गोपालगंज: जिले में निजी वाहनों के कारण प्रदूषण स्तर बढ़ता ही जा रहा है. यहां लोग मजबूरन पब्लिक सर्विस का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि ये पब्लिक सर्विस वाहन मनमाना किराये की वसूली करते हैं. जिस वजह से लोग निजी वाहनों का ही इस्तेमाल करते हैं.
पब्लिक सर्विस निजी वाहनों से महंगा
जिले में सड़को पर वाहनों के बढ़ते तादाद से वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है. सरकार की ओर से प्रदूषण कम करने के लिए पब्लिक सर्विस वाहनों को लाया गया. लेकिन यहां सरकार की ये योजना असफल होती दिख रही है. क्योंकि लोग यहां पब्लिक सर्विस लेने के बजाय खुद के वाहनों से सफर करना पसंद करते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के पब्लिक सर्विस वाहन के चालक मनमाना किराया लेते हैं और यात्रियों को ये महंगा पड़ता है.
मनमाने ढ़ंग से होती है किरायी की वसूली
निजी वाहन मालिकों ने बताया कि बस किराए से सिंगल बाइक से सफर करना ज्यादा सस्ता पड़ता है. 2 लोगों के लिए तो यह और किफायती है. वहीं 4-5 लोगों के लिए कार का सफर बेहतर है. उन्होंने कहा कि पब्लिक सर्विस मनमाने ढंग से पैसे वसूलती है. इसका कोई निर्धारित किराया नहीं है. हम जानते हैं निजी वाहन से प्रदूषण बढ़ता है, लेकिन हम भी तो मजबूर हैं.
किराया है निर्धारित- पदाधिकारी
परिवहन पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि पब्लिक सर्विसों का प्रति किलोमीटर दर से किराया निर्धारित किया गया है और रुट भी बनाया गया है. साथ ही उन्हें रेट चार्ट अपने वाहनों पर लगाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि वाहनों के प्रदूषण की भी नियमित जांच की जाती है.
कितना है पब्लिक सर्विस फायदा
बता दें कि जिले में यात्री बस और ऑटो का भाड़ा डेढ़ रुपए प्रति किलो की दर से वसूला जाता है. वहीं बाइक से कहीं जाने में प्रति किलो मीटर सिंगल चालक को 1 से 1.20 रुपये का खर्च आता है. इन हालातों में प्रदूषण कम करने के लिए काम ठोस रूप नहीं ले पा रहा है.