गोपालगंजः कोरोना को लेकर बिहार में लाॅकडाउन लगा हुआ है. लेकिन इस बीच कुछ पाबंदियों के साथ शादी समारोह की अनुमति दी गई है. ये शादी समारोह कोरोना संक्रमण के फैलाव का एक बड़ा कारण साबित हो रहे हैं. आलम कुछ ऐसा है कि जिन घरों में कुछ दिन पहले तक शादी समारोह को लेकर खुशियों का माहौल था, वहां अब कोरोना के कारण मातम पसरा हुआ है. ताजा मामला जिले के कटेया थाना क्षेत्र का है.
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28 अप्रैल को हुई थी शादी
दरअसल कटेया थाना क्षेत्र के रुद्रपुर गांव के 30 वर्षीय युवक दुर्गेश पांडेय का विवाह 28 अप्रैल को पश्चिमी चंपारण के बगहा थाना के बनकटवा गांव मे प्रियंका मिश्रा के साथ संपन्न हुआ था. मगर कोरोना के कहर ने 15 दिनों में ही प्रियंका के सुहाग को छीन लिया.
दुर्गेश पांडेय की मौत कोरोना के कारण हो गई. इस घटना के बाद पूरे गांव ही नहीं बल्कि कटेया प्रखंड क्षेत्र में मातमी माहौल है. हर तरफ इसी घटना की चर्चा है.
अतिथि शिक्षक के तौर पर थे कार्यरत
बता दें कि दुर्गेश पांडेय कटेया प्रखण्ड के ज्ञानेश्वरी उच्च विद्यालय गौरा बाजार में बतौर अतिथि शिक्षक कार्यरत थे. 29 अप्रैल को बारात लौटने के बाद से ही दुर्गेश को बुखार था. जिसका इलाज स्थानीय स्तर पर किया गया. हालत बिगड़ते देख परिजनों ने 5 मई को दुर्गेश को गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान 15 मई को उसकी मौत हो गई.
गांव में कोविड टेस्ट कराने की मांग
मौत की खबर मिलने के बाद मुखिया मुन्ना पांडेय और परिजन गोरखपुर पहुंचे. परिजनों ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मृतक का अंतिम संस्कार गोरखपुर में ही किया. मृतक दुर्गेश पांडेय की एक शिक्षक के रूप में पूरे प्रखण्ड क्षेत्र में पहचान थी. इस घटना के बाद मुखिया और ग्रामीणों ने कैम्प लगाकर कोरोना टेस्ट कराने की मांग की है.