गोपालगंज: कोरोना वायरस (Corona Virus) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बिहार में लगे लॉकडाउन (Lockdown) से सारे काम-धंधे ठप पड़ गए थे. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी मजदूरों को हो रही है. सरकार ने इनकी परेशानी को देखते हुए तीन महीने तक मुफ्त में अतिरिक्त अनाज देने की व्यवस्था की है, लेकिन इसके वितरण को लेकर आए दिन शिकायतें आ रही हैं. इसी कड़ी में फुलवरिया प्रखण्ड के सेलार कला गांव में संचालित एक पीडीएस दुकानदार लाभुकों को सड़ा हुआ अनाज मुहैया करा रहे हैं.
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दरअसल फुलवरिया प्रखंड के सेलार कलता गांव जहां सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का पैतृक गांव है. उस गांव में स्थित फुलपती देवी नाम से संचालित पीडिएस दुकान में विशुनपुरा गांव के निवासी लाभुकों को जब सड़ा हुआ चावल दिया गया तो लाभुकों ने इसका विरोध किया. लेकिन पीडिएस दुकानदार ने उनकी एक न सुनी और उन्हें वही सड़ा हुआ चावल देकर भेज दिया. मजबूर लाभुक वही चावल लेकर अपने घर चले गए लेकिन उनका गुस्सा फूट पड़ा और विशुनपुर गांव में पीडिएस दुकानदार के खिलाफ हाथ मे सड़ा हुआ चावल लेकर प्रदर्शन करने लगे.
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लाभुकों ने कहा कि डीलर की ओर से सड़ा हुआ चावल दिया जाता है. इसके साथ ही पूरा पैसा लेकर पांच किलो की जगह चार किलो अनाज दिया जाता है. कई बार इसकी शिकायत अधिकारियों से की जाती है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. वहीं, इस संदर्भ में डीलर से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि गोदाम से जो चावल मुहैया होती है उसे ही हम लोग वितरण करते है. जब जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. जांच चल रही है जो भी दोषी होंगे उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी.
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बहरहाल यह एक अकेला मामला सिर्फ सेलार का ही नहीं बल्कि हर जगह अमूमन ऐसा ही देखने को मिल रहा है. जहां लाभुकों को सड़ा हुआ अनाज दिया जाता है. लेकिन सवाल यह है कि जब डीलर को गोदाम से सड़ा हुआ अनाज दिया जाता है तो क्यों नहीं उसकी शिकायत अधिकारियों से की जाती है. जिससे कि सही अनाज लाभुकों को मिल सके.