्री है। यानी कि डीजल की औसत खपत प्रतिदिन 3 लाख लीटर और पेट्रोल की बिक्री रोजाना लगभग 1 लाख 11 हजार लीटर है। जिसकी कीमत 3 करोड़ 4 लाख के करीब है।

एक नजर आंकड़ो पर
पेट्रोल पंप की संख्या 74
जिले में वाहनों की संख्या 2 लाख 16 हजार
एक पेट्रोल पंप पर रोज पेट्रोल की बिक्री 15 से 16 सौ लीटर
एक पेट्रोल पंप पर रोज की बिक्री 35 से 4 हजार सौ लीटर
पेट्रोल के वर्तमान दर 80.57 रु/ली.
डीजल के वर्तमान दर 71.62 रु/ली.
प्रदूषण का स्तर 140 एक्यूआई

पब्लि और निजी सवारी का खर्च
स्थान किमी बस भाड़ा बाइक से खर्च
सिवान 30 40 33
थावे 6 10 07
मीरगंज। 16 20 15
महमदपुर। 32 40 34
बढ़ेया। 15 20 17
सासामुसा 8 15 10
कुचायकोट। 13 20 15





Conclusion:कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि लगातार बढ़ रहे निजी वाहन व कम हो रहे पब्लिक सर्बिस से पर्यावरण पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। जिसके कारण पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है अगर समय रहते सरकार कोई कारगर उपाय नही करती तो पर्यावरण को बचा पाना मुश्किल ही नही नामुमकिन हो जाएगा
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