गोपालगंज: सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत का सपना को पूरा करना अब लोगों के वश की बात नहीं रह गई है. यह हम नहीं, बल्कि जिले के विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी भवनों में सीढ़ी के कोने या किनारे में लगाए गए ये तस्वीरें खुद बयां कर रही हैं.
दरअसल, गोपालगंज जिले के कई सरकारी दफ्तर और कमर्शियल कंपलेक्स में स्वच्छता को लेकर एक नया फॉर्मूला अपनाया जा रहा है. इमारतों की सीढ़ी चढ़ते समय आपकी नजर दीवारों पर लगी देवी देवताओं की तस्वीरों से टकराएगी. यह नया प्रचलन धार्मिक होने का परिचय नहीं देता है, बल्कि स्वच्छता को बढ़ावा देने की नई तरकीब है. अक्सर ऊंचे इमारतों की सीढ़ियां चढ़ते समय लोग थूक कर दीवारें गंदा कर देते हैं. खासकर सरकारी दफ्तरों में दीवार गंदा होने के कारण दफ्तर में प्रवेश करते समय हाकिम और बाबूओं में नकारात्मक ऊर्जा भर कर जाती है.
ये भी पढ़ें: 41 नेताओं ने RLSP से दिया इस्तीफा, कहा- उपेंद्र कुशवाहा कर रहे JDU में विलय की तैयारी
दफ्तर गंदा होने से कार्यकुशलता भी प्रभावित हो जाती है. दीवारों पर थूकने से संक्रमण का भी खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में मांझागढ़ प्रखंड कार्यालय की सीढ़ियों पर धार्मिक तस्वीरें लगा कर नया प्रयोग की गई. अब दीवारों पर थूकने के बजाय दफ्तर में जाने के लिए और अपने कार्य निष्पादन के लिए दफ्तर आए लोग सीढ़ी चढ़ते समय अपने आराध्य को नमन कर आगे बढ़ते हैं. तीन मंजिली इमारत पर चढ़ते समय देवी देवता का सहारा लेकर यहां के लोगों के बुरी आदत सुधारने की कोशिश की जा रही है.
पहले जहां इसे सुधारने के लिए पान की थूकने वालों पर जुर्माना को लेकर स्लोगन लिखी गई जाती थी. साफ सुथरा परिसर के लिए हर महीने सीढ़ियों की दीवारों का रंग रोगन कराया जाता था. लेकिन बुरी आदत से लाचार लोग यत्र-तत्र थूककर दीवारों को गंदा कर देते हैं. लेकिन यह उपाय कारगर साबित हो रहा है. इस तरह का प्रयोग अब सरकारी दफ्तरों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि सार्वजनिक इमारतों की सीढ़ियों पर धार्मिक तस्वीरें लगाना अब नया ट्रेंड बन गया है. धर्मों के सम्मान में लोग दीवारों पर गंदगी नहीं फैलाते है.
पढ़ें: 'उमगा पहाड़ को पर्यटन स्थल के रूप में किया जाएगा विकसित, रोपवे का होगा निर्माण'
वहीं, इमारत में प्रवेश करने से पहले अपने आराध्य का दर्शन होने से मन मिजाज सकारात्मक रहता है. काम करते समय दफ्तर में ऊर्जा बनी रहती है. काम भी ज्यादा निकलता है. इस नए ट्रेड को कुछ लोग विरोध भी कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि किसी की बुरी आदत सुधारने और अपनी नाकामी छुपाने के लिए किसी धार्मिक तस्वीरों का प्रयोग करना ठीक नहीं है. प्रखंड के कर्मियों व अधिकारियों को इस पर तत्काल ध्यान देना चाहिए और किसी के धर्म के साथ खिलवाड़ नहीं करना ठीक नहीं है.