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गोपालगंज: श्रमिक संगठनों ने एक दिवसीय भूख हड़ताल कर सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

इंटक सहित कई श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा पारित श्रम कानूनों को निलंबित करने संबधित अध्यादेश वापस लेने का मांग की.

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Published : May 22, 2020, 10:47 PM IST

गोपालगंज: जिले में दरगाह रोड स्थित राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के कार्यालय में कई श्रमिक संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय भूख हड़ताल की. केंद्रीय श्रमिक संगठन के जिलाध्यक्ष कर्ण प्रताप सिंह के नेतृत्व में सामाजिक दूरी बनाते हुए मजदूरों ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया.

धरना प्रदर्शन में इंटक सहित कई श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा पारित श्रम कानूनों को निलंबित करने संबधित अध्यादेश वापस लेने का मांग की. साथ ही जिलाध्यक्ष ने लॉकडाउन में अलग-अलग दुघर्टना में मारे गए लोगों के परिजनों को बीस लाख रुपए और सरकारी नौकरी देने की मांग की.

राहत पैकेज का किया विरोध
उन्होंने कहा कि, लॉकडाउन में देश भर से मजदूर वापस आ रहे है. वहीं कई श्रमिक दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे है. सरकार इनके परिजनों को बीस लाख रुपया और सरकारी नौकरी दें ताकि इनका घर चल सके.मजदूरों ने हाथों में बैनर लेकर सरकार के राहत पैकेज का विरोध किया.

प्रदर्शन कर रहे श्रमिक संगठन
प्रदर्शन कर रहे श्रमिक संगठन

श्रम कानूनों में संशोधन का किया विरोध
प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने कहा कि उद्योपतियों के हित में सरकार श्रम कानूनों में संशोधन कर रही है. उन्होंने श्रम कानूनों को निलंबित करने संबंधी अध्यादेश वापस लेने की मांग की. साथ ही उन्होंने 8 घंटे के बदले 12 घंटे का कार्यकाल संबंधी अध्यादेश का विरोध किया.

मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्ति करे सरकार
उन्होंने कहा कि सरकार राज्यों से वापस आ रहे मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार पीएम केयर फंड्स के खर्च का हिसाब दे. उन्होंने लॉकडाउन में दुर्घटना से मृत मजदूरों के परिजनों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा और घर के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की.

गोपालगंज: जिले में दरगाह रोड स्थित राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के कार्यालय में कई श्रमिक संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय भूख हड़ताल की. केंद्रीय श्रमिक संगठन के जिलाध्यक्ष कर्ण प्रताप सिंह के नेतृत्व में सामाजिक दूरी बनाते हुए मजदूरों ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया.

धरना प्रदर्शन में इंटक सहित कई श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा पारित श्रम कानूनों को निलंबित करने संबधित अध्यादेश वापस लेने का मांग की. साथ ही जिलाध्यक्ष ने लॉकडाउन में अलग-अलग दुघर्टना में मारे गए लोगों के परिजनों को बीस लाख रुपए और सरकारी नौकरी देने की मांग की.

राहत पैकेज का किया विरोध
उन्होंने कहा कि, लॉकडाउन में देश भर से मजदूर वापस आ रहे है. वहीं कई श्रमिक दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे है. सरकार इनके परिजनों को बीस लाख रुपया और सरकारी नौकरी दें ताकि इनका घर चल सके.मजदूरों ने हाथों में बैनर लेकर सरकार के राहत पैकेज का विरोध किया.

प्रदर्शन कर रहे श्रमिक संगठन
प्रदर्शन कर रहे श्रमिक संगठन

श्रम कानूनों में संशोधन का किया विरोध
प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने कहा कि उद्योपतियों के हित में सरकार श्रम कानूनों में संशोधन कर रही है. उन्होंने श्रम कानूनों को निलंबित करने संबंधी अध्यादेश वापस लेने की मांग की. साथ ही उन्होंने 8 घंटे के बदले 12 घंटे का कार्यकाल संबंधी अध्यादेश का विरोध किया.

मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्ति करे सरकार
उन्होंने कहा कि सरकार राज्यों से वापस आ रहे मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार पीएम केयर फंड्स के खर्च का हिसाब दे. उन्होंने लॉकडाउन में दुर्घटना से मृत मजदूरों के परिजनों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा और घर के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की.

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